Mla kunwar singh nishad biography in Hindi: विधायक कुंवर सिंह निषाद का जीवन परिचय
Mla kuwar Singh nishad biography in Hindi: गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद निषाद समाज से पहले ऐसे विधायक हैं जिन्हें किसी राष्ट्रीय पार्टी ने टिकट दी थी।। वह 2018 में पहली बार और 2023 में कांग्रेस की टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।उन्होंने भाजपा के वीरेंद्र साहू को 14863 मतों अंतर से चुनाव हराया है। कुंवर सिंह निषाद, निषाद समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी है। अत्यंत गरीब घर में जन्मे कुंवर सिंह निषाद के माता-पिता पढ़े लिखे नहीं हैं। यहां तक कि उनके भाई ने भी पढ़ाई नहीं की है। जबकि कुंवर सिंह निषाद ने राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। बेहद गरीब घर में जन्मे कुंवर सिंह निषाद परिवार चलाने के लिए अपने पिता और भाई के साथ मछली पकड़ने का काम करते थे। पिछली बार उन्हें टिकट मिलने पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी विरोध किया था। उनके चुनाव लड़ने के लिए निषाद समाज के लोगों ने भी चंदा इकट्ठा किया था। सीमित संसाधनों में अपने पिता और भाई के साथ पैदल ही विधानसभा में घूम घूम कर उन्होंने अपने लिए वोट मांगा और जनता ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया। कुंवर सिंह निषाद एक लोक कलाकार भी हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोकगीत व नृत्य के साथ टेली फिल्मों में भी काम किया है। जिसके चलते भी उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली है। 2020 में उन्हें पिछली कांग्रेस सरकार ने संसदीय सचिव बनाया था।
Mla kunwar singh nishad biography in Hindi: गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद निषाद समाज से पहले ऐसे विधायक हैं जिन्हें किसी राष्ट्रीय पार्टी ने टिकट दी थी।। वह 2018 में पहली बार और 2023 में कांग्रेस की टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।उन्होंने भाजपा के वीरेंद्र साहू को 14863 मतों अंतर से चुनाव हराया है। कुंवर सिंह निषाद, निषाद समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी है। अत्यंत गरीब घर में जन्मे कुंवर सिंह निषाद के माता-पिता पढ़े लिखे नहीं हैं। यहां तक कि उनके भाई ने भी पढ़ाई नहीं की है। जबकि कुंवर सिंह निषाद ने राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। बेहद गरीब घर में जन्मे कुंवर सिंह निषाद परिवार चलाने के लिए अपने पिता और भाई के साथ मछली पकड़ने का काम करते थे। पिछली बार उन्हें टिकट मिलने पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी विरोध किया था। उनके चुनाव लड़ने के लिए निषाद समाज के लोगों ने भी चंदा इकट्ठा किया था। सीमित संसाधनों में अपने पिता और भाई के साथ पैदल ही विधानसभा में घूम घूम कर उन्होंने अपने लिए वोट मांगा और जनता ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया। कुंवर सिंह निषाद एक लोक कलाकार भी हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोकगीत व नृत्य के साथ टेली फिल्मों में भी काम किया है। जिसके चलते भी उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली है। 2020 में उन्हें पिछली कांग्रेस सरकार ने संसदीय सचिव बनाया था।
- पिता का नाम–दुखवा राम निषाद
- जन्मतिथि–15 जनवरी 1971
- जन्म स्थान –अर्जुंदा जिला बालोद छत्तीसगढ़,
- विवाह की तिथि–22 अप्रैल 2004,
- पत्नी का नाम–दंतेश्वरी निषाद पत्नी की जन्मतिथि–7 सितंबर 1979
- पत्नी का व्यवसाय– पशु चिकित्सा विभाग में सहायक
- संतान–2 पुत्र
- शैक्षणिक योग्यता– एमए राजनीति शास्त्र
- व्यवसाय–कृषि एवं मत्स्य पालन
- कुल संपत्ति– 14 लाख 10 हजार 92 रुपए
- स्थायी पता:– नगर व पोस्ट – अर्जुंदा, थाना–अर्जुंदा जिला बालोद छत्तीसगढ़
- मोबाइल नंबर–9977891690
- राजधानी रायपुर में स्थानीय पता– ई–2/39, सेक्टर 17, नवा रायपुर अटल नगर जिला रायपुर छत्तीसगढ़
- अभिरुचि–संगीत, खेलकूद, साहित्य एवं अन्य रचनात्मक गतिविधियां
- पुरस्कार– संगीत एवं खेलकूद में राज्य व राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार विशेष उपलब्धियां–राष्ट्रीय एकता शिविर 1994, अमेठी उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व, नेहरू युवा केंद्र द्वारा आयोजित
सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का परिचय:–
विधायक कुंवर सिंह निषाद लोकरंग अर्जुंदा व सांस्कृतिक संस्था से संबद्ध रहे हैं। रंग सरोवर बारूका गरियाबंद से भी संबद्ध रहे हैं। सामाजिक संस्था लिंग वर्कर ( एचआइवी) से भी संबंध रहे हैं। छत्तीसगढ़ के लोकगीत नृत्य के साथ टेलीफिल्म फीचर फिल्म में विशेष भूमिका रही है। प्रदेश सहित पूरे देश में अभिनय के क्षेत्र में सतत संलग्न रहे हैं।
1995–96 में जिला कार्यकारिणी सदस्य जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग रहे हैं। 2017 से अध्यक्ष निषाद समाज जिला बालोद हैं। 2017 से 18 तक सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी ऑल इंडिया फिशरमैन कांग्रेस नई दिल्ली रहे हैं। 2018 में पहली बार विधानसभा हेतु निर्वाचित हुए हैं। 2019 से 21 तक वे सदस्य अनुसूचित जाति जनजाति तथा पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति प्रत्यायुक्त विधान समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे हैं। 2020 में उन्हें संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन बनाकर मंत्री खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी संस्कृति विभाग से संबद्ध किया गया है।
कुंवर सिंह निषाद गुंडरदेही विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर 2018 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। गुंडरदेही विधानसभा बालोद जिले में आता है। जिसे विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 61 के नाम से भी जाना जाता है। यह एक अनारक्षित सीट है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 224708 है। जिनमें से 186704(83.09%) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी कुंवर सिंह निषाद को 110369 (59.11%) वोट मिले थे। जबकि भाजपा प्रत्याशी दीपक ताराचंद साहू को 54975(29.45%) वोट मिले।
2023 के जीत की कहानी:–
गुंडरदेही विधानसभा में कुल 205048 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस के कुंवर सिंह निषाद को 103191 वोट मिलें। जबकि भाजपा के वीरेंद्र कुमार साहू को 88328 वोट मिलें। कांग्रेस के कुंवर सिंह ने 14863 मतों से चुनाव जीता। आप पार्टी के जसवंत सिन्हा को 3000 मतों से ज्यादा वोट मिले। नोटा को 1868 वोट मिले। यहां कुल उम्मीदवार 13 थे।
पिछले चुनाव में भी कांग्रेस के कुंवर सिंह निषाद चुनाव जीते थे। भाजपा विकास कार्यों को लेकर कोई आंदोलन नहीं खड़ी कर सकी। केवल चुनाव आने पर सक्रिय हुई। दूसरी ओर कांग्रेस के कुंवर सिंह निषाद विधायक रहते लगातार पांच साल तक सक्रिय रहें। लगातार विकास कार्यों को महत्व दिया। सड़क, पुल, पुलिया, पानी जैसी सुविधाओं की कमी को समझ कर दूर करने का प्रयास किया। जिससे जनता में उनकी पकड़ मजबूत हुई और उन्हें जीत हासिल की।