Tarkeshwari Sinha Biography: कौन थीं तारकेश्वरी सिन्हा? जिन्हें कहते थे ‘ग्लैमर गर्ल ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स’?
Tarkeshwari Sinha Biography: बला की खूबसूरत तारकेश्वरी सिन्हा की खूबसूरती की कई नेता दीवाने थे. तारकेश्वरी सिन्हा को भारत की सबसे सुंदर महिला नेताओं में एक माना जाता है. उन्हें तो 'The glamour girl of the Indian Parliament' के नाम भी दिया गया है.

Tarkeshwari Sinha Biography
Tarkeshwari Sinha Biography: भारतीय इतिहास में कई खूबसूरत महिला पॉलिटिशियन है जिनकी खूबसूरती की चर्चा होती रहती है. इन्ही में से एक थी तारकेश्वरी सिन्हा(Tarkeshwari Sinha)... बड़ी-बड़ी चमकती आंखें, बॉब हेयर कट, बला की खूबसूरत तारकेश्वरी सिन्हा की खूबसूरती की कई नेता दीवाने थे. तारकेश्वरी सिन्हा को भारत की सबसे सुंदर महिला नेताओं में एक माना जाता है. उन्हें तो 'The glamour girl of the Indian Parliament' के नाम भी दिया गया है. तारकेश्वरी सिन्हा की राजनीती में भी खूब चर्चा रही है. तो चलिए जानते हैं उनके बारे में...
जन्म और शिक्षा
ग्लैमर गर्ल ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स के नाम से मशहूर तारकेश्वरी सिन्हा का जन्म नालंदा जिले के एक संभ्रांत भूमिहार परिवार में वर्ष 1926 में हुआ था. तारकेश्वरी सिन्हा के पिता डॉक्टर नंदन प्रसाद सिन्हा पटना में सर्जन थे. उन्होंने पटना के बांकीपुर गर्ल्स कॉलेज (अब मगध महिला कॉलेज) में पढ़ाई कीं थी. इसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में एमएससी किया. पढ़ाई के दौरान ही तारकेश्वरी सिन्हा का इंट्रेस्ट स्टूडेंट पॉलिटिक्स में आ गया. बहुत कम उम्र में ही बिहार की बड़ी छात्र नेता के तौर पर उन्होंने पहचान बना लीं. 19-20 साल की उम्र में देखते ही देखते बिहार की बड़ी छात्र नेता बन गयी. वह बिहार छात्र कांग्रेस की अध्यक्ष थीं, जो ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से अलग हो गई थी. साल 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में भी उन्होंने हिस्सा लिया. भारत छोड़ो आंदोलन में तारकेश्वरी सिन्हा की खूब चर्चा हुई.
निजी जीवन
राजनीती में बढ़ती तारकेश्वरी सिन्हा की रुचि को देखकर उनके डॉक्टर पिता चिंतित रहने लगे. चिंतित होकर पिता ने उनकी शादी छपरा के जाने-माने भूमिहार जमींदार परिवार में कर दी. उनके पति निधिदेव सिंह तब नामचीन वकील थे और सरकार के मुकदमों की पैरवी किया करते थे. तारकेश्वरी सिन्हा के दो बेटे और दो बेटियां हैं. लेकिन उनमें से कोई राजनीति में नहीं आया.
26 वर्ष की उम्र में बनी सांसद
तारकेश्वरी सिन्हा शादी के बाद भी राजनीती में एक्टिव रही. भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. साल 1947 तक बिहार कांग्रेस के सभी सीनियर नेता उनके व्यक्तित्व से वाकिफ हो चुके थे. महज 26 वर्ष की उम्र में साल 1952 में हुए पहले चुनाव वह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद चुनी गईं थी. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ही उन्हें पटना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को कहा था. जिसमे उन्हें सफलता भी मिली थी. उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी पंडित शीलभद्रया जी को भारी मतों से हराया था. तारकेश्वरी सिन्हा 26 साल की उम्र में ही संसद में पहुंचने वाली वह पहली महिला थी. तब उन्हें 'बेबी ऑफ हाउस', ग्लैमर गर्ल ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स' और 'ब्यूटी विद ब्रेन' का नाम दिया गया.
तारकेश्वरी सिन्हा बनी पहली महिला उप वित्त मंत्री
तारकेश्वरी सिन्हा साल 1957, 1962 और 1967 में बाढ़ लोकसभा सीट से चुनाव में जीत दर्ज की. साल 1958 में जवाहरलाल नेहरू केंद्रीय कैबिनेट में उन्हें पहली महिला उप वित्त मंत्री बनाया गया था. 1964 तक इस पद पर रहीं. तारकेश्वरी सिन्हा को मोरारजी देसाई का करीबी माना जाता था. साल 1969 में जब कांग्रेस पार्टी दो भागों में बंटी तब उन्होंने मोरारजी खेमे का ही समर्थन किया था. उन्होंने 1971 में कांग्रेस (ओ) के उम्मीदवार के रूप में बाढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार धर्मवीर सिन्हा से चुनाव लड़ा जिसमे हार गईं. इसके बाद विधानसभा चुनाव भी हार गईं. हार के बाद साल 1977 में कांग्रेस में लौट आईं. इसके बाद साल 1977 में उन्होंने बिहार के बेगुसराय ज़िले से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने नवंबर 1978 में समस्तीपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा का उपचुनाव लड़ा, लेकिन फिर से हार गईं. लगातार हार के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया था.
खूबसूरती की बाला थी तारकेश्वरी सिन्हा
तारकेश्वरी सिन्हा राजनीति के अलावा अपने खूबसूरती को लेकर भी चर्चा में रहती थी. उनके बॉब कट बाल, बड़ी-बड़ी चमकती आंखें, चेहरे पर गजब का ग्लो लोगों का दिल जीत लेती थी. एक से एक साड़ियां पहनती थीं. जिनके बारे में कहा जाता था कि कभी वह उसे दोहराती नहीं थीं. वह अपने लुक के प्रति बहुत सचेत थीं. कहा जाता है वह अपने लुक के प्रति बहुत सचेत थीं. उनकी साड़ियां बेहद खूबसूरत होती थी. वह एक बार जो साड़ी पहन लेती थी उसे दोहराती नहीं थीं.
उनके भाषण के दीवाने थे लोग
कहा यह भी जाता है वह जब लोकसभा में बोलना शुरू करती या भाषण देती थीं सब चुप हो जाते थे सभी की नजरें तारकेश्वरी पर टिकी होती थी. उनका भाषण ऐसा होता था कि कोई भी सुन उनका दीवाना हो जाये. वह अक्सर शेर का इस्तेमाल करती थी. उन्हें उस जमाने में हजारों शेर याद थे. 1981 में हेमवती नंदन बहुगुणा के प्रचार में उन्होंने शेरो शायरी की झड़ी लगा दी थी. न्यूयॉर्क टाइम्स ने 05 मार्च 1971 के अंक में उनकी आवाज को शहद सरीखी बताया था. कम उम्र में ही राजनीति और ब्यूटी के जबरदस्त कॉम्बिनेशन की वजह से उन्हें , बेबी ऑफ हाउस, ग्लैमर गर्ल ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स, ब्यूटी विद ब्रेन जैसे कई नाम दिए गए.
तारकेश्वरी से नफरत करती थी इंदिरा गांधी
एक दौर था जब इंदिरा गांधी उनसे नफरत करने लगी थी. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, इंदिरा गांधी तारकेश्वरी सिन्हा को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थीं. दरअसल, तारकेश्वरी और इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी के काफी करीब थे. फिरोज और तारकेश्वरी हमेशा साथ दिखते थे.फिरोज़ गांधी के सरकारी आवास में तारकेश्वरी को अक्सर देखा जाता था. धीरे धीरे दोनों के अफेयर की खूब चर्चा चली थी. जिस वजह से इंदिरा गांधी तारकेश्वरी सिन्हा से नफरत करने लगी थी.
