Delhi News: डिप्टी सीएम का फार्मूला बीजेपी ने किया ड्रॉप, सत्ता के पैरेलेल पावर को लेकर राज्यों से फीडबैक ठीक नहीं
Delhi News: बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है। रेखा गुप्ता होंगी नई मुख्यमंत्री। मगर आश्चर्यजनक तौर पर भाजपा ने दिल्ली में डिप्टी सीएम के नाम का ऐलान नहीं किया है। जबकि, प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा थी। समझा जाता है कि बीजेपी ने जिन राज्यों में पिछले कुछ सालों में डिप्टी सीएम बनाया, वहां से फीडबैक सही नहीं। डिप्टी सीएम सरकार पैरेलेल सत्ता बनने लगे। बीजेपी ने अभी तक जितने राज्यों में उप मुख्यमंत्री बनाया, सभी के नामों का ऐलान मुख्यमंत्री के साथ ही हो गया था। मगर आज सिर्फ रेखा गुप्ता का सिंगल नाम एनाउंस हुआ।

Delhi News: रायपुर। दिल्ली में लंबे इंतजार के बाद बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी में सीएम के पद के करीब आधा दर्जन दावेदार थे। इनमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि बीजेपी दिल्ली में भी दो डिप्टी सीएम वाला फार्मूला लागू करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया गया। बीजेपी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना है। लेकिन डिप्टी सीएम के रुप में किसी के भी नाम का ऐलान नहीं किया गया है।
बीजेपी ने अभी तक जितने राज्यों में उप मुख्यमंत्री बनाया, सभी के नामों का ऐलान मुख्यमंत्री के साथ ही हो गया था। मगर आज सिर्फ रेखा गुप्ता का सिंगल नाम एनाउंस हुआ।
बीजेपी और उसके गठबंध वाले आठ राज्यों में डिप्टी सीएम हैं। बीजेपी ने राज्यों में पॉवर बैलेंस करने के लिए डिप्टी सीएम का फार्मूला चलाया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की तीन राज्यों में सरकार बनी। तीनों ही राज्यों में पार्टी ने दो-दो डिप्टी सीएम बनाए। ओडिशा में भी पार्टी ने मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम बनाया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में भी दो डिप्टी सीएम बना गए थे। यहां तक की बिहार में गठबंधन सरकार की बनने के बाद वहां भी डिप्टी सीएम बनाए गए, लेकिन दिल्ली में बीजेपी ने इस फार्मूला को किनारे कर दिया है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार सत्ता के पैरेलेल पावर वाला डिप्टी सीएम का यह फामूला पार्टी को रास नहीं आ रहा है। ज्यादातर राज्यों में पॉवर को लेकर खींचतान चल रही है। उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में यह सार्वजनिक भी हो चुका है। इसी वजह से पार्टी ने दिल्ली में इस फार्मूला को ड्राप कर दिया है।
बीजेपी की नोटिस में ये बात थी कि जिन राज्यों में दो उप मुख्यमंत्रियों का फार्मूला लागू किया गया है, वहां मुख्यमंत्री के अलावे दो और पावर सेंटर बन गए हैं। इससे कामकाज पर प्रभाव पड़ रहा है।
अधिकांश राज्यों में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों के बीच खींचतान की स्थिति निर्मित होने लगी है। उप मुख्यमंत्री को कोई संवैधानिक अधिकार नहीं मिला है। वे भी एक आम मंत्री की तरह होते हैं। मगर पदनाम उप मुख्यमंत्री हो जाने की वजह से उनमें मुख्यमंत्री के समकक्ष वाली फीलिंग आने लगती है। इससे सरकारों के साथ पार्टी का भी नुकसान हो रहा है। उत्तर प्रदेश में लोगों ने देखा ही मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच कैसी ठनी रही।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र, हरियाणा समेत दो उप मुख्यमंत्री वाले सभी राज्यों में यही हाल है।
दिल्ली में डिप्टी सीएम नहीं बनाने का एक कारण यह भी
पार्टी नेताओं के अनुसार दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी होने के साथ केंद्र शासित प्रदेश है। वहां की प्रशासनिक व्यवस्था में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, विशेष रुप से गृह मंत्रालय का। दिल्ली में डिप्टी सीएम नहीं बनाए जाने की एक वजह यह भी मानी जा रही है।
बीजेपी की इकलौती महिला सीएम
इस वक्त देश के करीब 15 राज्यों में बीजेपी और उसके गठबंधन की सरकार है। इनमें किसी में भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में रेखा गुप्ता मौजूदा समय में बीजेपी की इकलौती महिला मुख्यमंत्री होंगी।