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NPG Special: CM भूपेश की दूरदर्शिता बदल देगी किसानों की तकदीर और अर्थव्यवस्था की तस्वीर….. 19 लाख अन्नदाताओं में 5700 करोड़ की संजीवनी बंटेगी

NPG Special: CM भूपेश की दूरदर्शिता बदल देगी किसानों की तकदीर और अर्थव्यवस्था की तस्वीर….. 19 लाख अन्नदाताओं में 5700 करोड़ की संजीवनी बंटेगी
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By NPG News

NPG.NEWS

रायपुर 20 मई 2020। यूं ही कोई जननायक थोड़े ना बन जाता है…!…यूं ही कोई मुख्यमंत्री लोकप्रियता के चरम पर थोड़े ना पहुंच जाता है !….यूं ही किसी राजनेता को किसानों का मसीहा थोड़े ही मान लिया जाता है.!!! उसके लिए मुसीबत की अग्नि में तपना होता है…संघर्ष की सलाखें तोड़नी होती है….और परिणाम की परवाह किये बगैर नयी चुनौतियां स्वीकार करनी होती है। …तभी तो आज जब कोरोना की आग में पूरा देश जल रहा है….अर्थव्यवस्था की सेज खाक हो रही है… छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत छह हजार करोड़ रुपये देने जा रहे हैं।

इस योजना के तहत धान, मक्का एवं गन्ना (रबी) फसल के लिए 10 हजार प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को सहायता अनुदान की राशि दी जाएगी। इसी तरह खरीफ 2020 से धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा।

ना जाने कौन सी करामती घुट्टी है सीएम साहब के पास…जब भी अन्नदाता की जेबें खाली होती है…घर की कोठियां सूनी होने लगती है…और अन्नदाता आशंकाओं से बैचेन हो उठता है…मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ऐसा कुछ कर जाते हैं, जो छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर बन जाता है। ठीक उसी तरह जैसा कि कुछ महीने पहले अन्नदाताओं के सर से कर्जा उतारकर लाखों किसानों की जिंदगी में बहार से भर दी थी।

वो कहते हैं ना जिस घर में शांति हो…और जिस प्रदेश में किसान खुश हो….वहां की खुशहाली कभी कम नहीं होती। तभी तो जब देश मंदी के महासंकट में फंसा था…छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मंदी छू तक नहीं सकी थी। आज एक बार फिर जब कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया और छत्तीसगढ़ में भी उस संकट की आहट नजर आने लगी है…तो मुख्यमंत्री किसानों के लिए संजीवनी लेकर सामने खड़े हैं। छत्तीसगढ़ में गुरुवार से एक ऐसी योजना की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरुआत करने जा रहे हैं, जो जानी तो “राजीव गांधी किसान न्याय योजना” के नाम से जानी जायेगी, लेकिन हकीकत में ये किसान उत्थान की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ऐसी सोच है, जिसने ना सिर्फ किसानों की जिंदगी पटरी पर लौटेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

नकदी का सर्कुलेशन बाजार में दिखेगा

किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को चार किस्तों में 5700 करोड़ की बड़ी मदद मिलेगी। इससे किसानों के जरिए प्रदेश के बाजार में कैश फ्लो बना रहेगा। इससे अब तक जो धान की कीमत मिली थी उसे किसान अगली फसल के लिए लगा चुका है। अब इस नए फैसले से मिले पैसों का बाजार में उपयोग कर सकेगा जो कि किसानों के लिए बड़ी राहत होगी। संकट के समय में यह किसानों के लिए बचत की तरह होगी।

धान की फसल के लिए पहली किस्त 1500 करोड़ों की

इस योजना के तहत किसानों के बीच 5700 करोड़ रुपये वितरित किये जायेंगे। गुरुवार को शुरु होने वाली इस योजना के तहत प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि कृषकों के खातों में ऑनलाईन ट्रांसफर होगी। सबसे करिश्माई बात ये है कि इस योजना के लांच होने के एक से दो घंटे के भीतर सभी किसानों के खाते में पहली किश्त पहुंच जायेगी। छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जो किसानों को सीधे तौर पर बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर 5700 करोड़ रूपए की राहत प्रदान कर रहा है। कोरोना संकट के काल में किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से बड़ी राहत प्रदान करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करना और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाना है।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने तथा कृषि के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करने लिए यह महत्वाकांक्षी योजना लागू की जा रही है। इस योजना से न केवल प्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम भी मिलेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में अंतरित की जाएगी। यह योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपने तरह की एक बडी योजना है।

भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी मिलेगा न्याय

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को न्याय योजना के द्वितीय चरण में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसकी विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी गई है, यह समिति 2 महीने में विस्तृत कार्य योजना का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी।

मक्का व गन्ना उत्पादक किसानों को भी मिलेगा लाभ

राज्य सरकार इस योजना के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानो को प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। योजना से प्रदेश के 9 लाख 53 हजार 706 सीमांत कृषक, 5 लाख 60 हजार 284 लघु कृषक और 3 लाख 20 हजार 844 बड़े किसान लाभान्वित होंगें। इसी तरह गन्ना फसल के लिए पेराई वर्ष 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रूपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि 93.75 रूपए प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम 355 रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रूपए चार किश्तों में मिलेगा। जिसमें प्रथम किश्त 18.43 करोड़ रूपए की राशि 21 मई को अंतरित की जाएगी।

गन्ना उत्पादक किसानों को बोनस भी मिलेगा

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसके साथ ही वर्ष 2018-19 में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ना की मात्रा के आधार पर 50 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि (बकाया बोनस) भी प्रदान करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 24 हजार 414 किसानों को 10 करोड़ 27 लाख रूपए राशि दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2019 में सहकारी समिति, लैम्पस के माध्यम से उपार्जित मक्का फसल के किसानों को भी लाभ देने का निर्णय लिया है। मक्का फसल के आकड़े लिए जा रहे हैं, जिसके आधार पर आगामी किश्त में उनको भुगतान किया जाएगा। इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कोटकी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले लगभग 18 लाख किसानों का 8800 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया है साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई गई है।

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