UP Sarkari School Vilay: सरकारी स्कूलों का विलय: मामला पहुंचा हाईकोर्ट, मायावती ने सरकार से की ये अपील
UP Me Parishadiya Prathmik Vidyalaya Ka Vilay: लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले और राज्य सरकार की ओर से संचालित होने वाले परिषदीय प्राथमिक विद्यालय (Parishadiya Prathmik Vidyalaya UP) के विलय के आदेश ने अब तूल पकड़ लिया है। एक ओर जहां ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है और आदेश को खलनऊ पीठ में चुनौती दी गई है। तो वहीं दूसरी ओर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इसे अनुचित और गरिब विरोधी कारार दिया है।

UP Me Parishadiya Prathmik Vidyalaya Ka Vilay: लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले और राज्य सरकार की ओर से संचालित होने वाले परिषदीय प्राथमिक विद्यालय (Parishadiya Prathmik Vidyalaya UP) के विलय के आदेश ने अब तूल पकड़ लिया है। एक ओर जहां ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है और आदेश को खलनऊ पीठ में चुनौती दी गई है। तो वहीं दूसरी ओर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने इसे अनुचित और गरिब विरोधी कारार दिया है।
हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले और राज्य सरकार की ओर से संचालित होने वाले परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के विलय के आदेश को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में चुनौती दी गई है। बता दें कि हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई है। पहली याचिका है जो सीतापुर के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने दाखिल की है। वहीं हाईकोर्ट में इसी मामले को लेकर एक और याचिका दाखिल की गई है। इन याचिकाओं की सुनवाई 3 जुलाई गुरुवार को की जाएगी।
3 जुलाई को अगली सुनवाई
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 16 जून को एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की संख्या के आधार पर उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में विलय करने का प्रावधान है। इसी आदेश को चुनौती देकर हाईकोर्ट से रद्द करने का आग्रह किया गया है। साथ ही याचिकाओं ने इसे मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला कहा है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता (CSC) शैलेंद्र कुमार सिंह और याचिका कर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डॉ एल पी मिश्र के साथ गौरव मेहरोत्रा पेश हुए। हाईकोर्ट में मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई गुरुवार को होगी।
मायावती का सरकार पर निशाना
इधर इस मामले को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के विलय के आदेश को अनुचित और गरिब विरोधी कारार दिया है। साथ ही सरकार से फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है। वहीं इस पर एक्शन नहीं लेने पर बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) की सरकार बनते ही इस फैसले को निरस्त करने का ऐलान भी किया है।
मायावती की सरकार से अपील
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पो्स्ट कर लिखा कि 'बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के युग्मन/एकीकरण की आड़ में बहुत सारे स्कूलों को बंद करने वाला जो फैसला लिया गया है, वह ग़रीबों के करोड़ों बच्चों को उनके घर के पास दी जाने वाली सुगम व सस्ती सरकारी शिक्षा व्यवस्था के प्रति न्याय नहीं, बल्कि पहली नजर में ही स्पष्ट तौर पर यह अनुचित, गै़र-ज़रूरी एवं गरीब-विरोधी प्रतीत होता है। सरकार से अपील है कि वह अपना युग्मन/एकीकरण का यह फैसला ग़रीब छात्र-छात्राओं के व्यापक हित में तुरन्त वापस लेे। यदि सरकार अपना यह फैसला वापस नहीं लेती है तो फिर हमारी पार्टी इनके सभी माता-पिता व अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि हमारी पार्टी बी.एस.पी. की सरकार बनने पर फिर इस फैसले को रद्द करके पुनः यहाँ प्रदेश में पुरानी व्यवस्था बहाल की जायेगी। वैसे उम्मीद है कि यूपी सरकार गरीबों व आमजन की शिक्षा के व्यापक हित के मद्दनज़र अपने इस फैसले को बदलने के बारे में ज़रूर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।'