Chhattisgarh Assembly Election 2023 Sarangarh Seat 17: सारंगढ़ विधानसभा: इस सीट से कांग्रेस के राजा नरेशचंद्र, नान्हू दाई और हुलास राम ही लगातार दो चुनाव जीत पाए, इसके बाद से किसी ने दोबारा जीत दर्ज नहीं की
Chhattisgarh Assembly Election 2023 Sarangarh Seat 17:
- सारंगढ़ का मैदान कांग्रेस ने 8, बीजेपी और बीएसपी ने जीता 2-2 बार जीता
एनपीजी एक्सक्लूसिव
रायपुर। छत्तीसगढ़ की सारंगढ़ विधानसभा सीट राजा-महाराजाओं के जमाने से है। इस विधानसभा में आजादी के बाद साल 1951 में पहला चुनाव हुआ और यहां से विधायक चुने गए राजा नरेशचंद्र सिंह और वेदराम। इसी तरह साल 1957 में हुए चुनाव में राजा नरेशचंद्र के साथ नान्हू दाई भी विधायक चुनीं गई। इन शुरुआती चुनाव में सारंगढ़ सीट द्वि-विधायक की थी, जिसके तहत दो विधायक चुने जाते थे। साल 1962 में जब चुनाव हुए तो यहां एकल विधायक प्रणाली शुरू हो चुकी थी। ऐसे में कांग्रेस ने पूर्व विधायक नान्हू दाई पर भरोसा जताया और उन्हें चुनावी मैदान में उतारा। इस चुनाव में नान्हू दाई ने निर्दलीय प्रत्याशी भगत राम को 1931 वोट से हराया था। वर्तमान में यहां की विधायक कांग्रेस की उत्तरी गनपत मनहर हैं, जिन्होंने 2018 के चुनाव में केरा बाई मनहर को 52389 वोट से हराया था। सारंगढ़ विधानसभा ऐसी सीट है, जहां से राजा नरेशचंद्र, नान्हू दाई और हुलास राम को छोड़ दें तो किसी ने भी दोबारा चुनाव नहीं जीता। सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अब तक प्रत्यक्ष रूप से कुल 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं।
सर्वाधिक वोट से जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के कुंजराम के नाम
सारंगढ़ विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक वोट प्रतिशत से जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस के कुंजराम के नाम है। 1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुंजराम को चुनावी मैदान में उतारा। वहीं भारतीय जनसंघ की ओर से कंठाराम प्रत्याशी थे। इस चुनाव में जनता ने कुंजराम पर खूब वोट बरसाए। चुनाव में कुल 25898 वोट पड़े, जिसमें से कुंजराम के खाते में कुल 19094 वोट आए। वहीं कंठाराम को केवल 2601 वोट मिले। इस तरह कुंजराम ने 16493 वोट के अंतर से चुनाव जीता। उस समय जीत के अंतर का प्रतिशत 67.23 था, जिसे अब तक कोई तोड़ नहीं पाया है।
बसपा और भाजपा ने जीता 2-2 चुनाव
सारंगढ़ विधानसभा में अब तक हुए चुनाव में कांग्रेस ने कुल 2 बार जीत दर्ज की है। वहीं भाजपा और बसपा के खाते में दो-दो जीत आई है। एक बार यहां से निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचा। साल 1998 और 2003 के दो चुनाव में बसपा प्रत्याशी ने यहां से चुनाव जीता था। 1998 में बसपा के डॉ छबिलाल रात्रे ने कांग्रेस के सबाराम मल्होत्रा को 1849 वोट से हराया था। साल 2003 के चुनाव में बसपा की कु. कामदा जोल्हे ने भाजपा के श्याम सुंदर को 8158 वोट से पटखनी दी। इसी तरह भाजपा को पहली जीत 1993 के विधानसभा चुनाव में मिली। इस चुनाव में भाजपा के शमशेर सिंह ने बसपा के डॉ छबिलाल को 7815 वोट से हराया था। इसके बाद भाजपा को दूसरी जीत के लिए 10 साल लग गए और 2013 के चुनाव में भाजपा की केराबाई मनहर ने कांग्रेस की पद्मा घनश्याम मनहर को 15844 वोट से हराया।
सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अब तक हुए विधायकों की जानकारी
वर्ष | विधायक | पार्टी |
1951 | राजा नरेशचंद्र सिंह | कांग्रेस |
वेदराम | कांग्रेस | |
1957 | राजा नरेशचंद्र सिंह | कांग्रेस |
नान्हू दाई | कांग्रेस | |
1962 | नान्हू दाई | कांग्रेस |
1967 | कुंजराम | कांग्रेस |
1972 | शिव प्रसाद | कांग्रेस |
1977 | हुलास राम मनहर | कांग्रेस |
1980 | हुलास राम मनहर | कांग्रेस |
1985 | पुरी राम चौहान | निर्दलीय |
1990 | भईया राम खुंटे | कांग्रेस |
1993 | शमशेर सिंह | बीजेपी |
1998 | डॉ छबिलाल रात्रे | बसपा |
2003 | कु. कामदा जोल्हे | बसपा |
2008 | पद्मा घनश्याम मनहर | कांग्रेस |
2013 | केरा बाई मनहर | बीजेपी |
2018 | उत्तरी गनपत जांगड़े | कांग्रेस |