Loksabha Chunav 2024: CG रण में कांग्रेस के मंझे हुए खिलाड़ी: पूर्व सीएम, 2 पूर्व मंत्री विधायक को दिया टिकट, मात्र 1 नया चेहरा
Loksabha Chunav 2024: कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ की 11 में से 6 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी। पार्टी ने अपने सभी मंझे हुए खिलाड़ियों को मैदान में उतारा है। इसमें पूर्व सीएम से लेकर पूर्व मंत्री और सीटिंग एमपी शाामिल हैं।
Loksabha Chunav 2024: रायपुर। लोकसभा 2024 के लिए कांग्रेस ने आज अपने 39 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। इसमें छत्तीसगढ़ की भी 6 सीट शामिल है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के रण में अपने सभी मंझे हुए नेताओं को मैदान में उतारा है। 6 में से केवल 1 को छोड़कर बाकी सभी राजनीति के मैदान के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। सीटिंग एमपी ज्योत्सना महंत केवल एक बार चुनाव लड़ी हैं, लेकिन 4 प्रत्याशी ऐसे हैं जो कई बार चुनाव लड़े और जीत चुके हैं। ऐसे में इस बार छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद की जा रही है।
कांग्रेस की सूची में सबसे बड़ा नाम भूपेश बघेल का है। पूर्व सीएम बघेल को कांग्रेस ने राजनांदगांव सीट से प्रत्याशी बनाया है। बघेल अभी पाटन सीट से विधायक हैं। बघेल के पास लंबा सियासी अनुभव है। बघेल के सामने बीजेपी के सीटिंग एमपी संतोष पांडेय हैं। बघेल एक बार रायपुर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
बीजेपी ने अपने 9 में से जिन 2 सीटिंग एमपी को फिर से टिकट दिया है उनमें दुर्ग सांसद विजय बघेल का भी नाम है। गौर करने वाली बात यह है कि पूर्व सीएम बघेल और ताम्रध्वज साहू दोनों दुर्ग जिला से हैं। साहू दुर्ग से सांसद रह चुके हैं। इसके बावजूद पार्टी ने वहां से नए चेहरे राजेंद्र साहू को मैदान में उतारा है। बता दें कि साहू बाहुलता वाली दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से ताम्रध्वज साहू ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए।
प्रदेश की एक मात्र एससी आरक्षित जांजगीर-चांपा सीट से कांग्रेस ने डॉ. शिवकुमार डहरिया को टिकट दिया। डहरिया भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, लेकिन वे 2023 के विधानसभा चुनाव में वे अपनी आरंग सीट बचा नहीं पाए। इसके बावजूद विधानसभा चुनाव के हिसाब से जांजगीर में डहरिया के पक्ष में नजर आ रहा है। जांजगीर लोकसभा सीट में शामिल सभी 8 विधानसभा की सीटों पर इस वक्त कांग्रेस के एमपी हैं। बीजेपी ने वहां से महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े के रुप में नए चेहरे पर दांव लगाया है।
2018 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे ताम्रध्वज साहू फिर एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ते नजर आएंगे। साहू 2014 में दुर्ग संसदीय सीट से एमपी चुने जा चुके हैं। भूपेश सरकार में गृह मंत्री रहे साहू को पार्टी ने इस बार महासमुंद संसदीय सीट से उतारा है। महासमुंद को भी साहू बाहुल क्षेत्र माना जाता है। बीजेपी ने वहां से पूर्व महिला विधायक रुपकुमारी चौधरी को टिकट दिया है। महासमुंद संसदीय क्षेत्र में शामिल विधानसभा सीटों का चुनाव के परिणाम साहू के पक्ष में नजर आ रहा है।
रायपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने विकास उपाध्याय को मैदान में उतारा है। उपाध्याय 2018 में रायपुर पश्चिम सीट से पहली बार एमएलए चुने गए थे, लेकिन 2023 का चुनाव हार गए। उपाध्याय की पहचान जुझारु नेता के रुप में है। लेकिन उनके सामने बीजेपी की टिकट पर दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल हैं। अग्रवाल लगातार 8वीं बार के अब तक के अजेय विधायक हैं। अग्रवाल को चुनावी रणनीतिकार माना जाता है।
कोरबा में दोनों पार्टियों ने महिलाओं उम्मीदवारों को उतारा है। बीजेपी ने कोरबा सीट के लिए सरोज पांडेय के नाम का ऐलान पहले ही कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस ने अपने सीटिंग एमपी ज्योत्सना महंत को ही चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। ज्योत्सना महंत डॉ. चरणदास महंत की धर्मपत्नी है। डॉ. महंत कोरबा से सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं और अभी वे सक्ती सीट से एमएलए व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। वहीं, सरोज पांडेय दुर्ग से सांसद रह चुकी हैं।
संसदीय सीट | बीजेपी प्रत्याशी | कांग्रेस प्रत्याशी |
कोरबा | सरोज पांडेय | ज्योत्सना महंत |
जांजगीर-चांपा (एससी) | कमलेश जांगड़े | डॉ. शिव कुमार डहरिया |
रायपुर | बृजमोहन अग्रवाल | विकास उपाध्याय |
महासमुंद | रुप कुमार चौधरी | ताम्रध्वज साहू |
दुर्ग | विजय बघेल | राजेंद्र साहू |
राजनांदगांव | संतोष पांडेय | भूपेश बघेल |