Chhattisgarh Assembly Election 2023 सीतापुर विधानसभा: छत्तीसगढ़ की इस सीट से आज तक नहीं जीत पाई भाजपा, यहां 15 चुनाव हुए, कांग्रेस 12 बार जीती, 3 बार निर्दलीय
Chhattisgarh Assembly Election 2023
रायपुर. देशभर में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी का डंका है। फिलहाल देश के 15 राज्यों में बीजेपी की सरकार है। इनमें से 11 ऐसे राज्य हैं, जहां सीधे बीजेपी की सरकार है। वहीं 4 में बीजेपी गठबंधन की सरकार है। छत्तीसगढ़़ में एक विधानसभा सीट ऐसी भी है, जहां 1951 से लेकर आज तक भाजपा कभी जीत नहीं पाई। जी हां, आपने सही पढ़ा। छत्तीसगढ़ के सीतापुर विधानसभा सीट में आज तक भाजपा जीत नहीं पाई। यहां अब तक हुए कुल 15 चुनाव में सर्वाधिक 12 बार कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की। वहीं 3 बार निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे।
आजादी के बाद विधानसभा के लिए 1951 में चुनाव हुए, उस समय छत्तीसगढ़ का क्षेत्र सेंट्रल प्राविंस और बरार में आता था। पहली बार के चुनाव में सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से दो निर्दलीय प्रत्याशी हरिभजन और चीतू राम आमने-सामने थे। इस चुनाव में हरिभजन सिंह को कुल 9284 वोट मिले, जबकि चीतूराम को 7741 वोट मिले। इस तरह से हरिभजन सिंह ने 1843 वोट के अंतर से चुनाव जीता और सीतापुर के पहले विधायक बने। इसके बाद जब 1957 में चुनाव हुए तो हरिभजन सिंह कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे और दूसरी बार विधायक बने. हरिभजन के बाद दो और निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. इनमें से एक ऐसे प्रत्याशी भी हैं, जो भाजपा से चुनाव मैदान में उतरे तो हार गए थे.
सुखीराम-अमरजीत के नाम रिकॉर्ड
उरांव बहुल सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से सर्वाधिक बार विधायक चुनाव जीतने का रिकॉर्ड सुखीराम और अमरजीत भगत के पास है। दोनों ही नेता अब तक इस सीट से चार-चार बार चुनाव लड़कर जीत चुके हैं। सुखीराम कांग्रेस की टिकट पर पहली बार 1972 में चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने 1977, 1980, 1985 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इसी तरह मंत्री अमरजीत भगत साल 2003 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। पहली बार वे पांच हजार से ज्यादा वोटों से जीते और चौथी बार में इससे सात गुना की लीड से जीत दर्ज की.
भाजपा को हर बार मिली हार
भारतीय जनता पार्टी की टिकट से पहली बार 1985 के विधानसभा चुनाव में राम खेलावन चुनावी मैदान में उतरे। लेकिन उन्हें कांग्रेस के सुखीराम ने 2576 वोट से हराया। इसके बाद 1993 के चुनाव में भाजपा ने अनूप साय पर दांव खेला, लेकिन वो भी 4053 वोट से चुनाव हार गए। भाजपा ने 2003 में राजाराम भगत, 2008 में गणेश राम भगत, 2013 में राजा राम भगत और 2018 में प्रोफेसर गोपाल राम को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा। लेकिन इनमें से कोई भी भाजपा को जीत नहीं दिला सका।
जानिए, सीतापुर विधानसभा से कब-कौन रहा विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
1951 हरिभजन सिंह निर्दलीय
1957 हरिभजन सिंह कांग्रेस
1962 मोक्षमदन सिंह कांग्रेस
1967 मोक्षमदन सिंह कांग्रेस
1972 सुखी राम कांग्रेस
1977 सुखी राम कांग्रेस
1980 सुखी राम कांग्रेस
1985 सुखी राम कांग्रेस
1990 राम खेलावन निर्दलीय
1993 सुखदेव राम कांग्रेस
1998 प्रो. गोपाल राम निर्दलीय
2003 अमरजीत भगत कांग्रेस
2008 अमरजीत भगत कांग्रेस
2013 अमरजीत भगत कांग्रेस
2018 अमरजीत भगत कांग्रेस