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Video अहमद पटेल से तुलना बेमानी: भाजपा प्रभारी ने कहा - अहमद पटेल बनने की कोशिश न करें, सीएम बोले - उनके जैसा बनना आसान नहीं

Video अहमद पटेल से तुलना बेमानी: भाजपा प्रभारी ने कहा - अहमद पटेल बनने की कोशिश न करें, सीएम बोले - उनके जैसा बनना आसान नहीं
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By NPG News

रायपुर। कांग्रेस के कद्दावर नेता और ट्रबल शूटर रहे अहमद पटेल पर बुधवार को राजनीतिक बयानबाजी हुई। भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओमप्रकाश माथुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे (सीएम भूपेश बघेल) अहमद पटेल बनने की कोशिश न करें। बाद में जब हेलीपैड पर सीएम बघेल से मीडिया ने इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अहमद पटेल बनना आसान नहीं है। सीएम बोले, अहमद पटेल बड़ी शख्सियत थे। वे कई बार लोकसभा जीते। राज्यसभा में रहे। सोनिया जी के सचिव के रूप में बरसों तक देश की राजनीति में उनका दखल था। अहमद पटेल बनना आसान काम नहीं है। जिस प्रकार से अहमद पटेल ने पार्टी को सेवाएं दीं, वह किसी व्यक्ति के बस की बात नहीं है। उनसे तुलना करना बेमानी है।

सीएम भूपेश ने भाजपा नेताओं के कान खींचने की बात पर कहा, "हंटर चलाने से भी काम नहीं चला, अब कान खींचने की बात है। मतलब यह है कि जब बच्चे उद्दंड हो जाते हैं, बात नहीं मानते, तब कान खींचा जाता है। या तो वे दिल्ली वालों से सध नहीं रहे हैं। दिल्ली वालों की सुन नहीं रहे हैं। उनसे कुछ संभल नहीं रहा है। दंड देने की बात क्यों कहते हैं। जब स्थिति संभलती नहीं, तब दंड देने की बात होती है।'

क्या कहा था भाजपा प्रभारी ने

कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मीडिया ने जब माथुर से यह सवाल किया कि सीएम बघेल कहते हैं कि सबसे पहले उनके सामने चुनौती है कि वे कितने दिन तक प्रभारी रहेंगे, तब माथुर बोले, यह उनका अधिकार है, कहने का। लोकतंत्र है। मैं उस तरह की भाषाा नहीं बोलूंगा। बौखलाहट दिख रही थी। क्या पार्टी का सिस्टम वे बनाएंगे। वे अहमद पटेल बनने की कोशिश न करें परिवार (गांधी परिवार) का। यह धारणा बनी है, दिल्ली में कि दूसरा अहमद पटेल तैयार हो रहा है।

आपातकाल में जब इंदिरा हारीं, तब जीते थे अहमद पटेल

अहमद भाई मुहम्मद भाई पटेल प्रचलित नाम अहमद पटेल का जन्म भरूच गुजरात में 21 अगस्त 1949 में हुआ था। वे राज्य सभा व लोकसभा के पूर्व सदस्य के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे।

पटेल ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत नगर पालिका के चुनाव से की थी, जिसके बाद आगे पंचायत के सभापति भी बन गए। बाद में इन्होंने कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया और उसके बाद राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए। इंदिरा गांधी के आपातकाल के बाद 1977 में आम चुनाव हुए थे, जिसमें इंदिरा गांधी की हार हुई थी। इसी चुनाव में इनकी जीत हुई और पहली बार पहली बार लोकसभा में आए थे। ये तीन बार लोकसभा सभा सांसद (1977, 1980,1984) और पांच बार राज्यसभा सांसद (1993,1999, 2005, 2011, 2017 वर्तमान) रहे हैं।

अहमद पटेल का देहांत 25 नवंबर 2020 को हुआ था। उन्हें कोरोना हुआ था, जिसके बाद स्वास्थ्य लगातार गिरता गया। कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद उपचार के दौरान उनका निधन हो गया।

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