Chhattisgarh Assembly Election 2023 Raipur arang Seat 52: आरंग विधानसभा: एमपी के समय भाजपा से चुने गए विधायक, छत्तीसगढ़ बनते ही कांग्रेस में चले गए, पहले ही चुनाव में भाजपा से हारे, कौन है वो विधायक, पढि़ए एनपीजी की विशेष रिपोर्ट में..
Chhattisgarh Assembly Election 2023 Raipur arang Seat 52:
फैक्ट फाइल - 2023 विधानसभा चुनाव
- कुल मतदाता – 230997
- पुरुष मतदाता - 115528
- महिला मतदाता - 115464
- थर्ड जेंडर - 5
- 18-19 वर्ष के मतदाता - 7482
- 80 वर्ष से अधिक - 2330
- राज्य बनने के बाद इस सीट में चार चुनाव हुए, हर बार जनता ने नए उम्मीदवार के साथ गई
- राज्य गठन के पहले यहां 11 चुनाव हुए, शुरुआती दो चुनाव में दो विधायक चुने गए
एनपीजी एक्सक्लूसिव
रायपुर। रायपुर से सटी आरंग विधासभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से हुए पिछले चार चुनाव में यहां की जनता हर बार नए उम्मीदवार के साथ जाती है। यही कारण है कि इन चार चुनावों में अब तक कोई भी विधायक यहां से रिपीट नहीं हुआ। वर्तमान में यहां कांग्रेस से डॉ शिव डहरिया विधायक हैं।
बात छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पहले अविभाजित मध्यप्रदेश की है। 1990 में गंगूराम बघेल ने कांग्रेस के तिलिस्म को तोड़ते हुए पहली बार भाजपा को जीत दिलाई। इसके बाद उन्होंने 1993 और 1998 के चुनाव में भी जीत दर्ज की। लेकिन जब 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो वे कांग्रेस की अजीत जोगी सरकार में शामिल हो गए और फिर मंत्री भी बनाए गए। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जब 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तो गंगूराम बघेल कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में थे। उनके सामने भाजपा ने संजय ढीढी को मैदान में उतारा। जब परिणाम जारी हुए तो तीन बार के विधायक गंगूराम को संजय ढीढी ने 18 हजार वोट के अंतर से शिकस्त दी।
शुरुआती दो चुनाव में चुने गए चार विधायक
आरंग उन विधानसभा सीटों में से एक है, जहां दो विधायक चुने जाते थे। आजादी के बाद जब पहली बार 1951 में चुनाव हुए तो आरंग विधानसभा से लखनलाल गुप्ता और सुखचैन दास के रूप में दो विधायक चुने गए। दोनों ही विधायक कांग्रेस के थे। इसी तरह 1957 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर आरंग से दो विधायक चुने गए। इस बार लखनलाल गुप्ता के साथ जगमोहन दास ने जीत दर्ज की। 1962 में इस सीट से एक ही विधायक चुने जाने की शुरुआत हुई और जगमोहन फिर से विधायक बने।
एक बार बीजेपी, एक बार कांग्रेस के साथ
साल 2003 में हुए विधानसभा चुनाव से लेकर 2018 तक के चुनाव की बात करें तो आरंग की जनता ने एक बार भाजपा का साथ दिया तो दूसरी बार कांग्रेस का हाथ थामा। मतलब, अब तक हुए 4 विधानसभा चुनाव में भाजपा के हिस्से दो और कांग्रेस के हिस्से में दो जीत की खुशी आई है। साल 2003 में पहले चुनाव में भाजपा के संजय ढीढी जीते। 2008 के विधानसभा में कांग्रेस के रूद्र गुरू ने जीत दर्ज की। 2013 में एक बार फिर आरंग की जनता ने नवीन मारकंडेय को जीताकर यहां कमल खिलाया। वहीं 2018 में डॉ शिव डहरिया का हाथ थाम लिया।
अब एक नजर 2018 के विधानसभा चुनाव पर
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में आरंग विधानसभा से कुल 16 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे। कांग्रेस दो बार के विधायक डॉ शिव डहरिया को प्रत्याशी बनाया। वहीं भाजपा ने पूर्व विधायक संजय ढीढी को उम्मीदवार बनाया। इस बार जोगी कांग्रेस से संजय चेलक भी मैदान में थे। कुल मतदाताओं की संख्या 201938 थी, जिसमें से 155146 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब परिणाम जारी हुए तो डॉ शिव डहरिया के खाते में 69900 वोट, संजय ढीढी को 44823 वोट और जोगी कांग्रेस के संजय चेलक को 27903 वोट मिले। इस तरह 25077 वोट के अंतर से डॉ शिव डहरिया ने यह चुनाव जीत लिया।
जानिए, आरंग सीट से अब तक चुने गए विधायकों के बारे में
वर्ष | विधायक | पार्टी |
1951 | लखनलाल गुप्ता | कांग्रेस |
सुखचैन दास | कांग्रेस | |
1957 | लखनलाल गुप्ता | कांग्रेस |
जगमोहन दास | कांग्रेस | |
1962 | जगमोहन दास | कांग्रेस |
1967 | कन्हैया लाल कोसरिया | कांग्रेस |
1972 | कन्हैया लाल कोसरिया | कांग्रेस |
1977 | रतनदास हरदास | जेएनपी |
1980 | विजय कुमार | कांग्रेस |
1985 | विजय कुमार गुरू | कांग्रेस |
1990 | गंगूराम बघेल | बीजेपी |
1993 | गंगूराम बघेल | बीजेपी |
1998 | गंगूराम बघेल | बीजेपी |
2003 | संजय ढीढी | बीजेपी |
2008 | रूद्र ग्रुरू | कांग्रेस |
2013 | नवीन मारकंडेय | बीजेपी |
2018 | डॉ शिव डहरिया | कांग्रेस |