Chhattisgarh Assembly Election 2023: छठ से पहले मनोज तिवारी और रवि किशन मचाएंगे धूम, रायपुर-बिलासपुर सहित सरगुजा में भी मांग
Chhattisgarh Assembly Election 2023:
Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के मतदान से पहले भोजपुरी कलाकार से नेता बने मनोज तिवारी और रवि किशन की जबर्दस्त मांग है। तिवारी और रवि किशन भाजपा के सांसद हैं और अपने गानों के कारण यूपी-बिहार में खासे लोकप्रिय हैं। इनकी लोकप्रियता दूसरे राज्यों में भी है, जहां पूर्वांचल के लोग अच्छी खासी संख्या में रहते हैं। यही वजह है कि रायपुर-बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई के साथ-साथ सरगुजा के हिस्से में इनका रोड शो और सभा कराने की तैयारी है। बता दें कि दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को है, जबकि छठ पर्व की शुरुआत भी 17 से ही हो रही है, इसलिए इन नेताओं को बुलाकर भाजपा पूर्वांचल से जुड़े लोगों के वोट अपने नाम करना चाहती है।
यूपी-बिहार के 25 लाख वोटरों का 40 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव
छत्तीसगढ़ में यूपी-बिहार के लोगों की आबादी लगभग 25 लाख मानी जाती है। राज्य की 90 में 40 से ज्यादा सीटों पर इनका अच्छा प्रभाव माना जाता है। इस बड़े वोट बैंक की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने छठ पर्व पर दो वर्ष पहले सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी। यही वजह है कि दूसरे चरण की मतादान की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग लगातार की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के साथ ही आप समेत अन्य राजनीतिक दलों और संगठनों के लोगों ने चुनाव आयोग से दूसरे चरण की मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की अपील की है।
सीजी को भी योगी पसंद है
यूपी चुनाव के दौरान यूपी को योगी पसंद है, जुमला काफी चर्चित हुआ था, लेकिन सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के नेताओं को भी योगी आदित्यनाथ पसंद हैं। यही वजह है कि भाजपा के प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा मांग योगी आदित्यनाथ की है। केंद्रीय चुनाव कार्यालय में योगी की सभाओं के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा मध्यप्रदेश और राजस्थान से भी काफी मांग आ रही है, इसलिए उनके कार्यक्रम को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं आ रहा है, क्योंकि मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों से ज्यादा दबाव आ रहा है।
5 नवंबर के बाद आएगी गर्मी
कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों का फोकस अभी पहले चरण की 20 सीटों पर है। इन सीटों पर 5 नवंबर को चुनाव प्रचार थमने के बाद दूसरे चरण की सीटों पर फोकस बढ़ जाएगा। इसके बाद ही 70 सीटों पर चुनावी माहौल गरमाएगा। 7 नवंबर को दूसरे चरण की कुछ सीटों पर बड़े नेताओं की सभाएं हो सकती हैं, जिससे पहले चरण के वोटरों तक प्रभाव पड़े। वैसे सबसे ज्यादा इंतजार घोषणा पत्र का है। दोनों ही दल अपने घोषणा पत्र के संबंध में कोई भी जानकारी शेयर नहीं कर रहे हैं। ऐसी भी चर्चा है कि कांग्रेस पहले और दूसरे चरण के लिए अलग-अलग घोषणा पत्र जारी कर सकती है।