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Chhattisgarh Assembly Election 2023 लैलूंगा विधानसभा : यहां कांग्रेस और भाजपा की 50-50, 11 चुनाव हुए दोनों 5-5 बार जीते, पहली जीत राम राज्य परिषद की

Chhattisgarh Assembly Election 2023 लैलूंगा विधानसभा : यहां कांग्रेस और भाजपा की 50-50, 11 चुनाव हुए दोनों 5-5 बार जीते, पहली जीत राम राज्य परिषद की
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By Manoj Vyas

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की लैलूंगा विधानसभा सीट का मिजाज़ अलग ही रहा है। यहां जितनी दमदार कांग्रेस है, उतनी मजबूत भाजपा भी है। यही कारण है कि इस सीट में अब तक हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों का परफॉर्मेंस 50-50 रहा है। मतलब यह कि यहां अब तक हुए कुल 11 विधानसभा चुनाव में से 5 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है तो भाजपा ने भी 5 चुनाव में जीत दर्ज की है।

लैलूंगा विधानसभा में पहली बार 1962 में चुनाव हुआ। इस चुनाव में राम राज्य परिषद से नैऋत्य सिंह चुनावी मैदान में थे। कांग्रेस ने एस लकड़ा को अपना प्रत्याशी बनाया था। चुनाव में नैऋत्य सिंह ने 4273 वोट से एस लकड़ा को हराया था। इस तरह वे लैलूंगा विधानसभा के पहले विधायक बने थे।

1962 में पहला चुनाव, दूसरा 1977 में हुआ

लैलूंगा विधानसभा चुनाव में एक रोचक बात ये भी है। यहां पहला विधानसभा चुनाव 1962 में हुआ। वहीं 1963 के परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद ये सीट विलुप्त हो गई थी। ऐसे में इस सीट में 1967 और 1972 में विधानसभा चुनाव हुआ ही नहीं। 1972 में एक बार फिर से जब विधानसभा क्षेत्रों का नया परिसीमन हुआ तो दोबारा लैलूंगा सीट अस्तित्व में आया। इसके बाद 1977 में यहां फिर से चुनाव शुरू हुआ।

कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह ने लगातार तीन चुनाव जीता

1972 के परिसीमन के बाद लैलूंगा विधानसभा को फिर से विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया। नई सीट घोषित होने के बाद जब 1977 में यहां विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह मैदान में थे और जनता पार्टी की ओर से प्रेम सिंह सिदार उम्मीदवार थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने जनता पार्टी को 4355 वोट से हराया था। इसके बाद कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह ने 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में भी प्रेम सिंह सिदार को हराया। हालांकि इन दोनों चुनाव में प्रेम सिंह भाजपा की ओर से उम्मीदवार थे। 1990 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर से प्रेम सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा। उस वक्त कांग्रेस की प्रत्याशी उर्वशी देवी थीं। इस चुनाव में प्रेम सिंह ने उर्वशी देवी को 7462 वोट के अंतर से हराया। इसके बाद प्रेम सिंह ने 1993 और 1998 का विधानसभा चुनाव भी भाजपा की टिकट पर जीता। साल 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रेम सिंह 7वीं बार चुनावी मैदान में थे, लेकिन उन्हें कांग्रेस के सत्यानंद राठिया ने 5890 वोटों से हरा दिया। इस तरह प्रेम सिंह की चुनावी पारी समाप्त हो गई।

जानिए, लैलूंगा विधानसभा से कब-कौन रहा विधायक

वर्ष विधायक पार्टी

1962 नैऋत्य पाल आरआरपी

1977 सुरेंद्र सिंह कांग्रेस

1980 सुरेंद्र सिंह कांग्रेस

1985 सुरेंद्र सिंह कांग्रेस

1990 प्रेम सिंह सिदार बीजेपी

1993 प्रेम सिंह सिदार बीजेपी

1998 प्रेम सिंह सिदार बीजेपी

2003 सत्यानंद राठिया बीजेपी

2008 ह्दय राम राठिया कांग्रेस

2013 सनिति सत्यानंद राठिया बीजेपी

2018 चक्रधर सिंह सिदार कांग्रेस

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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