Congress MLA Dilip Lahariya Biography in Hindi: कांग्रेस विधायक दिलीप लहरिया का जीवन परिचय...
MLA Dilip Lahariya Biography:– छतीसगढ़ी लोक गायक दिलीप लहरिया मस्तूरी विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्हें कांग्रेस ने तीन बार टिकट दी है। पहली बार 2013 में वे बांधी को हराकर विधायक निर्वाचित हुए। दूसरी बार 2018 में बांधी से हार गए। तीसरी बार भाजपा के बांधी को 20141 मतों से चुनाव हराया। दिलीप लहरिया जब जब विधायक बने तब तब राज्य में उनकी पार्टी की सरकार नहीं बन पाई।

Congress MLA Dilip Lahariya Biography in Hindi: कांग्रेस की टिकट पर बिलासपुर जिले की मस्तूरी विधानसभा से दिलीप लहरिया विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर तीसरी बार चुनाव लड़ कर सिटिंग विधायक व भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी को 20141 वोटों से चुनाव हराया। मस्तूरी विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है। इसे विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 32 के नाम से जाना जाता हैं। दिलीप लहरिया एक लोक गायक हैं। वह 2013 में भी इस विधानसभा से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। 2018 में उन्हें बांधी से ही हार का सामना करना पड़ा था।
दिलीप लहरिया का जन्म 3 मई 1968 को ग्राम पंचायत धनगंवा ब्लॉक मस्तूरी में हुआ था। उनके पिता का नाम मनोहर लहरिया है। दिलीप लहरिया ने हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा अर्जित की है। वह पेशे से कृषक है। इसके अलावा लोक गायन भी करते हैं। दिलीप लहरिया का विवाह 21 मार्च 1991 को अहिल्या लहरिया के साथ हुआ है। उनकी पत्नी की जन्म तिथि 1 जनवरी 1973 है। दिलीप लहरिया के चार पुत्र व एक पुत्री हैं। वह ग्राम पंचायत धनगांव पोस्ट ओखर तहसील मस्तूरी जिला बिलासपुर के निवासी हैं। उनका मोबाइल नंबर 99810 19399 हैं। दिलीप लहरिया को लोक गायन में रुचि हैं। कोई छत्तीसगढ़ी लोकगीतों को गाकर जनता में मशहूर हुए हैं। दिलीप लहरिया को विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा लोग गायन कला के लिए पुरस्कृत किया गया हैं। उनकी कुल संपत्ति एक करोड़, 40 लाख 86 हजार रुपए हैं। दिलीप लहरिया पर एक अपराध मस्तूरी थाना में दर्ज हुआ हैं। जिसका अपराध क्रमांक 30/18 धारा 341,147 हैं।
छत्तीसगढ़ी लोकगीतों के देश के विभिन्न क्षेत्रों में सफल मंचन से प्रसिद्ध हुए दिलीप लहरिया को कांग्रेस ने 2013 में मस्तूरी विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया था। इसमें उन्होंने भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी को चुनाव हराकर जीत हासिल की थी। वे 2013 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। विधायक निर्वाचित होने के बाद 2014-15 में वे सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की कल्याण संबंधी समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहें।
2018 में भी कांग्रेस ने दिलीप लहरिया को प्रत्याशी बनाकर मस्तूरी विधानसभा से दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा था। पर उनके मुकाबले उतरे भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी ने चुनाव जीता था। कांग्रेस के दिलीप लहरिया तीसरे नंबर पर रहें थे। विजयी हुए बांधी को 67,950 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहें बसपा के जयेंद्र सिंह पाटले को 53,843 वोट मिले। कांग्रेस के प्रत्याशी रहे दिलीप लहरिया को 53,620 वोट मिले थे।
2013 में दिलीप लहरिया भाजपा के कृष्णमूर्ति बांधी से चुनाव जीते। 2018 में वे बांधी से ही हारे। 2023 में एक बार फिर दिलीप लहरिया पर कांग्रेस ने भरोसा जताया। उनके सीधी टक्कर फिर से भाजपा के विधायक कृष्णमूर्ति बांधी से हुई। दिलीप लहरिया को 95497 (46.79%) वोट मिले। भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी को 75356 (36.92%) वोट मिले। दिलीप लहरिया 20141 मतों से चुनाव जीत गए। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व डॉ दाऊराम रत्नाकर भी मस्तूरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें 15583 वोट मिले। निर्दलीय धर्मदास भार्गव को 3820 वोट मिले नोटा को 1395 वोट मिले।
2018 के चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 36.37 था। जो इस चुनाव में भी लगभग समान रहा। जबकि कांग्रेस का वोट प्रतिशत पिछले चुनाव में 28.70% था। जिसे कांग्रेस ने बढ़ाते हुए 46.79% तक पहुंचा दिया। जो जीत का कारण रहा। यहां बसपा ने भी प्रभावित वोट काटे। छत्तीसगढ़ी लोक गायक होने की वजह से दिलीप लहरिया की लोकप्रियता है। विधायक कृष्णमूर्ति बांधी के प्रति एंटी इंकेंबेंसी थी। भाजपा ने यहां चेहरा नहीं बदला। जो हार का कारण बनी। कांग्रेस की घोषणाओं के अलावा जनपद अध्यक्ष रहीं चांदनी भारद्वाज ने टिकट नहीं मिलने से बगावत कर जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ दिया। जिससे समाज के वोट बंट गए। यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। कांग्रेस यहां से 10वीं बार जीती है। जबकि भाजपा में स्थिति पर सिर्फ तीन बार जीत हासिल की है जो बांधी की वजह से ही जीती गई।