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Hath Ke Parvat kaha hote hai : झगड़ालू, गुस्सैल, प्यारे धनवान कैसे होते है लोग, बताएगा आपके हाथ में स्थित ये पर्वत

Hath Ke Parvat kaha hote hai : हाथ के पर्वत हाथ की रेखाओँ की तरह बताते हैं जातक का मूल स्वभाव

Hath Ke  Parvat kaha hote hai : झगड़ालू, गुस्सैल, प्यारे धनवान कैसे होते है लोग, बताएगा आपके हाथ में स्थित ये पर्वत
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By Shanti Suman

Hath Ke Parvat : हाथों की लकीरों में किस्मत के राज छिपे होतेहैं। हाथों में कई रेखाएं और पर्वत होते हैं जिनमे जीवन से जुड़े दिशा-निर्देश भी होते हैं।हथेलियों में उँगलियों के नीचे के भाग को पर्वत कहा गया है। इन्हीं पर्वतों के द्वारा जातक के स्वभाव की विशेषताएँ भी मालूम होती हैं। हर किसी के हथेली की उंगलियों के नीचे चार पर्वत होते हैं जिनसे भाग्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। हस्तरेखा के अनुसार सबसे छोटी उंगली के बुध पर्वत, इसके बाद अनामिका उंगली के नीचे सूर्य पर्वत, मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत और तर्जनी उंगली के नीचे गुरु पर्वत होता है।

हाथ के पर्वत से जानें भविष्य


  • गुरु पर्वत के बारे में कहा जाता है कि अगर इस पर खड़ी रेखाएं हो तो ये शुभ फल देती हैं। लेकिन अगर इस पर आड़ी रेखाएं है तो ये अशुभ होता है। गुरु पर्वत पर तारे का निशान हो या त्रिशूल का चिह्न दिखाई देता है तो व्यक्ति अच्छा बॉस बन सकता है। यदि गुरु पर्वत ज्यादा ही उभरा दिखाई दे तो ऐसे लोग धर्म के मामले में कट्टरपंथी भी हो सकते हैं। ज्यादा उभरा हुआ गुरु पर्वत शुभ नहीं होता है।
  • गुरु पर्वत के नीचे और बुध तथा चन्द्र क्षेत्र के बीच मंगल पर्वत होता है। मंगल प्रथम भौतिक और द्वितीय मानसिक स्थिति को दर्शाता है। मंगल का सामान्य गुण बल, साहस, निर्भयता आदि है। रक्त को उत्तेजित करता है। ऐसे व्यक्ति कठिनाई से विचलित नहीं होते हैं। आलोचना सुनना पसंद नहीं करते। जल्दी गुस्सा हो जाते हैं। दृढ़ स्वभाव के होते हैं। अति विकसित क्षेत्र उग्र स्वभाव का प्रतीक है। मंगल द्वितीय वाले व्यक्ति बुद्धिमान, मेधावी व वैज्ञानिक होते हैं।
  • अँगूठे के मूल से जीवन रेखा तक फैले हुए ऊँचे गद्दीदार मांसल भाग को शुक्र कहते हैं। पर्वत ऊँचा हो तो व्यक्ति का स्वास्थ्य, सौंदर्य, प्रेम, संतान सुख में मदद मिलती है। ऐसा व्यक्ति दयावान, कला-संगीत प्रेमी होता है। अति विकसित पर्वत व्यक्ति के प्रेम संबंधों की ओरसंकेत करता है। सपाट-समतल पर्वत व्यक्ति में आध्यात्मिकता की तरफ झुकाव बताता है। पर्वत स्त्री के हाथ में बहुत उभरा हो तो काम का प्रतीक होता है।
  • शनि पर्वत अधिक उठा हुआ दिखाई देता है, वे दुबले-पतले शरीर वाले होते हैं। इनके बाल लंबे, काले और घने होते है लेकिन जल्दी झड़ने लगते है। ये भी कहा जाता है कि इन लोगों की गर्दन लंबी होती है। इनकी हड्डियां पतली, लेकिन मजबूत होती हैं। इन लोगों को दांतों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • जिन लोगों की हथेली में सूर्य पर्वत उभरा होता है, वे दिखने में सुंदर और स्वस्थ होते हैं। ये लोग आशावादी होते है। जिन लोगों का सूर्य पर्वत अन्य पर्वतों की अपेक्षा अधिक उठा हुआ हो ऐसे व्यक्ति बुद्धिमान होते है। वहीं जिनका सूर्य पर्वत चपटा हो ऐसे व्यक्ति को सफलता मिलने की संभावनाएं बहुत कम होती है।अनामिका के नीचे का मांसल क्षेत्र सूर्य क्षेत्र कहलाता है। अगर ये समान उभार वाला हो तो व्यक्ति दार्शनिक, बौद्धिक, विद्वान, लेखक, वक्ता, धर्मगुरु होता है। और यदि सूर्य क्षेत्र दबा हुआ हो तो मंदबुद्धि और ख्यातिविहीनता प्रकट करता है। सूर्य पर्वत क्षेत्र पर यदि तीन खड़ी रेखाएँ हों तो उसे अत्यंत शुभ माना जाता है। सूर्य क्षेत्र में इन आड़ी रेखाओं को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी दशा अस्वस्थता प्रकट करती है।
  • अगर हथेली में बुध पर्वत दूसरे पर्वतों से अधिक उभरा हुआ हो तो व्यक्ति लंबे समय तक युवा दिखाई देते हैं। ऐसे व्यक्ति के चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है। वहीं जिनका बुध पर्वत दबा हुआ हो या चपटा दिखाई दे तो व्यक्ति अंधविश्वासी हो सकता है।
  • मणिबंध के ऊपर और हथेली के बाएँ भाग के नीचे का क्षेत्र चंद्र क्षेत्र कहलाता है। चंद्र पर्वत वाले व्यक्ति कल्पनाशील, संवेदनशील, कवि, कलाकार, सौंदर्यप्रेमी और साहित्यकार होते हैं। यह गंभीर क्षेत्र मानसिक चिंता और चंचल बुद्धि प्रकट करता है। इस क्षेत्र में कोई रेखा शुक्र पर्वत तक पहुँच गई हो तो विदेश यात्रा के योग बनते हैं। इसी प्रकार इस क्षेत्र में यदि मंगल द्वितीय तक पहुँचने वाली रेखा हो तो विदेश यात्रा का योग बताती है।
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