Ghar Ki Khushaali ki Chabhi: घर के मेन दरवाजे से खुशियां देगी दस्तक, अगर वास्तु के नियमों का रखेंगे ख्याल, जानिए कैसे
Main Darwaje par Ghar Ki Khushaali ki Chabhi:आज कल लोग सबकुछ होते हुए भी बहुत परेशान रहते हैं। क्योंकि अंदर से खुशी नहीं मिलती है। और इसकी तलाश में लाख प्रयास करते हैं , लेकिन खुशियां दरवाजे तक नहीं आ पाती है। जानिए घर का मुख्य दरवाजा भी वास्तु के अनुसार कैसे रखें
Main Darwaje par Ghar Ki Khushaali ki Chabhi : आज कल लोग सबकुछ होते हुए भी बहुत परेशान रहते हैं। क्योंकि अंदर से खुशी नहीं मिलती है। और इसकी तलाश में लाख प्रयास करते हैं , लेकिन खुशियां दरवाजे तक नहीं आ पाती है। ऐसे में परिवार की सुख-समृद्धि के लिए हर सम्भव प्रयास करते हैं। इसमें ज्योतिष उपाय भी करते हैं लेकिन फिर भी कुछ ना कुछ समस्याएं लगी ही रहती है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही समस्या उत्पन्न हो रही हैं तो आपको अपने घर के वास्तु पर भी ध्यान देना होगा, घर के वास्तु की बात करें तो घर के सभी कमरों की दिशा और स्थिति का घर में रहने वाले लोगों के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। खासकर घर का मुख्य दरवाजा भी वास्तु के अनुसार कैसे ,रखें।
जिस घर में हम रहते हैं, उसमें सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा हमारे घर में प्रवेश करती है। ऐसे में अगर मुख्यद्वार का वास्तु सही है तो फिर बाहर से आने वाली नकारात्मक ऊर्जाओं से घर सुरक्षित रहता है, पर वहीं अगर घर के प्रवेश द्वार में ही वास्तु दोष है तो फिर नकारात्मक ऊर्जाओं और शक्तियों को ये स्वयं आर्कषित करता है, जिससे घर की सुख-शांति पर विपरित प्रभाव पड़ता है। इसलिए घर के मुख्य दरवाजे का दोष मुक्त होना बेहद आवश्यक है। ज्योतिष के अनुसार कुछ उपाय हैं, जिन्हें करने से घर में खुशहाली प्रवेश करती है।
घर के दरवाजे का वास्त दोष
घर के मुख्य द्वार पर सुबह के समय उठते ही गंगाजल छिड़क देना चाहिए, इससे घर की शुभता बढ़ती है और आपका घर देवी लक्ष्मी के प्रवेश योग्य बनता है । इसलिए ये कार्य सुबह-सुबह घर की स्त्री यानी गृहलक्ष्मी को कर लेना चाहिए। इससे रात में एकत्रित हुई नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और माता लक्ष्मी के आगमन का मार्ग प्रशस्त होता है।
घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक बनाने से हर तरह के वास्तु दोष का नाश होता है। साथ ही अगर घर के प्रवेश द्वार को रंगोली से सजाया जाए इससे देवी लक्ष्मी की आपके घर की तरफ आर्कषित होती हैं और उनकी कृपा से तो घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
मुख्य दरवाजे से सम्बंधित वास्तु
घर का मुख्य द्वार पूर्व और पश्चिम दिशा में होना सर्वोत्तम माना जाता है, इस दिशा में स्थित मुख्य दरवाजा घर में सुख-समृद्धि लेकर आता है। वहीं घर के दरवाजे हमेशा दो पल्ले के वाले होने चाहिए , क्योंकि वास्तु के अनुसार अगर दो पल्ले वाले दरवाजे नही है तो फिर ये मकान मालिक के लिए अल्पायु का कारण बन सकता है। इसलिए घर में हमेशा दो पल्ले वाले दरवाजे ही लगाएं।
आपके घर का मेन दरवाजा टूटा या सड़ा नहीं होना चाहिए, दरअसल घर का मेन दरवाजा ही आपको सुख-समृद्धी और मान-सम्मान दिलवाता है, ऐसे में अगर ये सही नहीं है तो इसके नकारात्मक प्रभाव से आपके सम्मान में भी कमी आती है।
घर का मुख्य दरवाजा लगाते समय से ध्यान रहे कि ये हमेशा अंदर की तरफ खुलना चाहिए , क्योंकि अगर घर का दरवाजा बाहर की तरफ खुलता है तो फिर ये आपके लिए खतरे की घंटी है। इसके कारण आपको अक्सर अप्रिय और शोक समाचार सुनने को मिल सकते हैं।
घर के मेन दरवाजे पर तोरण
घर की शुभता बढ़ाने के लिए घर के मेन दरवाजे पर मंगलकारी तोरण लगाना चाहिए, ये तोरण अशोक या आम के पत्तों, पीपल और कनेर के पत्तों का होना है जिसे एक धागे से बांध कर मकान के मुख्य द्वार पर लटकाया जाता है। इससे घर में सुख-शांति और बरकत बनी रहती है। मान्यता है कि जिस घर के द्वार पर तोरण बंधा होता है, वहां देवी-देवता का आशीष बना रहता है। वहीं अगर बिल्वपत्र का तोरण बांधा जाए तो इससे किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती। इस तरह तोरण मुख्य द्वार की शोभा बढ़ाने के साथ उसे शुभता प्रदान करता है।
घर के मेन दरवाजे पर क्या होना चाहिए?
घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ लाल स्वास्तिक लगाने से घर के वास्तु और दिशा दोष दूर होते हैं। मुख्य द्वार के ऊपर बीचों बीच नीला स्वास्तिक लगाने से घर के लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है. घर में खुशहाली और शुभता लाने के लिए लोग मुख्य द्वार पर गणेश जी का चित्र या मूर्ति लगाते हैं।
मुख्य द्वार पर क्या होना चाहिए?
मुख्य द्वार के आसपास का क्षेत्र स्वच्छ होना चाहिए। मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार आपको प्रवेश द्वार के पास कूड़ेदान, टूटी स्टूल या कुर्सियाँ रखने से बचना चाहिए। इसके बजाय, मुख्य द्वार को दिव्य प्रतीकों जैसे स्वस्तिक, ओम, क्रॉस, रंगोली और दरवाजे के ठीक बाहर रखे फूलों से सजाएं।
मुख्य द्वार का मुंह किस तरफ होना चाहिए?
मुख्य द्वार हमेशा उत्तर, उत्तर-पूर्व, पूर्व या पश्चिम में होना चाहिए, क्योंकि ये दिशाएँ शुभ मानी जाती हैं। मुख्य द्वार दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम (उत्तर दिशा), या दक्षिण-पूर्व (पूर्व दिशा) में रखने से बचें।