OP Chaudhari: खटराल मुलाजिमों की EOW जांच की कहानी सुनाई मंत्री ओपी चौधरी ने, बताया कितने परसेंट काम के कर्मचारी होते हैं और कितने परसेंट निठल्ले
OP Chaudhari: छत्तीसगढ़ में पंजीयन विभाग के 10 क्रांतिकारी सुधारों को आरंभ करने नवा रायपुर के एक होटल में बड़ा कार्यक्रम हुआ। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन सुधारों का आगाज किया। सीएम पटवारी और तहसीलदारों की मनमानी पर जमकर बरसे तो वहीं पंजीयन मंत्री ओपी चौधरी ने सिलसिलेवार बताया कि उन्हें इन सुधारों के लिए सवा साल में कितने पापड़ बेलने पड़े। उन्होंने विभाग के उपायी कर्मचारियों को पटरी पर लाने के लिए किस तरह ईओडब्लू जांच का खौफ दिखाया तो ये भी शेयर किया कि किसी भी सिस्टम में कितने परसेंट कर्मचारी अच्छे होते हैं और कितने परसेंट कर्मचारी उच्श्रृंखल।

OP Chaudhari: रायपुर। पंजीयन मंत्री के पास वित्त, जीएसटी और आवास पर्यावरण विभाग भी है। आज पंजीयन विभाग के 10 सुधारों की शुरूआत का अवसर था। इस मौके पर विभागीय मंत्री के रूप में बोलते हुए ओपी चौधरी ने बताया कि ये रिफर्म हफ्ता, महीना में नहीं हुआ...इसमें पंजीयन विभाग की उनकी टीम को सवा साल लगे।
उन्होंने बताया कि कोई भी रिफर्म आसान नहीं होता। उसका विभिन्न स्तरों पर विरोध होता है। ओपी बोले...उन्हें भी तरह-तरह के अवरोधों का सामना करना पड़ा। इसमें विभागीय से लेकर सियासी विरोध भी शामिल है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इसका क्रेडिट देते हुए बताया कि उन्होंने हर कदम पर उन्हें मार्गदर्शन किया। तभी पंजीयन विभाग इस मुकाम पर पहुंचा है।
ईओडब्लू जांच का खौफ
मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि सरकार बनने के बाद जब उन्होंने पंजीयन विभाग में सुधार की कवायद प्रारंभ किया तो विभाग के कुछ कर्मचारियों, अधिकारियों से विरोध के स्वर तेज होने लगे..आंदोलन की धमकियां दी जाने लगी। ओपी ने दिलचस्प ढंग से इसे शेयर किया कि कैसे इस मसले को उन्होंने हैंडिल किया। बोले, इस डिपार्टमेंट में स्ट्राइक की नौबत आई। हड़ताल करने का माहौल बहुत तेजी से बनने लगा। हमने पहले से इसकी तैयारिया की थी...अगर विरोध होगा तो कौन कौन लोग विरोध कर सकते हैं। हमने आईडेंटिफाई करके रखा था। हमने इनमें से छह लोगों की फाईल बनाई गई और जब आंदोलन हड़ताल के रूप में बदलने जा रहा था तो मैने इन छह लोगों की फाइल को मंत्रालय की टेबल में रखा। फिर इन छह लोगों को बुलवाया, मैने उनसे बोला, भाई देख लो, मैं पुराने गड्ढे नहीं खोदना चाहता। अगर आप समय के अनुसार रिफॉर्म का स्वागत करोगे तो आपके लिए कोई परेशानी नहीं होगी। नहीं तो ये फाईले मुख्यमंत्री के माध्यम से एसीबी, ईओडब्ल्यू को भेजी जाएगी। ओपी बोले, छह लोगों की फाइलों में सिर्फ तीन की फाइल सही थी, तीन की फाइलों में सिर्फ कागज भरे हुये थे, उसमें कुछ नहीं था। केवल नाम ही लिखा था उसके उपर। इसके बाद आंदोलन और हड़ताल बंद हो गये। ओपी के कहने का आशय यह था कि रिफर्म का काम आसान नहीं होता। बाहर से विरोध तो होती ही है, विभाग के भीतर भी झंझावतों से जूझना पड़ता है।
10 परसेंट कर्मचारी अच्छे
ओपी चौधरी ने कहा कि 13 बरसों के प्रशासनिक अनुभव में मैं मानता हूं कि हर सिस्टम में 10 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जो कभी नहीं बिगड़ते...हमेशा अच्छा काम करते हैं। 10 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं, जो कभी नहीं सुधरते, हमेशा गलत काम करते हैं। वहीं, 80 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जो समय की धारा के अनुसार बहते हैं। जब लीडरशिप सहीं होता है, नेतृत्व सहीं होता है, तो 80 प्रतिशत धारा से बहने वाले लोग और 10 प्रतिशत कभी नहीं बिगड़ने वाले लोग आपके साथ आ जाते हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोग जो कभी नहीं सुधरते, वो लोग एक राउंड विरोध करने का प्रयास करते हैं।
मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि आज के आधुनिक इतिहास का अध्यन करेंगे तो कोई भी देश तब तक महान नहीं बना है, जब तक रिफॉर्म को अडॉप्ट नहीं किया...टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट नहीं किया। जब भी कोई रिफॉर्म आता है, कोई भी टेकनोलॉजी आती है तो प्रथम द्वष्टिया उसका विरोध होता ही है। लोग उससे अनकंफर्टेबल महसूस करते है। देश में जब एटीएम आया, तब भी इसका विरोध हो रहा था कि रोजगार चला जाएगा, बैंकों से लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जब पंजीयन विभाग का का दायित्व मुख्यमंत्री के माध्यम से मुझे मिला, तो मैने फील किया कि हर एक के जिन्दगी में जमीन खरीदने का जो क्षण होता है। आम आदमी के जीवन में एक बार या दो बार मुश्किल से आता है। उस समय पंजीयन विभाग के ऑफिस से आदमी हंसते-हंसते बाहर जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने संकल्प लिया कि पंजीयन ऑफिस के कार्यों में रिफर्म करना होगा।