Expansion of Sai Cabinet: कौन हैं वो 2 लकी विधायक: क्या कैबिनेट विस्तार में चौंकाएंगे सीएम साय? कल मिल सकता है इन सवालों का जवाब...
Expansion of Sai Cabinet: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली रवाना होने के साथ ही कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलबाजी शुरू हो चुकी है। क्या कैबिनेट में व्यापक फेरबदल होगा या केवल 2 नए लोग ही शामिल होंगे। इन सवालों को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं।
Expansion of Sai Cabinet: रायपुर। छत्तीसगढ़ के सियासी और प्रशासनिक गलियारों में इस वक्त केवल एक ही चर्चा का विषय है। वह है साय कैबिनेट का विस्तार। कैबिनेट में इस वक्त 2 कुर्सी खाली है। ऐसे में न केवल कैबिनेट में शामिल होने वाले नए चेहरों को लेकर चर्चा हो रही बल्कि मौजूद मंत्रियों में भी बदलाव की अटकले हैं। कहा जा रहा है कि कुछ चेहरे बाहर भी हो सकते हैं, लेकिन बीजेपी सूत्रों का कहना है कि सरकार बने हुए अभी केवल 6 ही महीने हुए हैं, ऐसे में किसी मंत्री को बाहर करने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है। ये हो सकता है कि मंत्रियों के प्रभार बदल दिए जाएं। बीजेपी की कार्य प्रणाली को करीब से जानने वाले कह रहे हैं कि मंत्री मंडलके विस्तार में पार्टी चौका भी सकती है।
राज्य कैबिनेट में कौन-कौन शामिल होगा और कैबिनेट में किस तरह का बदलाव हो गया, इस रहस्य से कल पर्दा उठने की उम्मीद की जा रही है। दिल्ली गए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल राजधानी रायपुर लौट रहे हैं। साय ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भेंट की है। पार्टी नताओं के अनुसार इन मुलाकातों का मक्सद कैबिनेट विस्तार ही है। बेहद भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार साय ने संभावित नामों पर तीनों राष्ट्रीय नेताओं से चर्चा की है। उम्मीद की जा रही है कि इन बैठकों में नए मंत्रियों के नाम के साथ ही कैबिनेट का विस्तार भी फाइनल हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि कल रायपुर लौटने के बाद सीएम कैबिनेट के विस्तार की तारीखों के साथ ही शामिल किए जाने वाले चेहरों के संबंध में जानकारी देगें।
एक अनार सौ बीमार
प्रदेश कैबिनेट में मंत्री के 2 पद खाली हैं, लेकिन दावेदार दर्जनभर से ज्यादा हैं। इनमें नए और पुराने चेहरे शामिल हैं। मंत्री पद के दावेदारों में करीब आधा दर्जन वरिष्ठ विधायक हैं जो पहले मंत्री या अन्य किसी पद पर काम कर चुके हैं। बीजेपी के वरिष्ठ विधायकों में धरमलाल कौशिक विधानसभा के अध्यक्ष के साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। पुन्नूलाल मोहले, अमर अग्रवाल और राजेश मूणत करीब 15 साल तक रमन सरकार में मंत्री रह चुके हैं। रमन सरकार में मंत्री रहे विधायकों में अजय चंद्राकर, लता उसेंडी, रेणुका सिंह, भैयालाल राजवाड़े, विक्रम उसेंडी और चुनाव से पहले बीजेपी में आए धरमजीत सिंह शामिल हैं। पुराने के साथ ही कुछ नए चेहरे भी पद की दौड़ में शामिल हैं। जिन नामों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है उनमें इनमें रायपुर से राजेश मूणत, कुरुद के अजय चंद्राकर, बिलासपुर से अमर अग्रवाल, दुर्ग से गजेंद्र यादव और कोंडागांव से लता उसेंडी के नामों की चर्चाएं हो रही हैं।
जातिगत समीकरण में ओबीसी की दावेदारी सबसे मजबूत
अगर दो रिक्त पदों में से किसी एक पर ओबीसी विधायक को मंत्री बनाना होगा तो छह में से एक मंत्री से सरकार को इस्तीफा लेना होगा। क्योंकि 12 में सात मंत्री ओबीसी से तो कतई संभव नहीं। फिर बस्तर से हमेशा दो मंत्री रहे हैं। छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका कि सरगुजा से रामविचार नेताम, श्यामबिहारी जायसवाल और लक्ष्मी राजवाड़े याने तीन मंत्री और बस्तर से सिर्फ एक...केदार कश्यप। ऐसे में, लता उसेंडी की संभावना बढ़ रही है। लता को सरकार अगर मंत्री बनाती हैं तो वे आदिवासी के साथ महिला वर्ग का प्रतिनिधित्व करेंगी। लिहाजा सरकार को उनके मंत्री बनाने से दो फायदे होंगे। लता रमन सिंह मंत्रिमंडल में 10 साल मंत्री रह चुकी हैं।