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Shardiya Navratri:चाहते हैं मां दुर्गा आप से नहीं हो नाराज तो नवरात्रि में इन कामों से बना लें दूरी, वरना रहेंगे परेशान

Shardiya Navratri:नवरात्रि में माता के सभी रूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से माता जातक को सुख समृद्धि के साथ यश और वैभव भी प्रदान करती हैं। आज हम आपको बतते हैं कि इन दिनों में क्या नहीं करना चाहिए-

Shardiya Navratri:चाहते हैं मां दुर्गा आप से नहीं हो नाराज तो नवरात्रि में इन कामों से बना लें दूरी, वरना रहेंगे परेशान
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By Shanti Suman

Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू है। इस बार नवरात्रि में माता रानी हाथी पर आ रही है। नवरात्रि एक ऐसा पर्व है जो साल में दो बार आता है और भक्त जी जान से माता के सभी स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं। माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के उपाए भी करते हैं। लेकिन गलती से कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता है जिससे माता नाराज हो सकती हैं। इसलिए भूलकर भी ऐसे कामों को नहीं करने चाहिए,जिससे माता रूष्ट हों।

ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में माता के सभी रूपों की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से माता जातक को सुख समृद्धि के साथ यश और वैभव भी प्रदान करती हैं। आज हम आपको बतते हैं कि इन दिनों में क्या नहीं करना चाहिए-

नवरात्रि में नहीं करें ये काम

नवरात्रि में न दुखाएं कन्याओं का दिल

भारतीय संस्कृति में कन्याओं को मां दुर्गा का ही स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि नवरात्रि में कन्या पूजन करते हैं। और कन्या पूजन के बाद नौं दिन का व्रत खोलते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरातों के दौरान किसी भी कन्या या महिला के प्रति असम्मान की भावना अपने मन में न लाएं। क्योंकि किसी भी कन्या का अपमान होने पर मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं।

नवरात्रि में घर खाली न छोड़ें

कहा जाता है कि नवरात्रि के दिनों में घर को छोड़ कर कहीं न जाएं। और अगर आपने घर में कलश की स्थापना की है या अखंड ज्योति जला रखी है तो बिलकुल भी घर को अकेला न छोड़े।

नवरात्रि में कलह क्लेश से बचें

वैसे तो हमेशा ही घर में शांति का माहौल होना चाहिए, लेकिन नवरात्रों में तो विशेषकर आपको घर के कलह क्लेश से बचना ही चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अगर घर में माता की पूजा अर्चना विधि विधान से होती है तो उस जगह माता का वास होता है। इसलिए नौं दिनों में इन चीजों से बचें। कलह से व्रत करने वाले की आत्मा को दुख पहुंचता है जिससे देवी मां रुष्ठ हो सकती हैं।

नवरात्रि में धार्मिक बातों में मन लगाएं

नवरात्रि के नौ दिनों तक अपना समय बेकार की बातों में न लगाकर धार्मिक ग्रंथों का अध्यन करना चाहिए। साथ ही आप भी इस बात ध्यान रखें की आपके पूूजा पाठ से आपके बच्चे, पति या घर का कोई सदस्य प्रभावित तो नहीं हो रहे हैं। पूजा पाठ के साथ घर का ध्यान रखना भी जरूरी है।

नवरात्रि में लहसुन प्याज का सेवन न करें

नवरात्रि के पावन दिनों में सात्विकत भोजन ग्रहण करना चाहिए। जिससे आपका मन शांत रहता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक पूर्ण सात्विक आहार लें।

नवरात्रि में काम वासना पर काबू

नवरात्रि के दिनों में काम वासना पर नियंत्रण रखना बहुत आवश्यक हैं। इन दिनो में महिलाओं और पुरुष दोनो ब्रह्मचर्य का पालन करें। नौं दिन माता की पूजा साफ मन और श्रद्धा भक्ति के साथ करें। तभी माता प्रसन्न रहती हैं।

नवरात्रि में दिन में सोने से बचें

नवरात्रि में दिन के समय नहीं सोना चाहिए। आप चाहें तो खाली समय में माता के मंत्रों का जाप कर सकती हैं। भजन व कीर्तन भी आयोजित कर सकती हैं जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाली नवरात्रि का पहला दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन ही कलश की स्थापना की जाती है। मान्यता है कि कलश में त्रिदेव का वास होता है और कलश स्थापित कर भगवान गणेश समेत ब्रह्मा विष्णु का आह्वान किया जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में सुबह नित्यकर्म से निवृत होकर मां दुर्गा के आहवान से पहले कलश स्थापित करने का विधान है।

कलश स्थापित करने के लिए घर के मंदिर की साफ-सफाई करके एक सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं।उसके ऊपर एक चावल की ढेरी बनाएं। एक मिट्टी के बर्तन में थोड़े से जौ बोएं और इसका ऊपर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वास्तिक बनाएं, कलावा बांधे. एक नारियल लेकर उसके ऊपर चुन्नी लपेटें और कलावे से बांधकर कलश के ऊपर स्थापित करें। कलश के अंदर एक साबूत सुपारी, अक्षत और सिक्का डालें। अशोक के पत्ते कलश के ऊपर रखकर नारियल रख दें। नारियल रखते हुए मां दुर्गा का आवाह्न करना न भूलें। अब दीप जलाकर कलश की पूजा करें। फिर उसके बाद नौ दिनों के व्रत करने का मन हो तो संकल्प लेकर सप्तशती की पाठ करें।

नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त आरंभ- सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू (15 अक्टूबर 2023)

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त समापन- दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा ( 15 अक्टूबर 2023)

शारदीय नवरात्रि 2023 प्रारंभ तिथि- 15 अक्टूबर 2023

नवरात्रि पहला दिन- 15 अक्टूबर 2023- मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि दूसरा दिन- 16 अक्टूबर 2023- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि तीसरा दिन- 17 अक्टूबर 2023- मां चंद्रघंटा की पूजा

नवरात्रि चौथा दिन- 18 अक्टूबर 2023- मां कूष्मांडा की पूजा

नवरात्रि पांचवां दिन- 19 अक्टूबर 2023- मां स्कंदमाता की पूजा

नवरात्रि छठा दिन- 20 अक्टूबर 2023- मां कात्यायनी की पूजा

नवरात्रि सातवां दिन- 21 अक्टूबर 2023- मां कालरात्रि की पूजा

नवरात्रि आठवां दिन- 22 अक्टूबर 2023- मां सिद्धिदात्री की पूजा

नवरात्रि नौंवा दिन- 23 अक्टूबर 2023- मां महागौरी की पूजा

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