Kajari Teej Par Mehandi Aur Shringar: कजरी तीज पर कैसे करते हैं व्रत जानिए, इसका महत्व और इस दिन मेहंदी से बढ़ाये सुहाग
Kajari Teej Par Mehandi Aur Shringar: 2 सितंबर को कजरी तीज है इस दिन शिव पूजा के साथ सोलह श्रृंगार करें और मेहंदी से अपने हाथों को खूबसूरत बनाए, जानते हैं इस तीज का महत्व और देखें एक दो मेहंदी की खूबसूरत तस्वीरे....
Kajari Teej Par Mehandi Aur Shringar: सुहागिन महिलाएं अपने पति और संतान की लंबी आयु और सेहतमंद जिंदगी के लिए कजरी तीज व्रत रखती हैं। तीज का त्योहार साल में तीन बार मनाया जाता है। हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज। कजरी तीज को बड़ी तीज भी कहते हैं। इस दिन नीमड़ी की पूजा भी की जाती है। शिव-पार्वती, तीज माता, नीमड़ी माता का पूजन और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद कजरी व्रत का पारण किया जाता है। ये व्रत कुंवारी लड़़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। कजरी तीज का व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है।
कजरी तीज को बड़ी तीज भी कहते हैं। इस दिन नीमड़ी की पूजा भी की जाती है। शिव-पार्वती, तीज माता, नीमड़ी माता का पूजन और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद कजरी व्रत का पारण किया जाता है। ये व्रत कुंवारी लड़़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। कजरी तीज का व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है।कजरी तीज 2 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 1 सितंबर 2023 की रात 11 . 50 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 2 सितंबर 2023 की रात 08 . 49 मिनट पर समाप्त होगी।इस साल कजरी तीज पर पूजा करने के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं। कजरी तीज 2 सितंबर को सुबह 07:57 से सुबह 09:31 और रात 09:45 से रात 11:12 तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहता है।
कजरी तीज पर पूजा विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मन में व्रत करने का संकल्प लें। इस दिन सुहागिन महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व है। इस दिन सोलह श्रृंगार जरूर करें।पूजा शुरू करने से पहले भगवान शंकर-पार्वती और गणेश की मिट्टी की प्रतिमा बनाएं।इसके बाद पूजा स्थल को फूलों से सजाकर वहां गौरी-शंकर और गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं अर्पित करें। भगवान को प्रसाद भी अर्पित करें।इसके बाद तीज की कथा पढ़ें या सुनें और फिर गणेश जी की आरती करने के बाद शिव जी और मां पार्वती की आरती करें। तीज का व्रत निराजल और निराहार किया जाता है। अगले दिन पूजा-पाठ करने के बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें।
कजरी तीज पर बनाए ऐसे भोजन
कजरी तीज पर चावल के सत्तू, जौ, गेहूं में घी व मेवे के साथ तरह-तरह के मीठे पकवान बनाए जाते हैं। पूजा के बाद सुहाग से जुड़ी चीज़ों का दान भी किया जाता है। चन्द्रमा के दर्शन के बाद आटे की 7 रोटियां बनाकर उस पर घी, गुड़ चना रखकर पहले गाय को खिलाना जरूरी होता है। उसके बाद खुद भोजन ग्रहण किया जाता है।
कजरी तीज श्रृंगार और मेहंदी का महत्व
कजरी तीज के दिन महिलाएं के श्रृंगार का बड़ा महत्व है। इस दिन महिलाएं स्नान आदि के बाद नए कपड़े पहनती हैं। पूरे सोलह श्रृंगार करती हैं और हाथों में मेंहदी रचाती हैं। हाथों के साथ-साथ पैरों में मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इससे शिव-पार्वती अपने भक्तों पर खुश होते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।कजरी तीज के दिन हरे या लाल रंग के कपड़े पहनना, श्रृंगार करें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने की गलती ना करें।
मेहंदी का डिजाइन