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Chhattisgarh Assembly Election 2023 Sakti Assembly Seat 35. सक्ती विधानसभा: राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा के मतदाता हर बार बदल देते हैं पार्टी, सक्ती में दो बार खिला कमल, दो बार जनता ने कांग्रेस का हाथ थामा, पढि़ए इस रिपोर्ट में..

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Sakti Assembly Seat 35.

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Sakti Assembly Seat 35. सक्ती विधानसभा: राज्य बनने के बाद से इस विधानसभा के मतदाता हर बार बदल देते हैं पार्टी, सक्ती में दो बार खिला कमल, दो बार जनता ने कांग्रेस का हाथ थामा, पढि़ए इस रिपोर्ट में..
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Sakti Assembly Seat 35. इस शाही सीट पर डॉ. महंत ने दिखाई अपनी शक्ति, 2018 में रच दिया इतिहास

एनपीजी एक्सक्लूसिव

रायपुर। राज्य सरकार ने पिछले साल ही सक्ती को नया जिला बनाया है। सक्ती को जिला बनाए जाने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन क्या इस बार कांग्रेस इस सीट को बचा पाएगी, इस पर सभी की निगाहें होंगी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि राज्य गठन के बाद अब तक यहां 4 चुनाव हो चुके हैं और सक्ती की जनता हर पांच साल में पार्टी बदल देती है। इसे समझने के लिए यहां हुए चुनाव के बारे में समझते हैं..

राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ में साल 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में भाजपा ने तात्कालीन विधायक मेधाराम साहू को प्रत्याशी बनाया। वहीं कांग्रेस ने मनहरण राठौर को चुनावी मैदान में उतारा। यह चुनाव भाजपा ने 3272 वोट के अंतर से जीत लिया। इसी तरह पांच साल बाद 2008 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरोज मनहरण राठौर ने भाजपा के मेधाराम को 9392 वोट के अंतर से हराया। 2013 के चुनाव में फिर से उलटफेर हुआ और भाजपा के डॉ खिलावन साहू ने कांग्रेस की सरोज मनहरण राठौर को 9033 वोट के अंतर से मात दिया। अब 2018 के चुनाव की बारी थी और इस बार भी मतदाताओं ने पार्टी बदल दी। इस बार सक्ती की जनता ने कांग्रेस का हाथ थामा और चरणदास महंत 30046 वोट के अंतर से चुनाव जीते।

2018 में रिकॉर्ड मतों से जीते चरणदास महंत

साल 2018 के चुनाव में वर्तमान विधानसभा स्पीकर और कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने यह चुनाव 30 हजार से अधिक वोट से जीता। सक्ती में अब तक हुए कुल 15 चुनावों में यह एक रिकॉर्ड है। 2018 के चुनाव में सक्ती के मतदाताओं की संख्या 196828 थी, जिनमें से 148580 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब परिणाम सामने आए तो कांग्रेस के चरणदास महंत को 78058 वोट मिले। भाजपा के मेधाराम साहू को 48012 और बसपा के गौतम राठौर को 13907 वोट मिले। इस तरह चरणदास महंत ने 30046 वोट के अंतर से यह चुनाव जीत लिया। इस चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 12 की जमानत जब्त हुई।

छत्तीसगढ़ में हिसाब बराबर, लेकिन एमपी में कांग्रेस रही आगे

सक्ती विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव आजादी के बाद 1951 में हुआ। इस समय सक्ती का हिस्सा सेंट्रल प्राविंस एवं बरार में हुआ करता था। अब तक यहां कुल 15 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ गठन के बाद यहां 4 चुनाव हुए हैं, जबकि एमपी के समय में 11 विधानसभा चुनाव हुए। बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के बीच हिसाब बराबरी का है। वहीं मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां कांग्रेस का पड़ला भारी रहा। जब यह हिस्सा एमपी में था तो यहां कुल 11 चुनाव हुए, जिसमें से भाजपा को केवल 2 बार जीत मिली। वहीं कांग्रेस ने यहां कुल 6 चुनाव में जीत दर्ज की। दो बार सक्ती से निर्दलीय प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंचे। वहीं एक बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा रहा।

सक्ती से अब तक चुने गए विधायकों की जानकारी

वर्ष

विधायक

पार्टी

1951

राजा बहादुर लीलाधर सिंह

निर्दलीय

1957

राजा बहादुर लीलाधर सिंह

पीएसपी

1962

टंकराजेश्वरी

कांग्रेस

1967

आई देवी

कांग्रेस

1972

पुष्पेंद्र नाथ सिंह

निर्दलीय

1977

राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह

कांग्रेस

1980

राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह

कांग्रेस

1985

राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह

कांग्रेस

1990

पुष्पेंद्र बहादुर सिंह

बीजेपी

1993

राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह

कांग्रेस

1998

मेघाराम साहू

बीजेपी

2003

मेघाराम साहू

बीजेपी

2008

सरोज मनहरण राठौर

कांग्रेस

2013

डॉ खिलावन साहू

बीजेपी

2018

डॉ चरण दास महंत

कांग्रेस

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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