Manmohan Singh: पीएम बनने के साल भर के भीतर छत्तीसगढ़ आए थे मनमोहन सिंह, रायपुर एयरपोर्ट पर एसपीजी के सामने हुआ था बवाल...
Manmohan Singh: देश के लगातार 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे डॉ0 मनमोहन सिंह का कल रात देहावसान हो गया। मनमोहन सिंह के निधन पर देश में शोक व्याप्त है। भारत सरकार ने सात दिन का शोक घोषित किया है। मनमोहन सिंह के जाने की खबर से छत्तीसगढ़ में उनके प्रवास की यादें ताजा हो गई। पहली बार प्रधानमंत्री बनने के साल भर के भीतर ही रायपुर आए थे। तब कांग्रेस की गुटीय सियासत की वजह से एयरपोर्ट पर हंगामा हो गया था। आखिरी बार वे दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी के लाइवलीहूड कालेज और एजुकेशन सिटी देखने दंतेवाड़ा आए थे।
Manmohan Singh: रायपुर। रायपुर के निमोरा में बना ग्रामीण विकास संस्थान का उदघाटन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने किया था। 2003 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद स्टेट लेवल की ये सबसे बड़े संस्थान के सबसी बड़ी बिल्डिंग थी। इसलिए तब के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री से इसका उद्घाटन करवाया था।
इसके लिए रमन सिंह उनसे मिलने दिल्ली गए थे। बताते हैं, मनमोहन छत्तीसगढ़ आने के लिए तुरंत तैयार हो गए थे। रमन सिंह बीजेपी के मुख्यमंत्री थे मगर मनमोहन सिंह से उनके संबंध बड़े अच्छे थे। जाहिर है, कई मौकों पर मनमोहन सिंह रमन सिंह सरकार और उसके काम की तारीफ की थी।
बहरहाल, बीजेपी की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री का यह पहला कार्यक्रम था। सो, जोरदार तैयारी की गई थी। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मनमोहन सिंह 30 अप्रैल 2005 को रायपुर आए।
रायपुर एयरपोर्ट पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल केएम सेठ, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह समेत उनका पूरा मंत्रिमंडल, शीर्ष अधिकारी और कांग्रेस नेताओं ने स्वागत किया। उस समय अजय चंद्राकर पंचायत मंत्री थे। चूकि उनके विभाग का कार्यक्रम था इसलिए वे एक्टिव मोड में थे। फोटो में भी वे दिखाई पड़ रहे हैं।
पीएम का हाथ पकड़ लिए जोगी
कांग्रेस की गुटीय राजनीति की वजह से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के छत्तीसगढ़ दौरे में ऐसा सियासी बवाल हुआ कि पूरे देश की मीडिया में खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। दरअसल, उस समय कांग्रेस में सियासी टकराच चरम पर था। दिसंबर 2003 में अजीत जोगी की सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान हादसे में वे गंभीर रूप से जख्मी हुए। लंबे समय के इलाज के बाद 2005 के जनवरी, फरवरी में सियासत में धमाकेदार इंट्री की थी। मगर कांग्रेस नेताओं को उनकी सक्रियता स्वीकार्य नहीं थी। कांग्रेस का एक धड़ा उन्हें हांसिये पर धकेलना चाहता था।
30 अप्रैल 2005 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आए तो उनके स्वागत में अजीत जोगी का नाम नहीं था। इससे वे बेहद नाराज हुए। बात मोतीलाल वोरा तक पहुंची तो उन्होंने विदाई के समय जोगी का नाम जोड़वा दिया। राज्य गामीण संस्थान के कार्यक्रम के बाद दिल्ली जाने के लिए मनमोहन सिंह जैसे ही रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे अजीत जोगी उनके सामने फट पड़े। अंग्रेजी में तमतमाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के लोग मुझे आपका स्वागत नहीं करने देना चाहते...ऐसे में कैसे चलेगी पार्टी।
अजीत जोगी का गुस्सा देख मनमोहन सिंह उनके व्हील चेयर के पास चले आए, उनसे हाथ मिलाया। मगर जोगी इतने आग-बबूले थे कि अपनी बात कहने के दौरान मनमोहन सिंह का बरबस हाथ पकड़ लिए। हालांकि, उन्होंने जानबूझकर नहीं किया। मगर उनके विरोधी नेताओं ने इस प्रचारित कर दिया कि जोगी ने प्रधानमंत्री का हाथ पकड़ लिया।
जीरम हिंसा और मनमोहन सिंह
25 मई 2013 को जीरम नक्सली हिंसा ने पूरे देश को हिला दिया था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाईगर और पूर्व सांसद महेंद्र कर्मा समेत 30 कांग्रेस नेता मारे गए थे। इस घटना के अगले दिन 26 मई को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी और राहुल गांधी एक ही फ्लाइट से रायपुर आए थे। तब घटना की भयावहता को देखते लोगा मानने लगे थे कि छत्तीसगढ़ में सरकार भंग कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। मगर राजभवन में हुई हाई प्रोफाइल बैठक के बाद प्रधानमंत्री संतुष्ट हो गए थे।
मनमोहन सिंह दंतेवाड़ा दौरा
प्रधानमंत्री रहने के दौरान मनमोहन सिंह पहली बार बस्तर दौरे पर 2013 में दंतेवाड़ा आए थे। उन्होंने एजुकेश सिटी और लाइवलीहूड कॉलेज का जायजा लिया था। उन्होंने बच्चों से संवाद कर उन्हें मोटिवेट भी किया।
एकमात्र राजनीतिक सभा
मनमोहन सिंह राजनीतिक व्यक्ति नहीं थे, इसलिए छत्तीसगढ़ में उनकी सिर्फ एक ही राजनीतिक सभा हुई थी। 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 9 नवंबर को रायपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित कर कांग्रेस की सरकार बनाने का आग्रह किया था। इसके अलावा उनकी कोई राजनीतिक कार्यक्रम यहां नहीं हुआ।
फोटो में रमन, अजय और राउत
राज्य ग्रमीण संस्थान निमोरा के उद्घाटन की फोटो में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर और पंचायत सचिव एमके राउत दिखाई पड़ रहे हैं। राउत ने निमोरा में उन्हें पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया था।