OP Chaudhari: यंग लीडर्स डायलॉग में छत्तीसगढ़ के युवा मंत्री ओपी चौधरी को मिला बड़ा अवसर...
0 दिल्ली में आयोजित 'विकसित भारत, यंग लीडर्स डायलॉग 2025' राष्ट्रीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मंत्री ओपी चौधरी को बड़ा अवसर मिला। 0 देश में 28 राज्यों में से वे पहले मंत्री रहे, जिन्हें इस यंग लीडर्स डायलॉग में बुलाया गया। डिफरेंट फील्ड के युवाओं से उनका संवाद कराया गया। 0 पहली बार राज्य के किसी मंत्री को दिल्ली के कार्यक्रम में मोदी जैसे प्रधानमंत्री के साथ बैठने का चांस मिला। 0नीचे पढ़िये ओपी चौधरी को इस महत्वपूर्ण डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए क्यों चुना गया...

OP Chaudhari: रायपुर। दिल्ली में आयोजित दो दिन का विकसित भारत, यंग लीडर्स डायलॉग कल शाम समाप्त हो गया। भारत का अगला 25 साल कैसा होगा, इसका रोडमैप बनाने इस यंग लीडर्स डायलॉग में चर्चा की गई। देश भर से आए युवाओं से खचाखच भरे भारत मंडपम में आयाजित डायलॉग को आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने इससे पहले विभिन्न क्षेत्रों में आउटस्टैंडिंग काम कर रहे युवाओं के विचार सुने। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि अपने सुझावों को लागू करने के लिए उन्हें राजनीति को माध्यम बनाना चाहिए।
इस यंग लीडर डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ के वित्त, आवास और पर्यावरण तथा जीएसटी मिनिस्टर ओपी चौधरी को भी बुलाया गया था। वे पूरे दो दिन वहां रहे। बता दें, 28 राज्यों में सिर्फ छत्तीसगढ़ के इस युवा मंत्री को डायलॉग में शामिल होने का मौका मिला।
समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ओपी चौधरी को अगली पंक्ति में बिठाया गया। प्रधानमंत्री की पंक्ति में बैठने वालों में विभागीय मंत्री के नाते मनसुख मंडविया, केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान, रक्षा खड़से और जयंत चौधरी के साथ ओपी चौधरी बैठे थे। इनमें ओपी को छोड़ सभी केंद्रीय मंत्री थे। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में दिल्ली के किसी राष्ट्रीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के युवा मंत्री को इस तरह पहली बार सम्मान मिला। जानिये ओपी चौधरी के विभागों में कौन-कौन से महत्वपूर्ण रिफर्म हुए या उसकी कोशिशें की जा रही हैं...
खजाने की चाबी
दिसंबर 2023 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओपी चौधरी को खजाने की चाबी सौंपते हुए उन्हें वित्त मंत्री बनाया था। मुख्यमंत्री के उम्मीदों पर खरा उतरते हुए उन्होंने विषम आर्थिक स्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ न केवल वित्तीय प्रबंधन को दुरूस्त किया है बल्कि वित्तीय अंकुश भी लगाया है। वित्तीय अनुशासन का ही नतीजा है कि राज्य के चार लाख कर्मचारियों को पहली तारीख को वेतन देने के साथ ही डेवलमपेंट के काम भी उस तरह से प्रभावित नहीं हुए है, जैसी कि आशंकाएं थीं।
फायनेंसियल रिफर्म में सबसे आगे
छत्तीसगढ़ में फायनेंसिल रिफर्म पर लगातार काम चल रहा है। भारत सरकार के स्पेशल कैपिटल असिस्टेंस स्कीम में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे चल रहा है। भारत सरकार ने राज्यों को रिफर्म के लिए जो सुझाव दिए गए थे, उसमें छत्तीसग़ढ़ फोकस करके काम कर रहा है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने भारत सरकार में फायनेंस के ज्वाइंट सिकरेट्री और अपने बैचमेट आईएएस मुकेश बंसल को बुलाकर इस विभाग का सचिव बनाया। इसके बाद छत्तीसगढ़ में फायनेंसिल रिफर्म के काम ने और गति पकड़ ली है।
पहली बार पेमेंट के लिए कड़ाई
छत्तीसगढ़ में यह पहली बार हो रहा कि वित्त विभाग के अफसर निर्माण विभागों के सचिवों को पत्र लिख बोल रहे कि वे निर्माण कार्यों और सप्लायरों का भुगतान समय पर करें...विभाग अपने पैसे का यूटिलाइज प्रॉपर करें।
पिछले महीने खुद फायनेंस सिकरेट्री ने कई विभागों के सचिवों को पत्र लिखा था कि वित्तीय वर्ष में एक तिहाई समय बच गया है, बजट को खर्च करने में विलंब न करें।
दरअसल, पार्टी को सरकारी पेमेंट रोकने के पीछे बड़ी वजह करप्शन होती है। सरकारी अधिकारी जानबूझकर ठेकेदारों या सप्लाईकर्ताओं का भुगतान रोककर रखते हैं। इससे न केवल निर्माण कायों का कॉस्ट बढ़ जाता है बल्कि बड़े स्तर पर करप्शन का खुलता है।
ईकोष का मार्डनाइजेशन
छत्तीसगढ़ का वित्त महकमा दो दशक पुराने ई-कोष को मार्डनाइज कर नए तरीके से लागू करने की तैयारी कर चुका है। फायनेंस के अफसरों का कहना है कि इसे भी जल्द क्रियान्वित कर दिया जाएगा।
पंजीयन में रिफर्म और जीरो करप्शन
छत्तीसगढ़ में जमीन और संपत्तियों की रजिस्ट्री में बड़ा खेला होता था। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तक पत्र लिख चिंता जता चुके थे। मगर फिर भी कुछ नहीं हुआ। मगर ओपी चौधरी ने पंजीयन मंत्री बनते ही करप्शन रोकने पंजीयन नियमों में काफी बदलाव किया।
उन्होंने साहसिक फैसला लेते हुए दस-दस साल से एक ही जगह जमे पंजीयन अधिकारियों को एक झटके में ट्रांसफर कर दिया। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसे बदनाम पंजीयन आफिसों के अधिकारी से लेकर चपरासी तक बदल दिए गए।
शुल्क देकर घर बैठे रजिस्ट्री भी प्रारंभ हो चुकी है। पंजीयन विभाग में कसावट से भ्रष्टाचार का लेवल कम हुआ है, वहीं आम आदमी की सुविधाएं बढ़ी हैं।
भ्रष्टाचार रोकने सीसीटीवी
बिल्डरों और भूमाफियाओं से जुड़ा टाउन एंड कंट्री विभाग छत्तीसगढ़ का सबसे बदनाम विभाग रहा है। वहां रिश्वत की महंगाई दस गुना बढ़ गई थी। याने कोविड से पहले एक लाख रुपए एकड़ डायवर्सन का लिया जाता था मगर वह बढ़कर अब 10 लाख हो गया है। याने डायवर्सन के रिश्वत में दस गुना वृद्धि। ओपी चौधरी के पास शिकायत आई तो उन्होंने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के सारे आफिसों में सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया है।