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Congress MLA Yashoda Verma Biography In Hindi: कांग्रेस विधायक यशोदा वर्मा का जीवन परिचय...

Yashoda verma biograpgy in hindi:- यशोदा वर्मा खैरागढ़ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुई है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी विक्रांत सिंह को 5634 मतों के अंतर से चुनाव हराया है। सरपंच से अपना राजनीतिक जीवन सफर शुरू करने वाली यशोदा वर्मा ने जनपद सदस्य व जिला पंचायत सदस्य होते हुए खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस से दावेदारी कर पिछले बार जीत हासिल की थी और भाजपा व बसपा के उम्मीदवारों को हराते हुए विधायक चुनी गईं थी। जिसके बाद 2023 विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से कांग्रेस ने टिकट दी और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के भांजे जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को चुनाव हरा दुबारा विधायकी हासिल की।

Congress MLA Yashoda Verma Biography In Hindi: कांग्रेस विधायक यशोदा वर्मा का जीवन परिचय...
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By NPG News

Congress MLA Yashoda Verma Biography In Hindi: महिला विधायक यशोदा वर्मा खैरागढ़ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुई है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी विक्रांत सिंह को 5634 वोटों के अंतर से चुनाव हराया है। यशोदा वर्मा दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुई है। उन्होंने सरपंच से अपना राजनीतिक जीवन शुरु किया था और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस की टिकट से खैरागढ़ विधानसभा सीट से पहली बार उपचुनाव में जीत हासिल की थी। खास बात यह है कि इस सीट से उनके पति ने भी टिकट के लिए दावेदारी की थी। खैरागढ़ विधानसभा में 2018 के आम चुनाव में कांग्रेस तीसरे नम्बर पर रही थी और जोगी कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। वही यहां उपचुनाव में यशोदा वर्मा ने जोगी कांग्रेस को ऐसी पटखनी दी कि जोगी कांग्रेस तीसरे नंबर पर भी नही रह पाई। विधायक का शपथ ग्रहण करने के समय भी यशोदा वर्मा का देशी अंदाज चर्चाओं में आया था। जब वे छतीसगढ़ीया परिधानों में विधानसभा पहुँची और उन्होंने छतीसगढ़ी में शपथ ग्रहण किया।

यशोदा वर्मा ने देवारी भाठ गांव से सरपंच के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। उनके पति नीलांबर वर्मा पेशे से अधिवक्ता है और कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। दोनो पति पत्नी काफी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। यशोदा वर्मा जनपद सदस्य व जिला पंचायत सदस्य रह चुकी है। उनके पति नीलांबर वर्मा भी जनपद सदस्य रह चुके हैं। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में लोधी वोटरों की अधिकता है। यशोदा वर्मा राजनांदगांव जिला महिला लोधी समाज की अध्यक्ष भी है। यशोदा वर्मा लंबे समय से समाज सेवा में सक्रिय रहीं हैं। यही वजह है कि उन्हें कांग्रेस ने टिकट दी। खैरागढ़ विधानसभा मे छतीसगढ़ जनता कांग्रेस का कब्जा था। और यहां से राजपरिवार के दामाद देवव्रत सिंह विधायक हुआ करते थे। उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई और उपचुनाव करवाने पड़े। 12 अप्रैल को वोटिंग हुई और 16 अप्रैल को नतीजे आये। जनता कांग्रेस से खैरागढ़ राजपरिवार के दामाद और जाने माने वकील नरेंद्र सोनी को अपना उम्मीदवार बनाया था। जबकि भाजपा ने 2008 में विधायक रह चुके कोमल जंघेल को अपना प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस ने दोनो पुरुष उम्मीदवारों के मुकाबले में महिला प्रत्याशी उतारा। हालांकि यहां से यशोदा वर्मा के पति नीलांबर वर्मा समेत 24 प्रत्याशी टिकट की मांग कर रहे थे। जिनमे से 7 के नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे गए थे। जिनमे पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, दशमत जंघेल , ममता पाल और पदम कोठारी जैसे बड़े नाम भी शामिल थे। पर आलाकमान ने यशोदा वर्मा पर भरोसा जताया। और यशोदा वर्मा ने भरोसे पर खरे उतर कर जीत हासिल की।

2018 के उपचुनाव की कहानी:–

खैरागढ़ सीट जितना यशोदा वर्मा के लिए इस लिए भी प्रतिष्ठापूर्ण था क्योकि एक तरफ भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह कमान सम्हाले हुए थे। खैरागढ़ उनके गृह जिले कवर्धा से लगा हुआ है। और उनका प्रभाव क्षेत्र भी है। लिहाजा यह उनकी भी प्रतिष्ठा का प्रश्न था। उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। तो दूसरी ओर भूपेश बघेल की अगुआई में कांग्रेस कोई भी उपचुनाव सरकार बनने के बाद नही हारी थी। इसलिए यह उनकी भी प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ था। यहां कुल 2 लाख 11 हजार 516 वोटर है। जिनमे से 1लाख 65 हजार 807 (78.48 प्रतिशत) लोगो ने ही वोटिंग किया। यशोदा वर्मा को 87879 वोट मिले। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को 20,167 वोटों से हराया। जबकि छजका प्रत्याशी नरेंद्र सोनी की जमानत भी जब्त हो गई। उन्हें सिर्फ 1222 वोट मिलें। 21 राउंड में हुई गिनती में सभी राउंड में कोमल बढ़त बनाये रही और दोनो पुरुष उम्मीदवारों को हराकर जीत हासिल की।

आठवीं तक पढ़ी कोमल जंघेल का ठेठ छतीसगढिया अंदाज तब भी देखने को मिला। जब वे पूरी तरह से छतीसगढिया परिधानों में तैयार होकर विधानसभा शपथ ग्रहण करने पहुँची। शपथ ग्रहण समारोह में यशोदा वर्मा ने पतले बॉर्डर वाली नीले रंग की सारी, साथ ही कमर में करधन, बाजुबंध, गले में रुपए की माला पहनकर छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पोशाक पहनकर छतीसगढ़ी में शपथ ली। उन्हें विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने शपथ दिलाई। यशोदा वर्मा के परिवार के आय का मुख्य स्त्रोत खेती है। उनके पति नीलांबर वर्मा अधिवक्ता भी है। उनकी कुल 1 करोड़ 93 लाख 82 हजार 649 रुपये की कुल सम्पति है। विधानसभा चुनावों के समय खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा की गई थी। अब यशोदा वर्मा का लक्ष्य नए जिले को जल्द से जल्द मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।

2023 के उपचुनाव की कहानी:–

खैरागढ़ विधानसभा में कुल 182 109 मतदाताओं में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वही कांग्रेस के प्रत्याशी यशोदा वर्मा को वही भाजपा के प्रत्याशी विक्रांत सिंह को 84070 वोट मिले। कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने 5634 वोट से जीत हासिल की। तीसरा स्थान जनता कांग्रेस के जोगी के लक्की मंगल नेताम को 1244 वोट मिले। नोटा को 2312 वोट मिले। खैरागढ़ में कुल 11 उम्मीदवार थे।

यशोदा नीलांबर वर्मा ने आम चुनाव से 6 माह पहले ही उपचुनाव में जीत हासिल की थी। इसलिए किसी किस्म की एंटी इनकंबेंसी और नाराजगी नही रही। कांग्रेस ने इस सीट पर लोधी समाज की बाहुल्यता को देखते हुए जातिगत कार्ड खेला और उपचुनाव में जीत हासिल की हुई यशोदा वर्मा को ही टिकट दिया। जबकि भाजपा ने जातिवाद से परे हटते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया। खैरागढ़ विधानसभा में भाजपा ने चुनाव से ढ़ाई माह पहले ही अपना प्रत्याशी घोषित किया था। जिसके चलते वह ओवर कांफिडेंस में थी और उसे नुकसान उठाना पड़ा।

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