Monsoon Session of CG Vidhan Sabha: सदन में शिष्य से गुरु ने पूछा सवाल:..तो सेटअप से पहले गेटअप की होने लगी चर्चा
Monsoon Session of CG Vidhan Sabha: विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान एक ऐसा वाक्या हुआ जिसमें एक गुरु ने अपने ही शिष्य से सवाल किया। इस दौरान सदन के दूसरे सदस्य भी चुटकी लेते नजर आए।
Monsoon Session of CG Vidhan Sabha: रायपुर। सदन में आज शिष्य और गुरु के बीच सवाल जवाब का सिलसिला चला। सवाल गुरु कर रहे थे तो जवाब शिष्य मंत्री दे रहे थे। इस दौरान स्पीकर डॉ. रमन सिंह और कृषि मंत्री राम विचार नेताम के साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी चुटकी ली।
मामला प्रश्नकाल के दौरान का है। प्रश्नकाल में चौथे नंबर का सवाल बीजेपी विधायक भईयालाल राजवाड़े का था। उन्होंने बैकुंठपुर जिला अस्पताल को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से प्रश्न किया था। राजवाड़े के सवाल का जवाब देने खड़े हुए स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि आज मेरे लिए विशेष और भाउक पल है। जिन्होंने (राजवाड़े) मुझे अभिभावक की तरह में पंचायत से लेकर यहां तक पहुंचाया। ऐसे व्यक्ति मुझ से प्रश्न कर रहे हैं मै गौरवांवित महसूस कर रहा हूं। इस पर स्पीकर डॉ. रमन ने कहा कि इसलिए ठीक जवाब देना।
इससे पहले राजवाड़े जैसे ही प्रश्न करने के लिए खड़े हुए उन्होंने कहा कि मेरा प्रश्न स्वास्थ्य मंत्री से है। इस पर स्पीकर ने हंसते हुए कहा- बिल्कुल सही बोल रहे हैं। इस पर कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष महोदय आज का इनका (राजवाड़े) गेटअप देख लिया जाए। राजवाड़े बोले- आज का गेटअप नहीं है, नेताम ने फिर कहा आज विशेष तैयारी में हैं। इस पर राजवाड़े ने कहा कि आज आपसे कुछ ठीक लग रहा हूं या नहीं।
इसके बाद सवाल-जवाब का दौर शुरू हुआ तो डॉ. महंत ने खड़े होकर कहा कि मंत्री जी ने स्वीकार किया है कि ये इनके गुरु हैं तो ये लोग बैठक कर समाधान कर लेना चाहिए, मामला यहां तक आना ही नहीं चाहिए था।
सदन में भरमार पर दागे गए सवाल: डॉ. महंत ने पूछा- आपने फायरिंग होते देख है, जानिये...गृह मंत्री ने क्या दिया जवाब
रायपुर। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मारे जाने वाले या गिरफ्तार होने वाले नक्सलियों से बड़े पैमाने पर भरमार बंदूकों की बरामदगी पर आज सदन में सवाल दागे गए। मामला प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उठाया। उन्होंने गृहमंत्री विजय शर्मा से कहा कि आपके उत्तर में भरमार की भरमार है, क्या आपने कभी भरमार से फायरिंग होते हुए देखा है। डॉ. महंत ने संदेह जाहिर किया कि एक ही भरमार बंदूक को बार-बार जब्ती दिखाया जाता है।
इस पर गृह मंत्री शर्मा ने आपत्ति की और कहा कि पुलिस और सुरक्षाबलों पर संदेह करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि आपके प्रश्न के उत्तर में हमने बताया है कि अब तक कितनी भरमार बंदूक जब्त हुई है और वह कहां रखी हुई है। ऐसे में इस पर संदेह करना उचित नहीं है। इस पर डॉ. महंत ने कहा कि मैं अविभाजित मध्य प्रदेश में गृह मंत्री था, तब तो इतना भरमार जब्त नहीं होता था। इससे पहले डॉ. महंत ने कहा कि भरमार चलत है या नहीं या सिर्फ दिखावे के हैं। संशय इस बात की है कि हर नक्सली के सामने भरमार जब्त होता है। क्या आपने चेक किया है कि जब्त भरमार बंदूकों में कितने चलने लायक हैं। आज की तारीख में भरमार से फायरिंग करते देखा है। नक्सली बताने के लिए भरमार को लेकर जाते हैं बॉडी के साथ रख देते हैं।
इससे पहले डॉ. महंत ने नक्सली घटनाओं की स्वीकारोक्ति के लिए गृहमंत्री शर्मा को बधाई दी। डॉ. महंत ने पूछा था कि दिसंबर 2023 से जून 2024 की अवधि में प्रदेश में कितनी नक्सली घटनाएं और नक्सली-पुलिस मुठभेड़ की घटनाएं किस-किस जिले के किस थाना क्षेत्र में हुई हैं? नक्सली घटनाओं एवं मुठभेड़ में सुरक्षाबल के कितने जवान शहीद हुए? कितने घायल हुए, कितने नागरिक मारे गये और कितने नक्सली मारे गए तथा कितने गिरफ्तार किये गये।
इस पर गृह मंत्री शर्मा ने अपने लिखित उत्तर में बताया कि इस दौरान कुल 273 नक्सली घटनाएं हुई हैं जिसमें नक्सली-पुलिस मुठभेड़ की 92 घटनाएं शामिल हैं। इन घटनाओं में सुरक्षाबल के 19 जवान शहीद और 88 जवान घायल हुए हैं। इस दौरान माओवादियों द्वारा 34 आम नागरिकों की हत्या की गई, 137 नक्सली मारे गये और 171 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। अपने उत्तर में गृह मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश की जेलों में इस वक्त कुल 790 नक्सली बंद हैं। इनमें से 25 सजा प्राप्त तथा 765 नक्सली विचाराधीन हैं।
नक्सलवाद पर सदन में हंगामा: भड़के गृह मंत्री ने कहा- ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान का मैं कोई जवाब नहीं दूंगा
विधानसभा में आज नक्सलवाद को लेकर सदन में हंगामा खड़ा हो गया। सदन में कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर निर्दोष आदिवासियों की हत्या का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष के सदस्यों में कांग्रेस पर नक्सलियों का साथ देने का। इसको लेकर दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी हुई।
यह मामला प्रश्नकाल के दौरान हुआ। नक्सलवाद को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत और गृह मंत्री विजय शर्मा के बीच सवाल- जवाब का सिलसिला चल रहा था। इसी दौरान पहले कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी और फिर कवासी लखमा ने मुठभेड़ों पर सवाल खड़ा किया। विक्रम मंडावी ने पीडिया में हुए मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों को ग्रामीण बताया। इस पर गृह मंत्री शर्मा ने मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों पर दर्ज मुकदमों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि इनमें से कई लोगों पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के दौरान एफआईआर हुआ था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे मामले की दंडाधिकारी जांच चल रही है।
इकसे बाद कवासी लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जिन्हें नक्सली बात रही है वे सभी ग्रामीण थे और तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए वहां एकत्र हुए थे। पुलिस ने उन्हें घेर कर गोली मार दिया। लखमा के इस आरोप पर गृह मंत्री भड़क गए। उन्होंने इस बयान को गैर जिम्मेदाराना और सुरक्षाबलों का मनोबल गिराने वाला बयान बताया। फर्जी मुठभेड़ और ग्रामीणों की हत्या के आरोपों से भड़के शर्मा ने लखमा के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया। कहा कि ऐसे गैरजिम्मेदाराना का मैं इसका कोई जवाब देना नहीं चाहता।
शर्मा के इस बयान से विपक्षी सदस्य नाराज हो गए और अपने स्थान पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में बीजेपी विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों तरफ से चल रही नारेबाजी और शोरशराबा के बीच स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने 12 बजते ही प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा कर दी।