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Chhattisgarh News: नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने लगाया धान में भ्रष्‍टाचार का आरोप, बीजेपी बोली- उनके मुंह से भ्रष्टाचार की बातें अच्छी नहीं लगती

Chhattisgarh News: नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने धान खरीदी में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया है। राजीव भवन में प्रेसवार्ता लेकर डॉ. महंत ने यह आरोप लगाया। इस पर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्‍टाचार गिनाते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार में किसान खुशहाल हैं।

Chhattisgarh News: नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने लगाया धान में भ्रष्‍टाचार का आरोप, बीजेपी बोली- उनके मुंह से भ्रष्टाचार की बातें अच्छी नहीं लगती
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: रायपुर। धान को लेकर छत्‍तीसगढ़ में फिर सियासी घमासान शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता डॉ. चरणदास महंत ने आज प्रेसवार्ता लेकर राज्‍य सरकार पर धान में 1 हजार करोड़ से अधिक के भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने करोड़ों रुपये की राष्‍ट्रीय क्षति की है। करोड़ों रुपय का धान नष्‍ट हो गया। इस पर बीजेपी प्रवक्‍ता ने कहा कि जिन्होंने सत्ता से लेकर संगठन तक भ्रष्टाचार किया हो, उनके मुंह से भ्रष्टाचार की बातें अच्छी नहीं लगती। कांग्रेस के शासनकाल में किसानों को चार किश्तों में उनकी उपज का मूल्य तड़पा-तड़पाकर गांधी परिवार के लोगों के जन्मदिन या पुण्यतिथि पर खैरात की तरह दिया जाता था।

सरकार की लापरवाही से नष्‍ट हो गया 1 हजार 37 करोड़ 55 लाख का धान: डॉ. महंत

राजीव भवन में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि खरीफ फसल 2023 के धान की खरीदी के दौरान ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गई थी। कांग्रेस की सरकार के सुशासन के कारण प्रदेश के किसानों के द्वारा इतिहास का सर्वाधिक धान उत्पादन किया गया। इसीलिए समर्थन मूल्य पर अब तक की सर्वाधिक 144 लाख 92 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई।जो अनुमानित मात्रा 130 लाख मैट्रिक टन से 15 लाख मैट्रिक टन अधिक थी। राज्य सरकार द्वारा धान की इस मात्रा के भंडारण, मीलिंग तथा चावल के उपार्जन एवं भंडारण की कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई।

डॉ. महंत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की लचर सरकार के कुशासन के कारण इस संपूर्ण धान की न तो समय पर मिलिंग हुई और न ही खरीदी केन्द्रों तथा संग्रहण केन्द्रों पर बचे हुए धान की सुरक्षा एवं रखरखाव की समुचित व्यवस्था की गई। इसका दुष्परिणाम यह हुआ है कि दिनांक 02 सितंबर 2024 की स्थिति में धान खरीदी केन्द्रों से 4 लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान का उठाव तथा संग्रहण केन्द्रों से 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल धान का उठाव नहीं किया जा सका है। खरीदी केन्द्रों पर जो 4 लाख 16 हजार 410 क्विंटल धान शेष दिख रहा है वह पूरी तरह से नष्ट हो चुका हैए इस धान की कुल लागत 166 करोड़ 56 लाख रूपये होती है।

डॉ. महंत ने कहा कि यह शुद्ध रूप से राष्ट्रीय क्षति है। संग्रहण केन्द्रों में शेष धान 21 लाख 77 हजार 470 क्विंटल की कुल लागत 870 करोड़ 99 लाख रूपये होती है, इसमें से भी अधिकांश धान पानी से डैमेज हो चुका है, इसलिए कस्टम मीलिंग के लिए राईस मिलर्स इसका उठाव नहीं कर रहे हैं। कुल मिलाकर 1 हजार 37 करोड़ 55 लाख रूपये का धान खराब हुआ है।

डॉ. महंत ने धान नष्‍ट होने का जिलावार आंकड़ा भी मीडिया को दिया है। इसके अनुसार

जिला मुंगेली में उपार्जन केन्द्रों पर सर्वाधिक धान 26 करोड़ लागत मूल्य का 65154 क्विंटल नष्ट हुआ है।

जिला कबीरधाम में 16 करोड़ का 39744 क्विंटल,

जिला बिलासपुर में 15 करोड़ का 36310 क्विंटल,

जिला बालोद में 10 करोड़ का 25723 क्विंटल,

जिला बेमेतरा में 11 करोड़ 26436 क्विंटल,

जिला बलौदाबाजार में 19 करोड़ का 46332 क्विंटल,

जिला खैरागढ़ में 6 करोड़ का 15108 क्विंटल,

जिला जशपुर में 7 करोड़ का 16464 क्विंटल,

जिला कोरिया में 5 करोड़ का 11705 क्विंटल,

जिला कांकेर में 19 करोड़ का 47113 क्विंटल,

जिला बीजापुर में 6 करोड़ का 13988 क्विंटल,

जिला कोंडागांव में 6 करोड़ का 12992 क्विंटल

उन्‍होंने कहा कि जिला बस्तर, सुकमा, रायगढ़, सारंगढ़, राजनांदगांव, खैरागढ़, गरियाबंद, महासमुंद, बलरामपुर, तथा सरगुजा में भी भारी मात्रा में उपार्जन केन्द्रों पर धान नष्ट हुआ है। इसी प्रकार विपणन संघ के जिला बस्तर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, धमतरी तथा गरियाबंद में बड़ी मात्रा में धान शेष है जो कि वर्षा के पानी से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है और इस धान की मिलिंग करके यदि चावल बनाया जाएगा तो वह मानव के खाने योग्य नहीं होगा, वह चावल या तो पशु आहार बनाने के काम आएगा अथवा शराब बनाने के काम आएगा।

डॉ. महंत ने बताया धान का पूरा लेखाजोखा

डॉ. महंत ने बताया कि उपार्जित धान में से कुल 142 लाख 32 हजार 735 मैट्रिक टन धान कस्टम मीलिंग करने के लिए राइस मिलर्स को जारी किया गया है। धान की इस मात्रा का 67 प्रतिशत अर्थात 95 लाख 35 हजार 932 मैट्रिक टन अरवा चावल एफण्सीण्आई. तथा नागरिक आपूर्ति निगम में जमा हो जाना चाहिए था, परंतु 02 सितम्बर 2024 तक 68 लाख 21 हजार 77 मैट्रिक टन चावल ही जमा हुआ था । अर्थात् 27 लाख 14 हजार 855 मैट्रिक टन चावल जमा नहीं हुआ है इस चावल का कुल मूल्य 10 हजार 27 करोड़ 32 लाख रूपये होता है। 1038 करोड़ रूपये के इस राष्ट्रीय क्षति के लिए जिम्मेदार प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार हैं।

कांग्रेस के शासन में सरकार से संगठन तक हुआ भ्रष्‍टाचार, इसी वजह से ऐसा कह रहे हैं महंत: शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत द्वारा धान खरीदी, उसकी कस्टम मिलिंग व उसके रखरखाव में भ्रष्टाचार के आरोप पर कड़ा ऐतराज करते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार के विषय पर कांग्रेस का कुछ भी बोलना 'सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली' के चरित्र का परिचायक है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश की सुशासन वाली सरकार ने किसानों के कल्याण, उनके आर्थिक सशक्तीकरण और कृषि को लाभकारी बनाने के जितने काम पारदर्शिता के साथ किए हैं, कांग्रेस के लोग उसे पचा नहीं पा रहे हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि सत्ता में रहकर हर मौकों को अपने लिए भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का अवसर बनाने के माहिर खिलाड़ी कांग्रेस के लोगों को अब भी वही सब उसी तरह नजर आ रहा है जैसे पीलिया के मरीज को सब कुछ पीला-पीला नजर आता है। शर्मा ने कहा कि किसानों के नाम पर ढोल पीट-पीटकर कांग्रेस की सरकार ने कदम-कदम पर किसानों के साथ न केवल छल-कपट की पराकाष्ठा की, अपितु धान खरीदी के नाम पर उनके स्वाभिमान व सज्जनता को रौंदने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। कांग्रेस के शासनकाल में किसानों को चार किश्तों में उनकी उपज का मूल्य तड़पा-तड़पाकर गांधी परिवार के लोगों के जन्मदिन या पुण्यतिथि पर खैरात की तरह दिया जाता था। शर्मा ने महंत समेत तमाम कांग्रेस नेताओं को याद दिलाया कि 2 साल का बकाया बोनस देने का वादा करके कांग्रेस अपने उस वादे से मुकर गई थी। अनलिमिटेड धान की खरीदी करेंगे, यह वादा राहुल गांधी ने किया था, वह भी कांग्रेस ने पूरा नहीं किया।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि भाजपा की सरकार ने आते ही किसानों को उनकी उपज का मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से एकमुश्त दिया, धान खरीदी की लिमिट को प्रति एकड़ 21 क्विंटल कर दिया और साथ ही 2 वर्षों के बकाया बोनस का भी भुगतान कर दिया। केंद्र सरकार ने भी किसानों के हित के लिए नई-नई योजनाओं को लागू किया है, उनकी स्वीकृति भी कैबिनेट में दी है। किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 6000 रुपए प्रतिवर्ष मिल रहे हैं। किसानों का समुचित रूप से सर्वांगीण विकास हो रहा है। शर्मा ने कहा कि दरअसल कांग्रेस इसी बात से पूरी तरह से निराश व हताश है और गाहे-बगाहे अनर्गल बातें करके बेबुनियाद आरोप लगाती रहती है। कांग्रेस की अब यही नियति हो गई है। उसके पास कोई चारा भी नहीं बचा है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार का विषय है, महंत समेत कांग्रेस नेताओं को पहले अपनी पार्टी और पिछली भूपेश सरकार के कार्यकाल में झाँककर देखना चाहिए जहाँ सत्ता से लेकर संगठन तक में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार किया है! आज उसी कांग्रेस पार्टी में टिकट की खरीदी-बिक्री के आरोप तक लग रहे हैं। अरुण सिसौदिया ने कांग्रेस संगठन के फंड में भूपेश बघेल के करीबियों द्वारा घोटाला करने की शिकायत की है। शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में भूपेश सरकार के कई दिग्गज अधिकारी अभी जेल में है। जिन्होंने सत्ता से लेकर संगठन तक भ्रष्टाचार किया हो, उनके मुंह से भ्रष्टाचार की बातें अच्छी नहीं लगती। शर्मा ने नसीहत दी कि नेता प्रतिपक्ष महंत बड़े नेता हैं। उनको चाहिए कि कांग्रेस ने जो किया है, उस पर अपनी राय रखें और कांग्रेस पार्टी में जो चल रहा है, उसके बारे में जनता को बताएं।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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