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Chhattisgarh News: पूरे सीजन में राज्य सरकर सिर्फ 47 दिन खरीदेगी किसानों से धान,टारगेट को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

Chhattisgarh News: किसानों से समर्थन मूल्य पर हो रही धान की खरीदी को लेकर कांग्रेस ने बड़ा सवाल उठाया है। कांग्रेस का कहना है कि इस पूरे सीजन में राज्य सरकार किसानों से 47 दिन ही धान की खरीदी करेगी। इतने कम दिनों में टारगेट कैसे पूरा होगा। किसान अपना शेष धान कहां बेचेंगे। इस बात को लेकर किसान परेशान है। कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबुझकर ऐसा कर रही है। समितियों में बारदानों की कमी है।

Chhattisgarh News: पूरे सीजन में राज्य सरकर सिर्फ 47 दिन खरीदेगी किसानों से धान,टारगेट को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल
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By Radhakishan Sharma

Chhattisgarh News: बिलासपुर। किसानों से समर्थन मूल्य पर हो रही धान की खरीदी को लेकर कांग्रेस ने बड़ा सवाल उठाया है। कांग्रेस का कहना है कि इस पूरे सीजन में राज्य सरकार किसानों से 47 दिन ही धान की खरीदी करेगी। इतने कम दिनों में टारगेट कैसे पूरा होगा। किसान अपना शेष धान कहां बेचेंगे। इस बात को लेकर किसान परेशान है। कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबुझकर ऐसा कर रही है। समितियों में बारदानों की कमी है।

शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि भाजपा की साय सरकार किसानों के साथ बड़ा छलावा कर रही है। आज किसान अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों को 21 क्विंटल धान खरीदने और एक मुश्त भुगतान का वायदा किया था। एक वर्ष में ही सरकार अपने वायदे से मुकर गई है। जिससे किसान खासे परेशान हैं। किसानों को अपना धान साहूकारों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

भाजपा सरकार ने 01 नवम्बर से धान खरीदी के बजाय 14 नवम्बर से शुरू की जो 31 जनवरी तक होगी ,छुट्टी और शनिवार,रविवार को छोड़ दे तो केवल 47 दिन ही खरीदी की जाएगी। जबकि सरकार ने खरीदी का लक्ष्य 160 लाख मीट्रिक टन रखा है। लिहाजा प्रतिदिन साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन खरीदना पड़ रहा, जबकि प्रति सोसाइटी खरीदी मात्र औसत खरीदी 752 क्विंटल खरीदा जा रहा है। जिससे 47 दिनों में 160 लाख मीट्रिक टन नहीं खरीदी जा सकती। ऐसी स्थिति में किसान अपना शेष धान कहां बेचेंगे।

कांग्रेस ने उठाए ये सवाल

कांग्रेस की सरकार ने घोषित समर्थन मूल्य और केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई मूल्य को मिलाकर देती थी ,2500 समर्थन मूल्य और 140 रुपये केंद्र की वृद्धि को मिलाकर प्रति क्विंटल 2640 रुपये दी पर भाजपा सरकार ने घोषित समर्थन मूल्य 3100 रुपये एवं केंद्र सरकार की मूल्य वृद्धि 117 रुपये कुल 3217 रुपये एक मुश्त देने के बजाए मात्र 14 क्विंटल धान की खरीदी कर रही है और मात्र 2300 रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा है। जबकि 72 घण्टे में पूरा पैसा खाता में देने का वादा था ,धान खरीदी 14 नवम्बर से हो रहा है पर पैसे कब आएंगे इसकी गारंटी साय सरकार नहीं दे पा रही है। भाजपा सरकार ने अपने अधिकारियों से गलत अनावरी रिपोर्ट बनवाई है जिसके तहत एक एकड़ में मात्र 9 से 14 क्विंटल धान खरीदी की जा रही है।

समितियों में बारदाने की कमी

विजय पांडेय ने कहा कि हमारी सरकार ने बीज उत्पादक किसानों से भी पूरा उत्पादन खरीदती थी पर भाजपा सरकार ने बीज उत्पादक किसानों से धान न खरीदने का निर्णय लेते हुए सोसाइटी के सामने नोटिस चस्पा कर दिया है ,जिससे ऐसे किसानों बहुत ही परेशान है । सोसाइटियों के पास बारदानों की कमी है ,इससे भी धान खरीदी प्रभावित हो रही है,सोसाइटी के अधिकारी ,कर्मचारी किसानों के धान को गुणवत्ता और नमी के नाम रिजेक्ट कर रहे फिर कर्मचारी किसानों से वही धान आधे कीमत में खरीद रहे है जो सीधा सीधा किसानों के साथ विश्वासघात है। किसानों को आनलाइन टोकन दिया जा रहा है जिसके कारण 15-15 दिन तक टोकन नहीं मिल रहा है।

ट्रांसपोर्टिंग में हो रहा घाटा,मिलर्स नहीं उठा रहे धान

मिलर्स धान उठाने में असमर्थता दिखा रहे हैं, ट्रांसपोर्टिंग करने में उन्हें घाटा हो रहा है। कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपये धान मिलिंग के लिए दे रही थी जबकि भाजपा ने मात्र 60 रुपये दे रही है। जिससे मिलर्स धान का उठाव नही कर रहे धान संग्रहन स्थल पर पड़ा हुआ और खरीदी भी बाधित हो रही है। ऐसा लगता सरकार हर स्तर पर खुद अड़ंगा डाल कर धान खरीदना नहीं चाहती, क्योंकि भाजपा ने शुरू से ही समर्थन मूल्य में धान खरीदने का विरोध कर रही थी। प्रेस वार्ता के दौरान कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव,पूर्व विधायक रश्मि सिंह, राजेन्द्र शुक्ला, प्रमोद नायक, अभय नारायण राय, सभापति शेख नजीरुद्दीन, ऋषि पांडेय, सुभाष ठाकुर उपस्थित थे।

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