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PSC TOP-2 : मां-पिता के गुजर जाने के बाद भाई की परवरिश करते हासिल किया डिप्टी कलेक्टर का मुकाम….शिक्षाकर्मी भाई ने SDM की कहानी सुना PSC के लिए किया था प्रेरित…..इंटरव्यू में बस्तरिया डिश चीटी की चटनी का मेन्यू बताकर जीता था पैनल का दिल… पढ़िये इस टॉपर के संघर्ष की कहानी

PSC TOP-2 : मां-पिता के गुजर जाने के बाद भाई की परवरिश करते हासिल किया डिप्टी कलेक्टर का मुकाम….शिक्षाकर्मी भाई ने SDM की कहानी सुना PSC के लिए किया था प्रेरित…..इंटरव्यू में बस्तरिया डिश चीटी की चटनी का मेन्यू बताकर जीता था पैनल का दिल… पढ़िये इस टॉपर के संघर्ष की कहानी
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By NPG News

…इंटरव्यू देकर निकला तो लग यही रहा था कि अंडर-100 में रिजल्ट आ जायेगा…मेरिट लिस्ट में शायद 80 के आसपास नंबर हो…लेकिन जब रिजल्ट आया तो स्टेट का सकेंड टॉपर था। बस्तर के श्रीकांत के लिए कामयाबी की ये कहानी किसी दिवास्वप्न से कम नहीं है।
2009 में पिता और 2014 में मां को खो देने वाले श्रीकांत की जिंदगी के साथ संघर्षों का कदमताल सालों-सालों तक चलता रहा….कच्ची उम्र में घर की जिम्मेदारी के साथ भाई की परवरिश का बोझ संभालने वाले श्रीकांत अब डिप्टी कलेक्टर पद पर चुने गये हैं… आइये पढ़ते हैं उनके संघर्षों की कहानी..
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रायपुर 22 जनवरी 2020।…काश मम्मी-पापा होते…तो आज मेरे लिए ये खुशियां जन्नत की सबसे बड़ी खुशी बन जाती…PSC के इम्तिहान में TOP-2 रहे श्रीकांत कोराम के चेहरे पर खुशियों के बीच मलाल का ये साया भी है। पहले प्रयास में मेंस तक पहुंचे….और दूसरे प्रयास में मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान हासिल कर लिया। 26 साल के श्रीकांत कोराम ने पीएससी के टॉप-2 बनकर डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल कर लिया है। इस पद को हासिल करने में श्रीकांत के ना जाने कितने संघर्ष छुपे हैं। श्रीकांत बताते हैं कि उन्हें खुद भी इस मुकाम पर पहुंचने का यकीन नहीं था…रात करीब साढ़े 9 बजे जब उन्हें रिजल्ट बताने के लिए दोस्त ने फोन किया, तो उन्होंने इसे मजाक मान लिया था। हालांकि लगातार आने लगे फोन ने जल्द ही उन्हें हकीकत का अहसास करा दिया।

जवानी की दहलीज तक पहुंचे भी नहीं थे कि 2009 में एक हादसे में पिता का साया छिन गया, सब कुछ भूल जिंदगी पटरी पर आ ही रही थी कि 2014 में मां भी कैंसर से चल बसी। घर में छोेटा भाई था, सो परिवार की पूरी जिम्मेदारी और भाई की परवरिश श्रीकांत के ही कंधों पर आ गयी। बावजूद उन्होंने ना तो हिम्मत हारी और ना ही लक्ष्य को छोटा किया। जगदलपुर के कुम्हारपारा के रहने वाले श्रीकांत कोराम ने सामान्य वर्ग से ये डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया।

श्रीकांत के प्रशासनिक अफसर बनने के सपने की शुरुआत छोटे भाई के बताये वाकये से हुई…श्रीकांत बताते हैं कि

“पिता की मृत्यु के बाद छोटे भाई को अनुकंपा नियुक्ति मिली, वो वर्ग-3 शिक्षाकर्मी है। वो जिस गांव में पदस्थ है, वहां एक बार SDM आये थे, गांववालों ने उन्हें देखते ही समस्याओं रखनी शुरू कर दी, SDM ने ना सिर्फ उनकी समस्या दूर की, बल्कि बेहद आत्मीयता से ग्रामीणों से मिले भी। ड्यूटी के बाद जब छोटा भाई घर लौटा तो उसने श्रीकांत के सामने SDM की दरियादिली और उनकी कार्यशैली का जिक्र किया…वो बता ऐसे रहा था, मानों चाह रहा हो कि आप भी ऐसे अधिकारी बनते तो कितना अच्छा रहता….उसी वक्त मैंने ठान लिया कि बनूंगा तो अब प्रशासनिक अधिकारी ही”

2017 में श्रीकांत ने पहली बार पीएससी की परीक्षा दी और प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में बैठ नहीं सके। 2018 की पीएससी की परीक्षा उन्होंने फिर दी, जिसके बाद उन्होंने प्रदेश भर में दूसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी जगदलपुर में रहते हुए ही की, लेकिन मेंस की तैयारी के लिए वो बिलासपुर के दिल्ली आईएएस कोचिंग आ गये। चार महीने यही रहकर तैयारी की और फिर वापस जगदलपुर लौट आये। अभी ढाई महीने से वो एक कोचिंग में बच्चो को पढ़ाने का काम कर रहे थे।

श्रीकांत की लिखित परीक्षा तो बेहद शानदार रही, लेकिन इंटरव्यू उतना बेहतर नहीं रहा। श्रीकांत को इंटरव्यू में सिर्फ 72 अंक ही मिले। इतने कम अंक मिलने के पीछे की वजह श्रीकांत बताते हैं कि …

“मैं जवाब को अच्छे से इम्प्रेस नहीं कर पाया, कुछ सवाल आकर भी मैं पैनल के सामने जाहिर नहीं कर पाया, इसकी वजह से मुझे बहुत कम नंबर इंटरव्यू में मिले। मैंने अपनी हॉबी में बस्तरिया फूड लिखा था, इंटरव्यू में मुझे इससे जुड़े सवाल भी पूछे गये गया, मुझे बस्तरिया डिसेस के बारे में पूछा गया..उसमें से एक पारंपरिक डिस चीटी चापड़ी के बारे में पूछा गया कि इसे कैसे बनाते हैं… मैंने इसका जवाब दिया तो पैनल में बैठे लोग मुस्कुराने लगे। इसके अलावा डिप्टी कलेक्टर के पद को लेकर भी सवाल पूछा गया”

अपने आगे के लक्ष्य के बारे में श्रीकांत बताते हैं कि उन्होंने अभी कुछ ज्यादा सोचा नहीं है, बस जो कुछ जिम्मेदारी मिलेगी करूंगा। शादी के बारे में पूछे गये सवाल झेंपते हुए वो बताते हैं कि अभी कहां शादी !…अभी तो काम करना है। हालांकि अपनी पोस्टिंग को लेकर जरूर उन्होंने कुछ ख्वाब संजोये हैं कि अगर साउथ बस्तर में काम करन का मौका मिला, तो जरूर अच्छा लगेगा।

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