प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गलत आंकड़ा पेश करना भारी पड़ गया छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन को….संविलियन से वंचित शिक्षकों ने जमकर किया ट्रोल …. शिक्षाकर्मियों ने कह दी यह बड़ी बात !
रायपुर 13 जनवरी 2020। आमतौर पर ऐसी स्थिति कम ही बनती है कि शिक्षाकर्मियों के बारे में खुद शिक्षाकर्मी नेताओं द्वारा रखी गई जानकारी गलत हो लेकिन छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में फिर एक बार बड़ी चूक हुई है । छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य बड़े पदाधिकारियों के हवाले से आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें क्रमोन्नति को सबसे बड़ी मांग बताते हुए कई प्रकार के आंकड़े प्रस्तुत किए गए थे साथ ही शिक्षाकर्मियों के संविलियन के संबंध में भी यह दावा किया गया था की कतिपय लोगों द्वारा भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की जा रही है और प्रदेश में संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मियों की संख्या केवल 9000 है।
प्रदेश में शिक्षाकर्मियों की कुल संख्या संविलियन से पूर्व 1 लाख 40 हजार थी , दूसरों को नीचा दिखाने के फेर में यहीं पर संजय शर्मा और उनकी टीम फंस गई और जैसे ही यह खबर प्रकाशित हुई आम शिक्षाकर्मियों ने बकायदा सबूत के साथ यह साबित कर दिया कि प्रदेश में संविलियन से वंचित लोगों की संख्या लगभग 15000 के आसपास है साथ ही प्रदेश में शिक्षाकर्मियों की कुल संख्या 145000 से भी अधिक थी ।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने विधान सभा पटल पर रखी थी पूरी जानकारी
जैसे ही यह प्रेस विज्ञप्ति खबर के रूप में प्रकाशित हुई वैसे ही अनेकों शिक्षाकर्मियों ने सोशल मीडिया में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह के द्वारा विधानसभा पटल पर पेश किए गए उन आंकड़ों को वायरल कर दिया जो यह साफ बताते हैं कि विधायक रंजना दीपेंद्र साहू के पूछे गए सवाल पर स्वयं स्कूल शिक्षा मंत्री ने यह बताया था कि प्रदेश में 30 जून 2019 तक 110184 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ है और 35588 कर्मचारियों का संविलियन किया जाना शेष है , इन आंकड़ों को जोड़ें तो प्रदेश में 145772 शिक्षाकर्मियों की भर्ती हुई थी जो साफ बताता है कि टीचर्स एसोसिएशन द्वारा जारी किया गया आंकड़ा पूरी तरह गलत है । बहुत से शिक्षाकर्मियों ने न्यूपावरगेम को भी विधानसभा पटल पर रखी जानकारी के साथ अपनी प्रतिक्रिया भेजी जिसमें जानबूझकर मुद्दों को डाइवर्ट करने का आरोप भी लगाया गया है ।
गलत आंकड़ों को लेकर पहले भी संजय शर्मा हो चुके हैं ट्रोल
ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है इससे पहले भी पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव द्वारा विधानसभा में दी गई जानकारी को लेकर पेश किए गए अपने आंकड़ों से संजय शर्मा ट्रोल हुए थे , उस समय सिंहदेव ने पंचायत विभाग के शिक्षाकर्मियों की जानकारी दी थी जिसमें नगरीय निकाय के शिक्षाकर्मियों की संख्या शामिल ही नहीं थी और इसी संख्या को लेकर बार-बार संजय शर्मा के द्वारा दावा किया जाता रहा है कि प्रदेश में संविलियन से वंचित शिक्षा कर्मियों की संख्या 16366 है जबकि यह स्पष्ट है की विधानसभा पटल पर केवल पंचायत विभाग के शिक्षाकर्मियों की जानकारी रखी गई थी और नगरीय निकाय के शिक्षाकर्मी उसमें शामिल ही नहीं थे , इसके बावजूद प्रदेश के बड़े नेता द्वारा बार-बार भ्रामक आंकड़े प्रस्तुत करना समझ से परे है । इधर आम शिक्षाकर्मियों ने क्रमोन्नति के नाम पर संजय शर्मा द्वारा यह खेल खेलने का आरोप लगाया है देखें शिक्षाकर्मियों के कमेंट