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एक स्पेशल जांच एजेंसी के रूप में, ED का यह काम शर्मनाक है...

Aseem Das Viral Letter To ED: खबर है कि, छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल पर रु. 508 करोड़ लेने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने, जेल से ईडी को चिट्ठी लिखी है...

एक स्पेशल जांच एजेंसी के रूप में, ED का यह काम शर्मनाक है...
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Ed (image: X)

By Manish Dubey

Aseem Das Viral Letter To ED: खबर है कि, छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल पर रु. 508 करोड़ लेने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति ने, जेल से ईडी को चिट्ठी लिखी है कि, उसने किसी को पैसा नहीं पहुंचाया उससे जबरिया मारपीट कर अंग्रेजी में लिखे दस्तावेज पर दस्तखत करा लिया गया।

भास्कर के अनुसार, सट्टेचाजी में मनी लांड्रिंग और हवाला केस में जेल में बंद ड्राइवर असीम दास उर्फ बप्पा की एक चिट्टी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। उसने जेल के भीतर से ईडी के डायरेक्टर को चिठ्ठी लिखकर निष्पक्ष जांच को मांग करते हुए कहा कि उसे साजिश कर फंसाया गया, कैश कुरियर बॉय बताया गया। जबकि उसने किसी कांग्रेसी नेता, सीएम भूपेश बघेल या वर्मा को कभी पैसा नहीं पहुंचाया है। आज तक उनसे मिला भी नहीं है।


गौरतलब है कि इसी ड्राइवर असीम के बयान को आधार चनाते हुए ईडी ने प्रेसनोट जारी कर दिया था। असीम ने, पत्र में ईडी से शिकायत की है कि उसे 508 करोड़ के बारे में कुछ पता नहीं और उसने ईडी को ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यह जब बेल पर आया और अखबार पड़ा, तब पता चला कि ईडी ने उस पर झूठा आरोप लगा दिया।

असीम ने इस चिट्ठी में लिखा कि उसके बचपन के दोस्त शुभम सोनी उर्फ पिंटू ने उसे अक्टूबर में दुबई बुलाया था। यहां उसने ठेकेदारी करने का झांसा दिया। फिर दूसरी बार छत्तीसगढ़ से दुबई बुलाया। वहां तीन दिन रुकवाने के बाद रायपुर भेज दिया। शुभम के कहे अनुसार वह होटल में ठहरा हुआ था।

असीम का आरोप है कि मौरभ, रवि और शुभम तीनों दुबई छोड़कर चले गए हैं। जब उसकी शुभम से आखिरी मुलाकात हुई तब उसने कहा था कि 5 नवंबर की उसकी यूरोप की फ्लाइट है। उसने जब सट्टेबाजों के बारे में पूछा सो शुभम ने कहा कि रवि और सौरभ की इंडी के बड़े अधिकारी मिश्रा से सेटिंग हो गई। वहां कोई खतरा नहीं है। उसे शक है कि तीनों यूरोप या Amsterdam में है।

ईडी के अंग्रेजी में लिखे बयान पर दस्तखत लिए। असीम दास ने कोर्ट आवेदन लगाया है कि वह 10वीं तक पढ़ा है। उसे आंग्रेजी नहीं आती है। इंडी वालों ने अंग्रेजी में लिखे बयान पर जबरदस्ती हस्ताक्षर कराया है। उसे पता ही नहीं है कि, उसके बयान में क्या लिखा है। ईडी ने 7 दिन की रिमांड में लिया, लेकिन कोई पूछताछ नहीं की। कुछ जांच भी नहीं की गई। उसे सिर्फ बिठाकर रखा गया। ईडी खानापूर्ति करती रही।

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