Ganesh Chaturthi : गणेश जी को राशि के अनुसार लगाएं भोग, जानिए चतुर्दशी पर पूजा कब है और धागा का महत्व
Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी : अगर आपने गणेशजी की अब तक भक्ति नहीं कीके है तो अभी कुछ दिन शेष है।जो अनन्त चतुर्दशी तक है। इस दौरान कई तरह के भोग चढ़ाए जाते हैं। इससे गणपति प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता हैं।
Ganesh Chaturthi : गणेश चतुर्थी का त्योहार अभी चल रहा है 28 सितंबर को गणेश विसर्जन और अनंत चतुर्दशी की पूजा के समाप्त हो जाएगा। अगर आपने गणेशजी की अब भक्ति नहीं है तो अभी कुछ दिन शेष है।जो अनन्त चतुर्दशी तक है। इस दौरान कई तरह के भोग चढ़ाए जाते हैं। इससे गणपति प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता हैं। भगवान गणपति को 10 दिन घर में विराजमान करने के बाद उनका विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन ही किया जाता है। .इस खास दिन पर श्रीहरि विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है।.इस बार अगर गणेश जी को प्रसन्न करना है तो राशि के अनुसार भगवान को भोग लगाएं।
गणेश चतुर्थी पर राशि के अनुसार भोग
- मेष इस राशि के जातकों को गणेश चतुर्थी के दिन छुहारे और लड्डूका भोग लगाना चाहिए।
- वृष इस राशि के लोगों को नारियल या मिश्री से बने लड्डू का भोग भगवान को लगाना चाहिए।
- मिथुन इस राशि के जातकों को मूंग के लड्ड का भोग लगाना चाहिए।
- कर्क इस राशि के जातकों को मक्खन, खीर या लड्डू से भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहिए।
- सिंह इस राशि के जातकों को गुड़ के मोदक और छुहारे का भोग गणेशजी को लगाना चाहिए।
- कन्या इस राशि के जातकों को हरे फल या किशमिश का भोग लगाना चाहिए।
- तुला इस राशि के जातक को लड्डू और केला गणेश जी को अर्पित करना चाहिए।
- वृश्चिक इस राशि के जातक छुहारा-गुड़ के लड्डू प्रसाद भगवान को चढ़ाएं।
- धनु इस राशि के जातक को गणेशजी को मोदक व केले का भोग लगाना चाहिए।
- मकर इस राशि के जातक को भगवान गणेश को तिल के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
- कुंभ इस राशि के जातक को भगवान गणेश को गुड़ के लड्डू अर्पित करना चाहिए।
- मीन इस राशि के जातक को गणेश चतुर्थी पर बेसन के लड्डू, केला और बादाम का भोग लगाना चाहिए।
अनंत चतुर्दशी की पूजा
साल 2023 में कब पड़ेगी अनंत चतुर्दशी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और किस विधि से करें पूजा जानें यहां।
अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर, गुरुवार के दिन पड़ेगी. इस दिन भुजाओं पर पहने जाने वाले अनंत में 14 गांठें लगाई जाती हैं. पूजा के बाद ये अनंत घर के हर एक सदस्य की भुजाओं में बांधे जाते हैं.अनंत चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 27 सितंबर को रात में 10 .18 मिनट पर होगी और इसका समापन 28 सितंबर, गुरुवार को शाम 6.49 मिनट पर होगा. लेकिन इस त्योहार को 28 सितंबर को ही मनाया जाएगा. पूजा का शुभ मुहूर्त गुरुवार को सुबह 6 .12 मिनट से शाम को 6 बजकर 49 मिनट तक है।
अनंत चतुर्दशी पर श्रीहरि के अनंत रूप की पूजा दोपहर के समय की जाती है, लेकिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पूजा वाली जगह पर कलश स्थापित करना चाहिए. कलश के ऊपर किसी बर्तन में कुश से बने अनंत रखें अगर कुश का अनंत नहीं है तो भगवान श्रीहरि की प्रतिमा भी रखी जा सकती है. इसके बाद एक पीले रंग के धागे में 14 गाठें लगाकर अनंत सूत्र बनाए और इसको विष्णु भगवान को अर्पण करें.धूप और दीप दिखार इनकी पूजा करें और अनंत सूत्र को पुरुषों की दायीं बाजू और महिलाओं की बायीं बाजू में बांधें.इसके बाद ब्राह्मणों को खाना खिलााना चाहिए।
अनंत का क्या है धार्मिक महत्व
अनंत चतुर्दशी के दिन पहने जाने वाले अनंत में 14 गांठें बाधने के पीछे का अपना अलग महत्व है. इसमें लगाई गई 14 गांठें हर डर से मुक्ति दिलाती है और रक्षा करती हैं.धार्मित मान्यता के मुताबिक अनंत में 14 गांठें लगाने वाले व्यक्ति पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है. इन 14 गांठों का संबंध 14 लोकों से माना जाता है.यही वजह है कि इस दिन अनंत पहनाना बहुत गही शुभ माना जाता है.इस दिन व्रत रखने से श्रीहरि अनंत फल देते हैं और सभी मनोकामनाओं को पू्र्ण कर सुख-सौभाग्य और संतान सुख अपने भक्तों को देते हैं।