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Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: सिक्‍सर किंग एमपी: रमेश बैस ही नहीं छत्‍तीसगढ़ के ये नेता भी लगातार 6 बार जीत चुके हैं लोकसभा का चुनाव

Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: छत्‍तीगसढ़ में लगातार सर्वाधिक बार लोकसभा चुनाव की बात होती है तो सबसे पहले रमेश बैस का नाम आता है। रायपुर संसदीय सीट से एमपी रहे बैस इस वक्‍त महाराष्‍ट्र के गर्वनर हैं। लेकिन बैस के साथ एक और नेता हैं जो 6 बार सांसद चुने गए हैं।

Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: सिक्‍सर किंग एमपी: रमेश बैस ही नहीं छत्‍तीसगढ़ के ये नेता भी लगातार 6 बार जीत चुके हैं लोकसभा का चुनाव
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: रायपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छत्‍तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही 11- 11 प्रत्‍याशी घोषित हो चुके हैं। इनमें 3 मौजूदा सांसद और 2 पूर्व सांसद हैं। बाकी 17 में से कुछ पहले लोकसभा का चुनाव लड़े हैं, लेकिन जीते नहीं हैं। जो 3 सीटिंग एमपी चुनाव मैदान में हैं उनमें दुर्ग से विजय बघेल, राजनांदगांव से संतोष पांडेय और कोरबा से ज्‍योत्‍सना महंत शामिल हैं। तीनों 2019 में पहली बार सांसद चुने गए थे। बीजेपी ने इस बार अपने 7 और कांग्रेस ने 1 सांसद की टिकट काट दी है। बीते 2-3 चुनावों से यही स्थिति बनी हुई है। हर बार कुछ सांसदों के टिकट काट दिए जा रहे हैं। लेकिन एक दौर वह भी था जब एक ही नेता कई बार चुनाव लड़ता था और कई-कई बार सांसद चुना जाता था। इसी छत्‍तीसगढ़ में एक ही सीट से लगातार 6-6 बार चुनाव जीता जा चुका है।

छत्‍तीसगढ़ में लोकसभा का चुनाव लगातार जीतने की जब चर्चा होती है तो लोग रमेश बैस को याद करते हैं। बैस रायपुर संसदीय सीट से 7 बार चुनाव जीत चुके हैं। इसमें 6 चुनाव वे लगातार जीते हैं। लगातार छठवीं और कुल सातवीं बार सांसद चुने जाने के बाद बीजेपी ने उन्‍हें राज्‍यपाल बना दिया। बैस पहली बार 1989 में सांसद चुने गए थे। 1991 में वे रायपुर संसदीय सीट से ही कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता वीसी शुक्‍ल से हार गए। इसके बाद 1996 में वे फिर चुनाव जीते और इसके बाद लगातार 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 सांसद चुने गए। 2019 के चुनाव से पहले बैस राज्‍यपाल बना दिए गए। यानी उन्‍हें हार का सामना नहीं करना पड़ा। प्रदेश में बैस के अलावा एक और नेता हैं जो एक ही सीट से लगातार 6 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इस दूसरे सिक्सर किंग एमपी का नाम परस राम भारद्वाज है।


जानिए... किस सीट पर लगातार जीत का भारद्वाज ने बनाया है रिकार्ड

परस राम भारद्वाज कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता थे। भारद्वाज अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षित सारंगढ़ सीट से चुनाव लड़ते थे। भारद्वाज पहली बार 1980 में सांसद चुने गए। इसके बाद उन्‍होंने 1984, 1989, 1991, 1996 और 1998 में जीत दर्ज की। कांग्रेस ने 1999 में भी भारद्वाज को सारंगढ़ सीट से टिकट दिया, लेकिन वे बीजेपी के पीआर खुंटे से चुनाव हार गए। 2004 के लोकसभा चुनाव के रण में भी भारद्वाज उतरे, लेकिन इस बार भी उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा।

एमपी कांग्रेस के अध्‍यक्ष भी रहे

भारद्वाज अविभाजित मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष रह चुके थे। 19 अक्‍टूबर 2015 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया था। उनकी गिनती अर्जुन सिंह और विद्याचरण के करीबी नेताओं में होती थी। भारद्वाज की बेटी रोमा और पुत्र रवि राजनीति में सक्रिय हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में रोमा ने पामगढ़ सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन उन्‍हें टिकट नहीं मिला। वहीं, रोमा के भाई रवि भारद्वाज कांग्रेस ने उन्हें 2019 में जांजगीर लोकसभा सीट से टिकट दी थी। लेकिन वे भाजपा के गुहाराम अजगल्ले से चुनाव हार गए।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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