Congress MLA Vidyawati Sidar Biography in Hindi: कांग्रेस विधायक विद्यावती सिदार का जीवन परिचय...
MLA Vidyavati Sidar Biography:– रायगढ़ जिले की लैलूंगा विधानसभा से विद्यावती सिदार पहली बार विधायक निर्वाचित हुई है। उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा है। उन्होंने भाजपा की सुनीति राठिया को 4176 वोटो से चुनाव हराया है।
Congress MLA Vidyawati Sidar Biography in Hindi: रायगढ़ जिले की लैलूंगा विधानसभा से कांग्रेस की विद्यावती सिदार विधायक निर्वाचित हुई हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुनीति राठिया को 4176 वोटों के अंतर से चुनाव हराया हैं। यहां इससे पहले कांग्रेस के चक्रधर सिंह सिदार विधायक थे। अपने सिटिंग एमएलए का टिकट काटकर कांग्रेस ने विद्यावती सिदार को प्रत्याशी बनाया था। जिसका लाभ भी कांग्रेस को मिला।
विद्यावती सिदार राजनैतिक परिवार से आती है। उनके ससुर प्रेम सिंह सिदार लैलूंगा विधानसभा से तीन बार विधायक रह चुके हैं। वह जोगी शासन काल में भी विधायक निर्वाचित हुए हैं। विद्यावती सिदार की उम्र 40 वर्ष है। उनके पति का नाम कुंज बिहारी सिदार है उनका पता ग्राम कुंजेमुरा तहसील तमनार जिला रायगढ़ है। उन्होंने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा मध्यप्रदेश से 2001 में हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण की है। उनका एक पुत्र अभिषेक सिदार और एक पुत्री प्रेरणा सिदार है। विद्यावती सिदार का संपर्क नंबर 7223930355 है। विद्यावती सिदार और उनके पति का पेशा कृषि है। साथ ही बैंक में जमा रकम से उन्हें ब्याज प्राप्त होता है।
विद्यावती सिदार जनपद सदस्य रही हैं। साथ ही जिला महिला ग्रामीण कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष हैं। राजनैतिक पृष्ठभूमि के अलावा वे खुद भी लंबे समय से सक्रिय हैं। 2018 के चुनाव में भी वे टिकट की प्रबल दावेदार थी और मजबूती से टिकट मांग रही थी। पर चक्रधर सिंह सिदार को टिकट दिया गया था। 2020 में डीडीसी का चुनाव भी लड़ा पर उन्हें पराजय का समाना करना पड़ा। बावजूद उसके क्षेत्र में सक्रिय रहीं। पार्टी कार्यक्रमों में भी सक्रिय रहीं। स्वच्छ व जुझारू छवि की है। भाजपा ने जब यहां से महिला प्रत्याशी को टिकट दिया तब कांग्रेस ने भी काउंटर में महिला प्रत्याशी के रूप में विद्यावती सिदार को मैदान में उतार दिया।
लैलूंगा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति जनजाति के लिए रिजर्व है। यहां से 2018 की विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चक्रधर सिंह सिदार को 81170 वोट मिले थे। भाजपा के सत्यानंद राठिया को 57287 वोट मिले थे। चक्रधर सिंह सिदार को 24483 वोट से जीत हासिल हुई थी।
2023 में जीत की कहानी:–
कांग्रेस ने यहां सिटिंग विधायक के प्रति नाराजगी व एंटी इनकंबेंसी को समझ कर विधायक की टिकट काटकर विद्यावती सिदार को प्रत्याशी बनाया जिसका उन्हें लाभ मिला। जबकि लैलूंगा में भाजपा ने विरोध के बावजूद सुनीति राठिया को टिकट दिया जिसका भाजपा को नुकसान हुआ। लैलूंगा में नए व सक्रीय चेहरे को जनता ने पसंद किया।
विद्यावती सिदार 2018 में भी टिकट की दावेदार थी पर टिकट नहीं मिली तो भी पूरे 5 साल राजनीतिक जमीन तैयार की। ससुर विधायक थे। इलाके में पारिवारिक पकड़ थी। कांग्रेस सरकार की इमेज के साथ अपनी सरलता के साथ चुनाव लड़ा। लैलूंगा में कोई बड़ा मुद्दा नहीं होता चेहरे पर ही चुनाव लड़े जाते रहे हैं उसका लाभ मिला।
सुनीति राठिया पुराने चेहरे को जनता की स्वीकार नहीं किया। परिसीमन क्षेत्र यानी रायगढ़ के आसपास लगे लैलूंगा का क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है, यहां कम मतदान हुआ जिससे भाजपा को नुकसान हुआ। भाजपा ने प्रदेश गठन के बाद पांचवी चुनाव में भी चेहरा नहीं बदला जिसका नुकसान हुआ।
यहां कुल 175748 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस की विद्यावती सिदार को 84666 वोट मिले। भाजपा की सुनीति राठिया को 80490 वोट मिलें। कांग्रेस ने यहां से 4176 वोट से जीत हासिल की। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 2186 वोट मिले। नोटा को 2328 वोट मिले। यहां कुल 8 उम्मीदवार थे।