Nand Kumar Baghel: कानून के सम्मान के लिए सीएम बेटे ने पिता को भेजा था जेल, भूपेश बघेल मंत्री थे तब भी पिता नंदकुमार को जाना पड़ा जेल
Nand Kumar Baghel: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल का आज दोपहर बाद कुरुदडीह में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके साथ ही नंद कुमार बघेल का पार्थिव शरीर पंच तत्व में विलिन हो जाएगा, लेकिन अपने स्वभाव और विवादित बयानों की वजह से वे हमेशा याद किए जाएंगे।
Nand Kumar Baghel: रायपुर। नंद कुमार बघेल का 89 वर्ष की उम्र में 8 जनवरी को निधन हो गया। 3 महीने तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्होंने अपना प्राण त्यागा। अस्तपाल में गुजारे गए इन 3 महीनों को छोड़ दें तो 89 साल के नंद कुमार बघेल पूरी जीवन सक्रिय रहे। नंद कुमार की अपनी विचारधारा और सोच थी और वे उसी हिसाब से काम करते और बयान देते थे। पुत्र भूपेश बघेल मंत्री हैं या मुख्यमंत्री इस बात से उन्हें कभी फर्क नहीं पड़ा, उन्हें जब जो कहना था और करना था अंजाम की चिंता किए बिना वो कहा और किया। यही वजह है कि नंद कुमार को 2 बार जेल जाना पड़ा। इसे संयोग की कहा जाएगा कि जब-जब नंद कुमार बघेल जेल गए तब-तब भूपेश बघेल सरकार में थे।
नंद कुमार बघेल पहली बार 4 नवंबर 2001 को गिरफ्तार किया गया था। तब प्रदेश में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस सरकार में भूपेश बघेल राजस्व मंत्री थे। मामला नंद कुमार की पुस्तक ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो जो जुड़ा था। इस किताब में नंद कुमार ने विभिन्न ग्रंथों और पुस्तकों के आधार पर राम की आलोचना और रावण की प्रशंसा की थी। कितब के प्रकाशन के बाद विवाद बढ़ा तो पहले राज्य सरकार ने किताब को प्रतिबंधित किया और फिर नंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
इसके करीब 20 साल बाद नंद कुमार बघेल 6 सितंबर 2021 को फिर गिरफ्तार किए गए। इस बार भी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे। इस बार मामला ब्राह्मणों के अपमान का था। उत्तर प्रदेश के दौरे पर गए नंद कुमार ने ब्राह्मणों को लेकर कुछ विपरीत टिप्पणी कर दी थी। उत्तर प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ इसको लेकर राजनीति गरमा गई। ऐसे में खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य पुलिस को नंद कुमार की गिरफ्तारी का आदेश दिया। प्रदेश पुलिस यूपी से उन्हें गिरफ्तार करके लाई थी। 10 सितंबर को उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी। पिता की गिरफ्तारी को लेकर जब तत्कालीन सीएम भूपेश से मीडिया ने प्रश्न किया तो उन्होंने कहा कि कानून के लिए सभी बराबर है। कानून-व्यवस्था और सौहाद्र को बिगाड़ने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जा सकती है, चाहे वो मुख्यमंत्री के पिता ही क्यों न हो।