VishnudeoSai Cabinet: CG में OBC वर्ग में दूसरी सबसे बड़ी आबादी को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व: मौजूदा विधानसभा में है इस वर्ग के 4 विधायक, पढ़िये यह रिपोर्ट
VishnudeoSai Cabinet: छत्तीगसढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट के विस्तार को लेकर कई तरह के समीकरण चर्चा में है। हर वर्ग कैबिनेट में अपना प्रतिनिधित्व चाहता है। ऐसे में प्रदेश में ओबीसी वर्ग की दूसरी सबसे बड़ी आबादी की तरफ से भी मंत्री पद की मांग होने लगी है।
VishnudeoSai Cabinet: रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय कैबिनेट में 2 नए मंत्रियों की इंट्री होनी है। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने के बाद से नए मंत्रियों को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। मंत्री पद की दौड़ में करीब आधा दर्जन से ज्यादा नाम हैं। इनमें नए और पुराने दोनों ही चेहरे शामिल हैं। इधर, मंत्री पद की इच्छा रखने वाले विधायक अपने-अपने स्तर पर लाबिंग भी कर रहे हैं। जिसका जहां तक एप्रोच है, वहां तक प्रयास कर रहा है। ऐसे में अटकलों और चर्चाओं का बाजार लगातार गर्म है।
इस बीच प्रदेश में ओबीसी वर्ग की दूसरी सबसे बड़ी आबादी भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व की मांग करने लगी है। इस वर्ग से मौजूदा विधानसभा में कुल 4 विधायक हैं। इनमें 3 कांग्रेसी और केवल 1 बीजेपी के यहां बात यादव समाज की हो रही है। हैं। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका है जब इस वर्ग के एक साथ 4 विधायक सदन में हैं। इनमें कांग्रेस के देवेंद्र यादव, रामकुमार यादव और द्वारिकाधिश यादव लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं, जबकि बीजेपी के गजेंद्र यादव पहली बार के विधायक हैं।
जानिये... राज्य की आबादी में यादव समाज की कितनी हिस्सेदारी
प्रदेश की पूर्वती कांग्रेस सरकार ने राज्य में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग की गणना के लिए आयोग का गठन किया था। आयोग की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है, लेकिन सार्वजनिक नहीं की गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य की कुल ओबीसी आबादी में सबसे ज्यादा जनसंख्या साहू समाज के लोगों की है। साहू की जनसंख्य में हिस्सा करीब 24 प्रतिशत है। इसके बाद नंबर आता है यादवों का। इनकी हिस्से दारी 18 प्रतिशत से कुछ अधिक है। तीसरे नंबर पर ढीमर (केंवट) समाज की जनसंख्या है जो करीब साढ़े 9 प्रतिशत है। 7 प्रतिशत के साथ मरार (पटेल) चौथे और करीब 7 प्रतिशत आबादी के साथ कुर्मी पांचवें नंबर पर हैं।
जानिये... राज्य में अब तक कितने यादव चुने गए हैं विधायक
राज्य निर्माण के बाद से अब तक विधानसभा के कुल 5 चुनाव हुए हैं। इनमें यादव समाज से अब तक कुल 10 विधायक चुने गए हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार इस समाज से एक साथ 3 विधायक चुने गए थे। तीनों कांग्रेस के के देवेंद्र यादव, रामकुमार यादव और द्वारिकाधिश यादव थे। 2023 के चुनाव में तीनों लगातार दूसरी बार जीते हैं। 2018 के पहले बीजेपी की टिकट पर हेमंचद यादव जीत थे। गजेंद्र यादव भी हेमचंद यादव की सीट से ही इस बार चुनाव जीते हैं। यानी राज्य निर्माण के बाद से केवल 5 यादव ही विधायक चुने गए हैं। डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में हेमचंद यादव मंत्री भी रहे हैं।
जानिये... यादव को मंत्री बनाए जाने के पीछे क्या है तर्क
छत्तीसगढ़ में यादव को मंत्री बनाए जाने के पीछे स्थानीय तर्क तो हैं ही इसके साथ ही बिहार और उत्तर प्रदेश के चुनाव को भी जोड़ा जा रहा है। बात दें कि बिहार और उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव होना है। वहां यादव प्रभावि स्थिति में हैं। लोकसभा चुनाव में इसका असर भी दिखा है। कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ में गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया जाता है तो इसका अच्छा संदेश जाएगा।
जानिये... गजेंद्र यादव के दावे में कितना है दम
गजेंद्र यादव दुर्ग शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक अरुण वोरा को हरा कर विधानसभा पहुंचे हैं। अरुण वोरा अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और लंबे समय तक कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा के पुत्र हैं। इधर, गजेंद्र यादव संघ की पसंद बताए जा रहे हैं। गजेंद्र यादव के पिता बिसराराम यादव आरएसएस के प्रान्त कार्यवाह थे। गजेंद्र यादव दुर्ग नगर निगम में एक बार पार्षद रह चुके हैं। वर्तमान में वे भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष की जवाबदारी निभा रहे हैं।