Begin typing your search above and press return to search.

Rahul Gandhi Disqualified सर्व ओबीसी समाज का अपमान : भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा – कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी कर पिछड़े वर्ग के जख्मों पर नमक छिड़क रही कांग्रेस

Rahul Gandhi Disqualified सर्व ओबीसी समाज का अपमान : भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा – कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी कर पिछड़े वर्ग के जख्मों पर नमक छिड़क रही कांग्रेस
X
By NPG News

Rahul Gandhi Disqualified

रायपुर. छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म होने के मामले में अब कांग्रेस नेताओं पर ओबीसी वर्ग के जख्मों पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया है. साव ने यह भी कहा कि राहुल की संसद सदस्यता जाने में कांग्रेस पार्टी की भी भूमिका है. ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस पार्टी खुद यही चाहती थी कि उनकी लोक सभा सदस्यता चली जाए. पवन खेड़ा वाले मामले में केवल 15 मिनट में कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट चली जाती है, लेकिन इस मामले में लगभग 24 घंटे से भी ज्यादा समय तक कांग्रेस पार्टी ने किसी भी अदालत में कोई अपील नहीं की है.

एकात्म परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए अरुण साव ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई है. वैसे उनकी सदस्यता तभी रद्द हो गई थी, जब सूरत की एक अदालत ने उनको देश के समग्र ओबीसी समाज का अपमान करने के मामले में दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. राहुल की सदस्यता जाने में भाजपा या केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है. उनकी सदस्यता अदालत के फैसले के साथ ही प्रभावी हो गई थी, बस प्रक्रिया का पालन करते हुए उसे नोटिफाई करना था, जिसे लोकसभा सचिवालय ने कर दिया.

साव ने कहा, रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो दोषी करार होते ही, उसकी संसद या विधान सभा की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाती है. 2013 में लिली थॉमस वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय पर मुहर लगाई थी. सजा का ऐलान होते ही पूर्व कांग्रेस के मंत्री वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी मान लिया था कि राहुल गांधी एक सांसद के तौर पर अयोग्य हो चुके हैं.

देश का ओबीसी और तेली समाज आक्रोशित

अरुण साव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में बेंगलुरु के पास कोलार में राहुल गांधी ने देश के ओबीसी समाज और तेली समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और उनके सरनेम को लेकर अपमान किया था. इसको लेकर देश का ओबीसी समाज और तेली समाज काफी आक्रोशित था. अदालत के फैसले ने उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है.

इन चार सालों में ऐसे कई मौके आए जब राहुल गांधी ओबीसी समाज से माफी मांग कर इस मामले को खत्म कर सकते थे, लेकिन अपने अहंकार में उन्होंने समाज और कोर्ट के द्वारा बार-बार समझाने और माफी मांगने के विकल्प को भी नजरअंदाज किया और लगातार ओबीसी समाज की भावना को ठेस पहुंचाई. राहुल गांधी ने पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया है. कल अदालत का फैसला आने के बाद भी राहुल गांधी और कांग्रेस नेता उस बयान को सही ठहराते रहे और अहंकार में डूबे रहे.

राहुल गांधी की सदस्यता उनके अहंकार के कारण गई है. उनकी सदस्यता उनके द्वारा देश के ओबीसी समाज के अपमान और माफी न मांगने के कारण गई है. वे अपने आप को देश से बड़ा समझने की भूल कर बैठे हैं. वे एक सीरियल ऑफेंडर हैं. वे पहले भी कई झूठी बातें बोल चुके हैं. राफेल मामले पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बारे में ही झूठ बोल दिया था जिसके कारण उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी थी. साव ने कहा कानून सब के लिए बराबर है. क्या राहुल गांधी के लिए अलग से कानून और संविधान बनाया जाए?

इस दौरान प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी और प्रदेश प्रवक्ता दीपक म्हस्के मौजूद थे.

Next Story