Jyotish Gyan : जिनमें होती है ये 5 बातें ऐसे लोग रहते हैं हरदम कंगाल, जीवनभर रहता है गरीबी का वास
रामचरित मानस में भगवान राम और रामायण दोनों की ही शिक्षाएं हैं। ये शिक्षाएं कुछ ऐसी हैं कि जो व्यक्ति इनपर अमल करता है उसका जीवन शुद्ध, परिष्कृत और सहज हो जाता है। कहते हैं कि शास्त्रीय बातों का जो मनुष्य अक्षरशः पालन करता है उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है। रामचरित मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है कि कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने जीवन में कभी भी अमीर नहीं बन पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में कुछ ऐसी बताई गईं हैं जिसे करना बेहद अशुभ होता है। इतना ही इन निषिद्ध कामों को करने से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता का साया मंडराता रहता है। मेहनत तो हम सभी करते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास कभी धन नहीं ठहर सकता। जानते हैं कौन हैं
व्यसनी लोगों के पास धन नहीं ठहरता
वो लोग जिन पर धन की देवी लक्ष्मी की कृपा कभी नहीं बरसती।रामचरित मानस के अनुसार वे लोग जो हर समय नशे में रहते हैं, जो मादक पदार्थों का सेवन करते हैं उनका सारा धन अपनी इसी आदत को पूरा करने में व्यर्थ हो जाता है और उनके ऊपर कभी देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं होती,ऐसे लोग कभी अमीर नहीं बन सकते।
धोखेबाज लोगों के पास धन नहीं रुकता
ऐसे लोग जो अपने जीवनसाथी के साथ धोखा करते हैं वे लोग कभी भी धनी नहीं बन सकते क्योंकि वे पति या पत्नी से छिपाकर अपने धन को अन्य लोगों पर खर्च करते हैं जो कि सही नहीं होता। मृत्यु के बाद ऐसे लोग नर्क की प्राप्ति करते हैं।
लालची लोगो के पास धन की कमी
ग्रंथों में ऐसा लिखा है कि जो धन का ज्यादा लालच करता है, जो हमेशा धन के पीछे भागता रहता है वह कभी धन प्राप्त नहीं कर पाता। उसकी तलाश अधूरी ही रह जाती है।
अंहकारी लोगों के पास धन नहीं ठहरता
जिनके अंदर भरपूर घमंड होता है, जो दूसरे लोगों को सम्मान देना नहीं जानते, जो खुद को औरों से ऊपर मानते हैं वे लोग कभी भी धन एकत्र नहीं कर सकते क्योंकि वो लोग घमंड की वजह से किसी से मेलजोल नहीं रख पाते।
नौकरी वालो के पास धन की कमी
ऐसा कहा जाता है कि जो लोग दूसरों की नौकरी करते हैं, वे कभी अपने सपने पूरे नहीं कर पाते, वे कभी अपने लिए धन नहीं जोड़ पाते। वे बस धन कमाते रहते हैं, उसे एकत्र नहीं कर पाते।वैसे आजकल तो हम सभी नौकरीपेशा ही हैं, लेकिन अगर इसके अलावा आपके भीतर कोई और आदत भी है तो उसे तुरंत त्याग दीजिए।