OBC Reservation: CG आरक्षण में OBC को झटका: दो दर्जन से ज्यादा निकायों में आरक्षण हो जाएगा जीरो...
OBC Reservation: पंचाय और नगरीय निकाय चुनावों के आरक्षण में ओबीसी वर्ग को तगड़ा झटका लग गया है। राज्य कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशांसाओं को लागू करने का फैसला किया है। इसकी वजह से राज्य के कई नगरीय निकायों और पंचायतों में ओबीसी का आरक्षण जीरो हो जाएगा।
OBC Reservation: रायपुर। अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वे के लिए गठित अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रतिवेदन को आज कैबिनेट की बैठक में रखा गया है। राज्य सरकार ने आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने का फैसला किया है। आयोग की अनुशंसा के आधार पर निकायों में ओबीसी को अब तक मिल रही 25 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को सरकार ने शिथिल करने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने इस फैसले की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर ओबीसी की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही सवा ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे निकाय जहां पर एसी और एसटी का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा।
वहीं, एससी-एसटी का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक ओबीसी का आरक्षण होगा, लेकिन यह आरक्षण उस निकाय की ओबीसी की आबादी से अधिक नहीं होगा। इसी तरह निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी।
केवल मैदानी इलकों में होगा फायदा
जानकारों के अनुसार राज्य सरकार के इस फैसले से ओबीसी वर्ग को मैदानी क्षेत्रों के कुछ जिलों में ही फायदा होगा। विशेष रुप से रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, धमतरी के साथ महासमुंद और राजनांदगांव के कुछ निकाय शामिल हैं। मैदानी क्षेत्रों में भी जहां एससी की आबादी ज्यादा है, वहां ओबीसी को नुकसान होगा।
जानकारों के अनुसार अब तक ओबीसी को सभी निकायों में 25 प्रतिशत आरक्षण मिलता था। इससे ऐसे निकाय जहां ओबीसी की आबादी कम है, फिर भी उन्हें 25 प्रतिशत आरक्षण मिल जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नए निर्णय से बस्तर और सरगुजा संभाग के कई निकायों में ओबीसी का आरक्षण जीरो हो सकता है, क्योंकि वहां एसटी की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है। जहां एससी और एसटी की आबादी 50 प्रतिशत से कम होगी, उन्हीं निकायों में ओबीसी को आरक्षण मिल सकता है।
सामान्य सीटों पर बढ़े जाएगी दावेदारी
एससी- एसटी बाहुल निकायों में ओबीसी आरक्षण कम होने या खत्म होने से जरनल सीटों पर दावेदारी बढ़ जाएगी। आयोग की अनुशंसा के अनुसार किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जाएगा। जानकारों के अनुसार यदि किसी निकाय में एससी-एसटी की आबादी 45 प्रतिशत है तो वहां ओबीसी को केवल 5 प्रतिशत ही आरक्षण मिलेगा।