Vishnudeo Cabinet Reshuffle: गुटीय वर्चस्व की भेंट चढ़ गया मंत्रिमंडल का विस्तार, अब बजट सत्र के बाद ही संभव
Vishnudeo Cabinet Reshuffle: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की रणभेड़ी बज गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने आज दोनों चुनावों को एक साथ कराने का ऐलान कर दिया। चुनाव खतम होते ही विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हो जाएगा। याने विष्णुदेव मंत्रिमंडल का विस्तार उससे पहले अब संभव नहीं।

Vishnudeo Cabinet Reshuffle: रायपुर। छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार बीरबल की खिचड़ी की तरह हो गया है। जिस तरह बीरबल की खिचड़ी पक नहीं पा रही थी, उसी तरह मंत्रिमंडल का विस्तार मूर्त रूप नहीं ले रहा है। इस बार तो शपथ के लिए राजभवन को औपचारिक रूप से शपथ के लिए सूचित भी कर दिया गया था। मगर अब पार्टी ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
लोकसभा चुनाव के बाद से कई बार ऐसा हुआ है कि नए मंत्रियों के शपथ का डेट तय होते-होते मामला आगे बढ़ गया। इस बार तो 29-30 दिसंबर को एकदम तया था। मगर गुटीय पेंच मंत्रिमंडल विस्तार पर भारी पड़ गया।
बीजेपी के एक गुट विशेष द्वारा पहले प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को मंत्री बनाने का अड़ंगा लगाया गया। तय हुआ कि पहले नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाए, फिर उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाए।
मगर उल्टा हो गया। किरण को केंद्रीय नेतृत्व मंत्री बनाने की बजाए फिर से पार्टी अध्यक्ष बना दिया, जिसके लिए किरण सिंहदेव अनिच्छा व्यक्त कर चुके थे।
नए मंत्रियों के लिए बताते हैं, दिल्ली से दो नाम तय हो चुके थे। एक पुराने मंत्री कोटे से और एक नए से। मगर बात जम नहीं पाई। संगठन के कुछ लोगों को इनमें से एक नाम पसंद नहीं था। सो, मंत्रिमंडल विस्तार को रोकने पूरी ऐड़ी-चोटी की जोर लगा दी गई।
पहले किरण सिंहदेव का नाम आगे बढ़ाकर मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण रोका गया। वरना, 29-30 दिसंबर को शपथ की पूरी तैयारी हो चुकी थी। राजभवन को भी शपथ के लिए सूचित कर दिया गया था। मगर किरण सिंहदेव का नाम आगे बढ़ाने से मामला लटक गया।
हालांकि, ये बात अलग है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को इस गुटीय राजनीति की भनक लग गई और किरण सिंहदेव को दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष अपाइंट कर दिया। इसके बाद पार्टी नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हो गई।
जाहिर है, नगरीय और पंचायत चुनाव 22 फरवरी को समाप्त होगा। इसके बाद महापौर और जिला पंचायत का गठन होगा। इसमें चार-पांच दिन समय लगेगा, तब तक विधानसभा का बजट सत्र आ जाएगा।
बजट सत्र के बीच में 15 मार्च को होली है। होली की वजह से बजट सत्र में करीब हफ्ते भर का ब्रेक रहेगा। इसके बाद हफ्ता भर और यदि सदन की कार्रवाई चली तो लगता है 25 मार्च आ जाएगा। सियासी पंडितों का मानना है कि अप्रैल से पहले अब मंत्रिमंडल का विस्तार संभव नहीं। क्योंकि, बजट सत्र समाप्त होते ही नए मंत्रियों को शपथ के लिए बुलाया नहीं जाएगा। सो, मानकर चले कि मंत्रिमंडल का विस्तार अब अप्रैल तक के लिए टल गया।