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ओडीएफ को स्थायी बनाने रायपुर जिला प्रशासन की अनूठी कवायद…….416 ग्राम पंचायतों में तैयार किया स्वच्छाग्राही समूह…. जागरूकता ही नहीं, सख्ती के साथ भी खुले में शौच मुक्त को चिरस्थायी बनाने की कर रही है कोशिश….

ओडीएफ को स्थायी बनाने रायपुर जिला प्रशासन की अनूठी कवायद…….416 ग्राम पंचायतों में तैयार किया स्वच्छाग्राही समूह…. जागरूकता ही नहीं, सख्ती के साथ भी खुले में शौच मुक्त को चिरस्थायी बनाने की कर रही है कोशिश….
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By NPG News

रायपुर 13 जनवरी 2021। रायपुर ओडीएफ यानि खुले में शौच मुक्त (Open Defecation Free) हो चुका है। ….लेकिन खुले में शौच को लेकर जागरूकता कम ना हो और देश का ODF मिशन कमजोर ना पड़े, इसे लेकर रायपुर जिला प्रशासन ने अनूठी पहल शुरू की है। कलेक्टर एस भारतीदासन के निर्देश पर जिला पंचायत CEO गौरव कुमार ने जिले 416 ग्राम पंचायतों में कुल 4165 महिला स्वच्छाग्राही समूह गठित कराया है। स्वच्छ भारत मिशन की कड़ी को चिर स्थायी बनाने के लिए ये कमेटी अलग-अलग स्तर पर लोगों को जागरूक भी करती है और खुले में शौच मुक्त करने की दिशा में नयी कवायद भी करती है।

महिला स्वच्छाग्राही समूह ये कर रही है काम
1. महिला स्वच्छाग्राही समूह अपने-अपने ग्राम पंचायतों में कई तरह की कार्ययोजना के तहत ओडीएफ को चिर स्थायी बनाने का काम कर रही है। गांवों को ओडीएफ करने के लिए गांवों में जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के साथ रात्रि चौपाल किया जा रहा है। जिसमें गांवों की उन्नति और ग्रामीणों की समृद्धि पर चर्चा की जाती है।

2. यही नहीं खुले में शौच जाने वाले लोगों को ये समूह ना सिर्फ जागरूक करने का काम कर रही है, बल्कि घरों में बने शौचालय के उपयोग करने और आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ बनाने की भी अपील की जाती है।
3. कई लोग समझाने के बाद भी अगर खुल में शौच से बाज नहीं आते हैं, तो समूह के लोग इनके खिलाफ सख्त रूख भी अपनाती है। लोगों से गुप्त तौर पर नियम तोड़ने वालों की लिस्ट तैयार करती है और जो भी दो से अधिक बार उस लिस्ट में आता है, उसे आर्थिक तौर पर दंड भी दिया जाता है।

4. ये समूह उन जगहों को भी चिन्हाकित करती है, जहां ज्यादतर लोग खुल में शौच के लिए जाते हैं, उन जगहों पर पीपल, तुलसी का या तो पौधा रोपा जाता है या फिर उसे साफ सुथरा कर दिया जाता है।

5. ग्रामीणों के बीच धार्मिक स्थल पर सामूहिक शपथ ग्रहण का आयोजन कराया जाता है, जिसमें खुले में शौच ना जाने और घर के शौचालय के उपयोग की बात कही जाती है।

6 रैली का आयोजन के माध्यम से स्कुली विद्यार्थी, बच्चों को हाथ धोने के तरीके को भी समझाने का काम ये समूह करती है।

7. किशोरी समूह एवं ग्रामीण महिलाओं के साथ मोहल्ले वार बैठकों का आयोजन कराया जाता है, जिसमें ओडीएफ के स्थायित्व एवं माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए प्रेरित किया जाता है।
8. स्वच्छता नारों को सार्वजनिक दीवारों पर लिखकर भी लोगों को जागरूक करने का काम किया जाता है। ग्राम में स्वच्छता के घटकों का दीवार लेखन के माध्यम से ग्रामीण को स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त के लिए जागरूक किया जाता है।

10. गांवों में ओ.डी.एफ. होने की तिथि का शिलालेख लगाया जाता है, ताकि ये मालूम पड़ सके कि गांव कब ओडीएफ हुआ है।

माहवरी स्वच्छता के प्रति भी जागरूकता
ओडीएफ ही नहीं महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के लिए भी ये समूह जागरूक करने का काम करता है। इसके लिए महिला स्व-सहायता समूह के महिलाओं को जिला स्वच्छता दल की तरफ से प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिले के पंचायतों में बालिकाओं एंव महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के लिए जागरूक करने के साथ-साथ उन्हे सेनेट्ररी पेड़ के उपयोग एंव सुरक्षित निपटान करने के लिए जानकारी दिया गया है।

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