Modi Cabinet 3.0: मोदी कैबिनेट छत्तीसगढ़ से कौन बनेगा मंत्री..?: इन 4 नेताओं की दावेदारी, कम से कम एक का मंत्री बनना तय...
Modi Cabinet 3.0: केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की तीसरी सरकार की कवायद तेज हो गई है। एनडीए गठबंधन में शामिल दलों ने आज मोदी को अपना नेता चुन लिया है। इसके साथ ही मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
Modi Cabinet 3.0: रायपुर। केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन की सरकार बननी लगभग तय है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अकेले 240 सीट हासिल की है। इसमें छत्तीसगढ़ के भी 10 सांसद शामिल है। अब तक केंद्रीय कैबिनेट में छत्तीसगढ़ से एक ही मंत्री शामिल किए जाते रहे हैं। इनमें डॉ. रमन सिंह, दिलीप सिंह जूदेव, विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह राज्य मंत्री रहे हैं। एक मात्र रमेश बैस कैबिनेट मंत्री रहे हैं। इस बार राज्य से 10 सांसद चुने गए हैं। सामाजिक और राजनीतिक गणित के हिसाब से इनमें से 4 नेता केंद्र में मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं।
छत्तीगसढ़ के नवनिर्वाचित 10 सांसदों में बस्तर से महेश कश्यप, कांकेर से भोजराम नाग, राजनांदगांव से संतोष पांडेय, दुर्ग से विजय बघेल, रायपुर से बृजमोहन अग्रवाल, महासमुंद से रुप कुमारी चौधरी, बिलासपुर से तोखन साहू, जांजगीर चांपा से कमलेश जांगड़े, रायगढ़ से राधेश्याम राठिया और सरगुजा से चिंतामणी महाराज शामिल हैं। इनमें राजनीतिक अनुभव के हिसाब से अग्रवाल सबसे वरिष्ठ हैं। वहीं, बघेल और पांडेय लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। अग्रवाल के साथ बाकी सभी 8 पहली बार सांसद चुने गए हैं।
मोदी कैबिनेट में कुर्सी के दावेदारों में पहली बार के सांसद भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ से जिन 4 लोगों को केंद्रीय कैबिनेट की दौड़ में शामिल या केंद्र में मंत्री बनाए जाने के समीरणों के हिसाब से फीट माना जा रहा है उनमें विजय बघेल, बृजमोहन अग्रवाल, कमेलश जांगड़े और रुप कुमारी चौधरी का नाम शामिल है।
विजय बघेल (ओबीसी) :विजय बघेल छत्तीसगढ़ बीजेपी में बड़ा ओबीसी चेहरा बन गए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व ने जिस तरह से उन पर भरोसा जताया उससे उनका कद बढ़ा है। लोकसभा चुनाव के दौरान देश में जिस तरह ओबीसी को लेकर राजनीति हुई उसमें भी बघेल फीट बैठ रहे हैं।
कमलेश जांगड़े (एससी) : केंद्रीय कैबिनेट के लिए दूसरा सबसे बड़ा दावेदार जांजगीर- चांपा सीट से पहली बार चुनाव जीतीं कमेलश जांगड़े को माना जा रहा है। जाति की राजनीति में जांगड़े भी पूरी तरह फीट हैं। एससी वर्ग से आती हैं और महिला हैं।लोकसभा चुनाव के दौरान इंडी गठबंधन की तरफ से जिस तरह से बीजेपी को आरक्षण विरोधी प्रचारित किया गया, उस सियासी समीकरण को साधने के हिसाब से जांगड़े को मंत्री पद मिल सकता है।
रुप कुमारी चौधरी (ओबीसी) : बताते चले कि मोदी कैबिनेट 2.0 में छत्तीगसढ़ से मंत्री बनाई गईं रेणुका सिंह भी पहली बार सांसद चुनी गई थीं। ऐसे में महासमुंद से पहली बार सांसद चुनी गई रुप कुमारी चौधरी के लिए भी मंत्री पद की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। चौधरी के पास संसदीय अनुभव भी है। वे पहले विधायक रह चुकी हैं। ओबीसी वर्ग से आती हैं।
बृजमोहन अग्रवाल (सामान्य) : इन तीन नामों के साथ चौथा नाम सामान्य वर्ग से आने वाले बृजमोहन अग्रवाल का है। अग्रवाल बीजेपी के अजये योद्धा हैं। वे लगातार वे लगातार 9वां चुनाव जीते हैं। 2023 में वे लगातार 8वीं बार विधायक चुने गए थे। केंद्र में यदि उनके अनुभव और वरिष्ठता को तवज्जे दिया गया तो अग्रवाल भी मंत्री बन सकते हैं।
इस बार एसटी मंत्री की उम्मीद कम
छत्तीसगढ़ से इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से केंद्र में मंत्री बनाए जाने की संभावना कम दिख रही है। राजनीतिक जानकारों का इसके पीछे तर्क है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने एसटी को मुख्यमंत्री बनाया है। ऐसे में अब केंद्र में इस वर्ग से मंत्री बनाए जाने की संभावना कम ही है। वैसे में भी राज्य की लोकसभा की 4 एसटी सीट से सांसद चुने गए सभी नेता पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं। इनमें चिंतामणी को छोड़ दें तो बाकी तीनों के पास संसदीय अनुभव नहीं है।