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गाय नहीं तो गोबर कैसे बेच रहे: नेता प्रतिपक्ष ने कहा- छत्तीसगढ़ में गोबर चोरी हो रही, इससे दुखद और क्या हो सकता है?

धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया है कि बिहार के चारा घोटाले की तरह प्रदेश में गोबर घोटाला हो रहा है।

गाय नहीं तो गोबर कैसे बेच रहे: नेता प्रतिपक्ष ने कहा- छत्तीसगढ़ में गोबर चोरी हो रही, इससे दुखद और क्या हो सकता है?
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By NPG News

रायपुर, 20 जून 2022। राज्य सरकार द्वारा 144 करोड़ की गोबर खरीदी के दावे पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया है कि बिहार के चारा घोटाले की तरह छत्तीसगढ़ में गोबर घोटाला हो रहा है। कौशिक ने कहा कि जिनसे गोबर की खरीदी की जा रही है, उनका सही पता दर्ज नहीं है। जिन्हें भुगतान किया जा रहा है, उसका हिसाब-किताब नहीं है। उन लोगों से भी गोबर की खरीदी की जा रही है, जिनके घर पर पशुधन ही नहीं है।

कौशिक ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ गोबर खरीदी केवल कागजों पर चल रही है। जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सीएम भूपेश बघेल दावा कर रहे है कि प्रदेश में एक साल में करीब 26 प्रतिशत गौ पालक बढ़े हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जिनसे गोबर खरीदी जा रही है, उनका सही नाम-पता नहीं है। केवल वाहवाही लूटने के लिए गोबर खरीदी को एक सफल अभियान बताया जा रहा है। सीएम ने 144 करोड़ रुपए से भी अधिक की गोबर खरीदी की बात कही है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि प्रदेश में कई जगह से गोबर की चोरी हुई या फिर गोबर पानी में बह गया है। यह अपने-आप में एक अद्भुत उदाहरण है कि किसी राज्य में गोबर की चोरी हो रही है। इससे दुखद और क्या हो सकता है।

नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि सरगुजा से लेकर बस्तर तक गोबर अभियान के नाम पर जो भ्रष्टाचार हो रहा है, उस पर प्रदेश सरकार पर्दा डालने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार के सारे दावे खोखले हैं। आने वाले समय में इस बात का खुलासा होगा कि चारा घोटाले की तरह गोबर घोटाला हो रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें ऐसे कई गोबर विक्रेता हैं जिनके पास पशुधन नहीं है। उसके बाद भी लाखों रुपए का गोबर कैसे बेच रहे हैं? यह एक सवाल को जन्म देता है। जिन हितग्राहियों को कथित तौर पर गोबर खरीदी के नाम पर भुगतान हुआ है, उसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8408 गौठान बनाने की बात प्रदेश सरकार ने अपने आंकड़ों में कही है। उन गौठानों की हालत कैसी है, सब जानते हैं। गोधन न्याय योजना के नाम पर मानो प्रदेश की सरकार छलने का काम रह रही है। गौठानों की बदहाली की कहानी प्रदेश सरकार की योजना की तस्वीर को बता रही है।

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