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Madhusudan Yadav: टिकट कट गई फिर भी बने रहे निष्‍ठावान: इसी समर्पण के फल के रुप में दूध वाले को फिर से मिली मेयर की टिकट

Madhusudan Yadav: राजनीति में कब किसकी निष्‍ठ ढोल जाए यह कहा नहीं जा सकता। बात जब सीटिंग एमपी और एमएलए की टिकट का हो तो और गंभीर हो जाता है। इन सब के बीच राजनीति के मैदान में आज भी कुछ ऐसे निष्‍ठावान लोग हैं, जो विपरित परिस्‍थति में भी अपनी निष्‍ठ नहीं बदलते। ऐसे लोगों को उनके इस त्‍याग और सम्‍पर्ण का फल भी मिलता है।

Madhusudan Yadav: टिकट कट गई फिर भी बने रहे निष्‍ठावान: इसी समर्पण के फल के रुप में दूध वाले को फिर से मिली मेयर की टिकट
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By Sanjeet Kumar

Madhusudan Yadav: रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रत्‍याशियों की घोषणा के साथ टिकट नहीं मिलने से नाराज और असंतुष्‍ट नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार चल रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के दर्जनों लोग बीते दो दिनों में पार्टी से इस्‍तीफ दे चुके हैं, तो कई बगावत कर निर्दलय पर्चा दाखिल कर दिया है। यह तो स्‍थानीय चुनाव है तब नेताओं की निष्‍ठा ढोल गई है, लेकिन सोचिए जबक किसी सीटिंग सांसद की टिकट कट जाए तो वह क्‍या करेगा। लेकिन राजनीति के मैदान में कुछ ऐसे भी लोग हैं भी जो विपरीत परिस्थिति में भी पार्टी और अपने नेता के साथ खड़े रहते हैं।

ऐसे ही निष्‍ठावान नेताओं में एक हैं मधुसूदन यादव। मधुसूदन विधानसभा के स्‍पीकर और पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेहद करीबी नेताओं में शामिल हैं। राजनांदगांव की राजनीति में मधुसूदन को डॉ. रमन का हनुमान कहा जाता है। साधारण दूध बेचने वाले परिवार से आने वाले मधुसूदन यादव के चुनावी राजनीति की शुरुआत निगम चुनाव से ही हुई थी। मधुसूदन यादव खुद भी कभी साइकिल से दूध बांटते थे। 1995 में वे पहली बार पार्षद चुने गए। इसके बाद वे लगातार तीन बार राजनांदगांव नगर निगम के पार्षद रहे। 2004 में मधुसूदन यादव पहली बार एक साल के लिए महापौर बनें। 2005 में हुए निकाय चुनाव में बीजेपी ने उन्‍हें महापौर का टिकट दिया। फिर पार्टी ने इस बार उन्‍हें महापौर का टिकट दिया। यदि इस बार वे जीतते हैं तो वे तीसरी बार राजनांदगांव नगर निगम के महापौर बनेंगे।

2009 में मिला लोकसभा का टिकट

मधुसूसदन यादव को बीजेपी ने 2009 में राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्‍याशी घोषित किया। मधुसूदन का मुकाबला डोगरगढ़ राज परिवार के आने वाले कांग्रेस दिग्‍गज नेता देवव्रत सिंह से था। सांसद का टिकट मधुसूदन यादव को डॉ. रमन सिंह की वजह से मिला। मधुसूदन यादव ने देवव्रत सिंह को 1, 19, 074 वोट के अंतर से करारी मात दी। 2014 के लोकसभा चुनाव में मधुसूदन यादव को फिर से टिकट मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन एन वक्‍त पर उनके स्‍थान पर डॉ. रमन के पुत्र अभिषेक सिंह को पार्टी ने टिकट दे दिया। मधुसूदन यादव के करीबी लोगों के अनुसार टिकट कटने का उन्‍हें दु:ख तो हुआ, लेकिन उन्‍होंने पूरी निष्‍ठा के साथ चुनाव में अभिषेक के लिए काम किया और अभिषेक सिंह 2014 में सांसद चुने लिए गए।

2015 जीता महापौर का चुनाव

सांसद का टिकट काटने के बाद पार्टी ने 2015 में फिर मधुसूदन को नगर निगम के मैदान में उतारा। उन्‍हें राजनांदगांव नगर निगम के महापौर का प्रत्‍याशी घोषित किया गया। इस बार मधुसूदन का मुकाबाला कांग्रेस के विजय पांडेय से था। मधुसूदन ने रिकार्ड 35 हजार से अधिक मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्‍याशी को हराकर लगातार दूसरी बार महापौर बन गए।

2018 में पार्टी ने लड़वाया विधानसभा का चुनाव

राजनांदगांव नगर निगम में महापौर रहते बीजेपी ने मधुसूदन यादव को 2018 के विधानसभा चुनाव में डोंगरगांव विधानसभा सीट से टिकट दिया। उनका मुकाबला कांग्रेस के सीटिंग एमएलए दलेश्‍वर साहू से हुआ। इस बार मधुसूदन को हार का सामना करना पड़ा। चुनावी राजनीति में यह मधुसूदन की पहली हार थी।

राजनांदगांव में बीजेपी में सामान्‍य के बीच अकेले ओबीसी

राजनांदगांव बीजेपी का सियासी सीमकरण अभी टिकट के लिए पूरी तरह मधुसूदन यादव के पक्ष में था। देश और प्रदेश में ओबीसी को लेकर चल रही राजनीति के बीच अभी राजनांदगांव में बीजेपी संगठन से लेकर निर्वाचित जनप्रतिनिधि यहां तक की प्रभारी मंत्री सभी सामान्‍य वर्ग के हैं। राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडेय हैं। विधायक डॉ. रमन सिंह हैं, जबकि प्रभारी मंत्री विजय शर्मा हैं। कोमल सिंह राजपूत राजनांदगांव बीजेपी के जिलाध्‍यक्ष हैं।

नामांकन में शामिल हुए डॉ. रमन, अभिषेक सिंह बना गए चुनाव संचालक

मधुसूदन यादव के नामांकन में डॉ. रमन सिंह भी शामिल हुए। मंगलवार को नामांकन दाखिला के दौरान डॉ. रमन उनके साथ थे। वहीं, पूर्व सांसद और डॉ. रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह को मधुसूसदन यादव का चुनाव संचालक बनाया गया है। अभिषे‍क सिंह के साथ सांसद संतोष पाण्‍डेय को भी चुनाव संचालन की जिम्‍मेदारी दी गई है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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