OP Chaudhari: कलेक्टर से मंत्री बने ओपी चौधरी ने चायवाले को बनवा दिया मेयर, इस चाय वाले की ईमानदारी सुनकर आप भी चौंक जाएंगे
OP Chaudhari: छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में एक चाय बेचने वाला रिकार्ड मतों से मेयर का चुनाव जीतकर रायगढ़ शहर का प्रथम व्यक्ति बन गया। रायगढ़ से छत्तीसगढ़ के मंत्री ओपी चौधरी विधायक हैं। ओपी ने ही मेयर पद के लिए जीवर्द्धन का नाम आगे बढ़ाया था। ओपी का कहना है कि जीवर्द्धन चाय बेचते हैं, इससे महत्वपूर्ण यह है कि 29 साल से बीजेपी के साथ ही अनुसूचित जाति मोर्चे में विभिन्न पदों पर रहने के बाद भी कोई आदमी चाय बेच रहा है, तो इससे समझा जाना चाहिए कि वह व्यक्ति कितना ईमानदार है। बता दें, ओपी चौघरी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर रहे हैं। रायपुर कलेक्टर से वीआरएस लेकर वे राजनीति में कूदे थे।

OP Chaudhari: रायपुर। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में 10 नगर निगमों के मेयर का इलेक्शन हुआ। इनमें सबसे अधिक किसी मेयर के चुने जाने की चर्चा है तो वह हैं रायगढ़ के जीवर्द्धन चौहान की। जीवर्द्धन रायगढ़ शहर में चाय का ठेला लगाते हैं। 29 साल से चाय बेचने वाले जीवर्द्धन की किस्मत पलटी और चाय के ठेले से रायगढ़ शहर का प्रथम व्यक्ति बन गए। वह भी रिकार्ड वोटों से। उनका वोट परसेंट 68 परसेंट रहा।
जीवर्द्धन की किस्मत बदलने में छत्तीसगढ़ के युवा ओपी चौधरी की अहम भूमिका रही। ओपी रायगढ़ से विधायक हैं। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान ओपी चौधरी की नजर जीवर्द्धन चौहान पर पड़ी। चाय बेचकर जीवन यापन करने वाले जीवर्द्धन की संगठन कौशल से ओपी बड़े अभिभूत हुए।
जीवर्द्धन पार्टी के ऐसे कर्मठ संगठनकर्ता हैं, जिन्हें किसी आंदोलन, धरना या रैली के लिए सिर्फ इशारा कर दीजिए, दो-चार सौ कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंच जाएंगे।
दलित सामुदाय से ताल्लुकात रखने वाले जीवर्द्धन चौहान बीजेपी के मंडल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष रहने के साथ ही अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। इतने सारे पदों पर रहने के बाद लोग जमीन से उपर उठ जाते कर बड़ी गाड़ियों में घूमने लगतें हैं। मगर जीवर्द्धन की ईमानदारी देखिए कि आज भी वे चाय बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं।
जीवर्द्धन की जीत के बाद मीडिया वालों ओपी चौधरी से चाय वाले की जीत पर उनका कमेंट्स मांगा तो उन्होंने कहा कि जीवर्द्धन चाय बेचते हैं, आप इस पर मत जाइये। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि राजनीति में विभिन्न पदों पर रहने के बाद भी कोई आदमी चाय बेच रहा है तो फिर समझा जा सकता है कि वे कितने ईमानदार हैं। ओपी ने कहा कि आज की सियासत में राजनीति में आते ही आदमी का सब कुछ बदल जाता है, जीवर्द्धन 29 साल से विभिन्न पदों पर रहने के बाद भी उनकी पारिवारिक स्थिति जस-की-तस बनी हुई है।
ईमानदारी जिंदा है
जीवर्द्धन ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हैं, जो चाय ठेला बंद कर पार्टी की रैलियों और जुलूसों में पहुंच जाते थे। दो-चार सौ लोगों की रैली निकालनी हो तो जीवर्द्धन को बोल दो, उसके बाद सब अपने हो जाएगा। बीजेपी ने ऐसे कार्यकर्ता का मान बढ़ाते हुए रायगढ़ से चुनाव मैदान में उतारा।
जीवर्द्धन ने पार्टी को भी निराश नहीं किया। जिस ईमानदारी से वे पार्टी के लिए कार्य करते रहे, चुनाव के दौरान भी उन्होंने इसे कायम रखी। टिकिट मिलने के बाद कई बिजनेसमैन और ठेकेदारों ने उनसे मिलकर पैसे देने की पेशकश की। कई लोग तो बैग लेकर उनकी झोपड़ीनुमा घर पहुंच गए।
मगर जीवर्द्धन ने यह कहते हुए हाथ जोड़ लिया...ओपी भैया हमारा चुनाव लड़ रहे हैं, वे ही सब देख रहे हैं। सियासत में ऐसा देखने को मिलता नहीं। बल्कि, प्रत्याशियों का मोटिव रहता है, जितना अंदर करते जाओ, आगे काम आएगा।