Congress Candidate Ajay Kumar Tirkey Biography in Hindi: कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार तिर्की का जीवन परिचय...
Ajay kumar Tirkey Biography:– अजय तिर्की को कांग्रेस ने रामानुजगंज विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाया हैं। अजय तिर्की पेशे से डॉक्टर हैं और हड्डी रोग विशेषज्ञ है। उन्होंने शासकीय सेवा में रहते रामानुजगंज में कई वर्षों तक सेवा दी है। फिर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में रहते वहां से इस्तीफा देकर अपना पहला चुनाव अंबिकापुर नगर निगम महापौर का लड़ा जिसमें विजयी रहे। दूसरी बार 2019 में फिर से अंबिकापुर के महापौर बने। अजय तिर्की की गिनती टीएस सिंहदेव के कट्टर समर्थको में होती है। दो बार लगातार विधायक निर्वाचित हुए बृहस्पति सिंह की टिकट काटकर अजय तिर्की को टिकट दी गई है। उनके मुकाबले भाजपा के पूर्व मंत्री रहे रामविचार नेताम है।
Congress Candidate Ajay Kumar Tirkey Biography in Hindi: कांग्रेस ने रामानुजगंज विधानसभा से अजय तिर्की को अपना प्रत्याशी बनाया है। रामानुजगंज विधानसभा बलरामपुर रामानुजगंज जिले में आती है। जो कि अनुसूचित जाति जनजाति के लिए रिजर्व सीट है। यहां से दो बार लगातार विधायक निर्वाचित हुए बृहस्पति सिंह का टिकट काटकर अंबिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की को टिकट दिया गया है।
55 वर्षीय अजय तिर्की पेशे से डॉक्टर है। वे सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आए हैं और अंबिकापुर निगम के दूसरी बार महापौर निर्वाचित हुए हैं। उनके पिता का नाम इंशाक तिर्की हैं। वे ग्राम पंचायत महुआपारा, फुंदूरडिहारी अंबिकापुर जिला सरगुजा छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। अजय तिर्की ने एमबीबीएस शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर से वर्ष 1993 में उत्तीर्ण किया। फिर एमएस आर्थो एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर से वर्ष 1999 में उत्तीर्ण किया हैं।
अजय तिर्की ने शासकीय चिकित्सक के तौर पर कई वर्ष सेवाएं दी हैं। रामानुजगंज स्वास्थ्य विभाग में बीएमओ के पद पर अजय तिर्की ने साल 2004 से 2011 तक अपनी सेवा दी हैं। फिर उनका स्थानांतरण अंबिकापुर जिला चिकित्सालय हो गया था। वहां वे आरएमओ के पद पर काम करते थे। हड्डी रोड विशेषज्ञ के तौर पर उन्होंने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दी हैं।
2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से रामानुजगंज विधानसभा सीट से ही टिकट मांगी थी। वह उसे क्षेत्र में लंबे समय तक चिकित्सक के रूप में सक्रिय रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने रामानुजगंज से दावेदारी की थी। पर उन्हें टिकट नहीं मिली थी। 2013 तक शासकीय सेवा करने वाले अजय तिर्की ने इस्तीफा देकर अपने जीवन का पहला चुनाव अंबिकापुर नगर निगम के महापौर का सन 2014 में लड़ा। पहली बार ही चुनाव मैदान में उतरे अजय तिर्की ने जीत हासिल कर अंबिकापुर के महापौर की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाया था। अजय तिर्की टीएस सिंहदेव के कट्टर समर्थक है। शासकीय सेवा से इस्तीफा देने के बाद टीएस सिंहदेव की सरपस्ती में अजय तिर्की ने अपने राजनैतिक कद को बढ़ाया। 2014 के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष चुनाव था। जिसमें अजय तिर्की ने अंबिकापुर निगम से जीत हासिल की थी। पर 2019 का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव था। जिसमें अजय तिर्की पहले पार्षद निर्वाचित हुए। फिर पार्षदों के माध्यम से महापौर का चुनाव हुआ। महापौर के रूप में अजय तिर्की को दूसरी बार काम करने का मौका मिला। और इस तरह से अजय तिर्की अंबिकापुर नगर निगम के लगातार दूसरी बार महापौर चुने गए।
2013 के बाद 2018 में भी अजय तिर्की ने रामानुजगंज विधानसभा सीट से दावेदारी की थी। पर यहां से बृहस्पति सिंह को दूसरी बार टिकट दे दी गई। अजय तिर्की रामानुजगंज में बतौर चिकित्सक कई वर्ष सेवा दे चुके थे। रामानुजगंज तहसील के ग्राम कंचन नगर में अजय तिर्की की खेती की भूमि भी है। अजय तिर्की उरांव समाज से आते हैं। इस समाज के वोटों की तादात काफी मात्रा में रामानुजगंज विधानसभा सीट में हैं।
यही वजह है कि वह इस सीट से दावेदारी कर रहे थे। 2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के तत्कालीन मंत्री रहे रामविचार नेताम को बृहस्पति सिंह ने हराया था। इसके बाद 2018 में दूसरी बार बृहस्पति सिंह ने भाजपा प्रत्याशी रामकिशन सिंह को 32916 वोट से हराया था। बृहस्पति सिंह को 64580 वोट मिले थे तो वही रामकिशन सिंह को 31664 वोट मिले थे। बड़े मार्जिन से जीतने के बाद भी बृहस्पति सिंह का टिकट इस बार काट कर अजय तिर्की को मौका दिया गया है।