MLA Tuleshwar Singh Markam Biography in Hindi: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम पाली–तानाखार विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। वह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक दिवंगत हीरा सिंह मरकाम के पुत्र हैं। हीरा सिंह मरकाम इस सीट से दो बार विधायक निर्वाचित हुए थे। बेहद कड़े मुकाबले में कांग्रेस की प्रत्याशी दुलेश्वरि सिदार को मात्र 538 वोटों से चुनाव हराया है। यहां भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी।
50 वर्ष से तुलेश्वर सिंह मरकाम ग्राम तिवरता तहसील हरदी बाजार जिला कोरबा के रहने वाले हैं। उनका मोबाइल नंबर 9424171112 है। तुलेश्वर सिंह मरकाम का व्यवसाय कृषि है। तुलेश्वर सिंह ने 1998 में एलएलबी व 2001 में गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली है।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की स्थापना हीरा सिंह मरकाम ने सन 1991 में की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य गोंड समाज के हितों की लड़ाई करना था। राज्य बनने के बाद भाजपा को पाली तानाखार सीट में कभी जीत हासिल नहीं हुई। 2003,2008,2013 में कांग्रेस के रामदयाल उइके ने चुनाव जीता। 2018 के चुनाव में वे भाजपा में आ गए। 2018 मे वे तीसरे नंबर पर रहे थे। इस चुनाव में भी वे तीसरे नंबर पर रहें। हीरा सिंह मरकाम यहां से दो बार विधायक निर्वाचित हुए थे। अब उनके पुत्र तुलेश्वर सिंह मरकाम विधायक बने। वे अपने पिता के बाद गोंगपां के अध्यक्ष भी हैं।
यहां कुल 184342 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। गोंगपा के तुलेश्वर सिंह 60268 वोट मिले। कांग्रेस की प्रत्याशी दुलेश्वरी सिदार को 59730 वोट मिले। तुलेश्वर सिंह मरकाम 538 वोट से चुनाव जीते। तीसरा स्थान भाजपा के रामदयाल उईके का रहा। उन्हें 46179 वोट मिले। नोटा को 3543 वोट मिले। यहां कुल 9 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे।
गोंगपा पांच साल तक पार्टी और समाज को साथ लेकर चलती रही। कांग्रेस ने विधायक का टिकट काट कर नए प्रत्याशी को मैदान में उतारा। लेकिन कांग्रेस की प्रत्याशी दुलेश्वरी सिदार को पिछले चुनाव से 6000 वोट कम मिले। गोंगपा को तीन हजार वोट 2018 के चुनाव से अधिक मिले। यही गोंगपा के जीत की वजह रही। कांग्रेस ने अपने सिंटिंग विधायक का टिकट काटा। यह कांग्रेस के लिए नुकसान देह रहा। नोटा ने भी 3543 वोट प्राप्त किए। जबकि जीत हार का अंतर मात्र 538 वोट का रहा।
पिछले चार चुनावों से हीरासिंह मरकाम इस सीट पर चुनाव लड़ कर दूसरे स्थान पर रहते थे। उनकी मौत के बाद लग रहा था कि यहां पार्टी कमजोर पड़ जायेगी। पर पार्टी ने पूरे गोंड समाज को एकजुट करके चुनाव लड़ा। पोंडी ब्लॉक में हमेशा से गोंगपा लीड लेती है और पाली ब्लॉक से पिछड़ती है। पर इस बार पार्टी ने पाली ब्लॉक में मेहनत की और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाया।