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Hariyali Teej Ki Katha Aur Upay: हरियाली तीज, इन कामों से पाएं पति का प्यार और संतान, जानिए इससे जुड़ी शिव-पार्वती की कथा

Hariyali Teej Ki Katha Aur Upay: हरियाली तीज का दिन मां पार्वती और शिव के मिलन की शुरूआत का दिन है। इस दिन मां पार्वती को भगवान शिव का आशीर्वाद दिया था कि उनको पति के रुप में भोलेनाथ मिलेंगे, जानते हैं हरियाली तीज की कथा और ज्योतिष उपा..

Hariyali Teej Ki Katha Aur Upay:  हरियाली तीज, इन कामों से पाएं पति का प्यार और संतान, जानिए इससे जुड़ी शिव-पार्वती की कथा
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By Shanti Suman

Hariyali Teej Ki Katha Aur Upay हरियाली तीज की कथा और उपाय


हिंदू धर्म में सावन को बेहद पवित्र माह मानते हैं और इस दौरान कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं जिसमें से एक हरियाली तीज का भी पर्व होता हैं जो कि सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता हैं इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर माता पार्वती और शिव की आराधना करती हैं माना जाता हैं कि इस दिन व्रत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं। इस बार हरियाली तीज का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। हरियाली तीज के दिन पूजा पाठ और व्रत के अलावा अगर सुहागिन महिलाएं कुछ विशेष कार्यों को करती हैं तो उनके जीवन में सदा शिव पार्वती की कृपा बनी रहती हैं और वैवाहिक जीवन भी खुशहाल होता हैं, तो हरियाली तीज पर किन कार्यों को करना उत्तम होता हैं।

हरियाली तीज प्रेम का प्रतीक

हरियाली तीज शिव पार्वती के मिलन का प्रतीक हैं इस दिन शादीशुदा महिलाओं को पूरे 16 श्रृंगार करके माता पार्वती और शिव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ ही इस दिन हरे रंग का वस्त्र जरूर पहनें।इसके अलावा इस दिन पूजा पाठ के बाद महिलाओं को झूला भी जरूर झूलना चाहिए। इसके बाद खुद से बड़ी सुहागिन महिलाओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें माना जाता हैं कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में बना तनाव दूर हो जाता हैं और सुख समृद्धि आती हैं।

हरियाली तीज सौभाग्य के लिए हैं। हरियाली तीज ये शिव जी और पर्वती के अटूट प्रेम का प्रतीक है। हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के हरियाली तीज होता है। सावन में हर तरफ हरियाली छाई होती है इसी बीच तीज पड़ता है, जिसे हरियाली तीज कहा जाता है। जो सुहागन महिलाएं पहली बार इस त्यौहार पर व्रत रख रही हैं, उन्हें कुछ अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए।

कहा जाता है कि सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मां पार्वती ने शिव जी को कठिन तपस्या के बाद पाया था। जिनके तप से खुश होने के बाद शिव जी ने उन्हें पत्‍नी के तौर पर स्‍वीकार किया था।इसलिए इस पर्व को मां पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि अगर किसी लड़की की शादी नहीं हो पा रही है और किसी न किसी तरह से विवाह में अड़चन आ रही है, तो उसे इस दिन मां पार्वती की पूजा-अर्चना और व्रत करना चाहिए। सुहागिन महिलाओं को शिव जी और मां पार्वती दोनों की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

हरियाली तीज की व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती का जन्म पर्वत राज हिमालय के घर पार्वती के रूप में हुआ। पार्वती जी भगवान शिव को मन ही मन अपने पति के रूप स्वीकार कर चुकी थीं। जब माता पार्वती विवाह योग्य हुईं, तो उनके पिता हिमालय विवाह के लिए योग्य वर तलाशने लगे. एक दिन नारद मुनि हिमालय राज घर आएं। हिमालय राज ने उन्हें पार्वती के विवाह की चिंता के बारे में बताया। तब नारद मुनि ने उन्हें योग्य वर के रूप में भगवान विष्णु का नाम सुझाया। हिमालय राज ने इसके लिए अपनी ओर से रजामंदी दे दी।

जब माता पार्वती को इस बारे में पता चला तो वह चिंतित हो गईं, क्योंकि वह पहले ही शिवजी को अपने पति रूप में स्वीकार कर चुकी थ। . इसलिए वह शिव को पाने के लिए एकांत वन में जाकर तपस्या करने लगी। पार्वती ने रेत से शिवलिंग बनाया और तपस्या करने लगी। कहा जाता है कि माता पार्वती ने सावन माह में शिवजी को पाने के लिए तपस्या की थी।. माता पार्वती की कठोर तपस्या से शिवजी ने उन्हें दर्शन दिए और साथ ही इच्छा पूर्ण होने का आशीर्वाद भी दिया, बाद में पर्वत राज हिमालय भी पार्वती और शिवजी के विवाह के लिए तैयार हो गए और इसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह संपन्न हुआ। इसके बाद से ही हर साल सावन महीने में हरियाली तीज मनाया जाने लगा।

हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त

श्रावण माह तृतीया तिथि प्रारंभ - 18 अगस्त 2023, शाम 08:01 बजे से।

श्रावण माह तृतीया तिथि समापन - 19 अगस्त 2022, रात 10:19 बजे तक।


हरियाली तीज पर ज्योतिष का उपाय

हरियाली तीज के दिन महिलाओं का सबसे पहले नहा लेना चाहिए, उसके बाद एक पटरे पर लाल कपड़ा बिछाकर मां पार्वती की मूर्ति को रेशमी वस्त्र और गहने से सजा दें। देवी के इस रूप को तीज माता भी कहा जाता है। ध्यान रहें माता की मूर्ति अर्धगोले आकार वाली ही हो, ये आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगी। जिन्हें आपको पूजा स्थान में रखकर पूजा करनी हैं। इस त्यौहार की पूजा में विशेष महत्व व्रत कथा का है, जिसके चलते हरियाली तीज व्रत कथा जरूर सुनें और इस दौरान अपने घर-परिवार और खासतौर पर अपने पति का ध्यान करें।आपको बता दें कि इस तीज में व्रत के दौरान पानी नहीं पिया जाता है. साथी महिलाओं को पूरी तरह दुल्हन के जैसे ही सजना होता है। वहीं जब शाम होने वाली होती है तब सभी महिलाएं नाचती और गाती हैं. कुछ महिलाएं तो इस मौके पर झूला भी झूलती हैं।


हरियाली तीज पर पति-पत्नी साथ बैठकर भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करें। इसके साथ ही पूजा में लाल रंग का फूल जरूर चढ़ाएं, इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है। साथ ही सामंजस्य बना रहता है।

ज्योतिष अनुसार अगर पति- पत्नी में बात- बात लड़ाई झगड़ा होता हो तो हरियाली के दिन पति- पत्नी एक साथ मां पार्वती का केसर डालकर दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने से मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा और दांपत्य जीवन खुशहाल बनेगा।

अगर पति- पत्नी में वैचारिक मतभेद या तनाव रहता हो तो माता पार्वती को खीर का भोग लगाएं और कुछ देर बात पति- पत्नी साथ मिलकर खीर खाएं। इससे वैवाहिक जीवन में तनाव खत्म होगा।

यदि किसी महिला का सास और ससुराल पक्ष से अच्छा सामंजस्य नहीं बैठ पाता हो और आपस में तनाव रहता हो तो हरियाली तीज के दिन पूजा के बाद अपनी सास के पैर जरूर छूएं और उन्हें सुहाग का सामान भेंट करें। साथ ही भेंट किए गए सुहाग के सामान में आप किसी एक चीज को उनसे मांग लें और उसे मां पार्वती को चढ़ाएं। ऐसा करने से आपको ससुराल पक्ष से प्रेम मिलना शुरू हो जाएगा।

अगर किसी को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो तो हरियाली तीज के दिन गरीब कन्या को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा भी दें। ऐसा करने से आपको संतान प्राप्ति के योग बनेंगे।

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