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Chhattisgarh Assembly Election 2023 Chandrapur Assembly Seat 36. चंद्रपुर विधानसभा: जब कांग्रेस के पांच बार के विधायक भवानी लाल वर्मा के बेटे नोबेल वर्मा ने एनसीपी की टिकट पर लड़ा चुनाव और जीते भी, पढि़ए एनपीजी की स्पेशल रिपोर्ट..

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Chandrapur Assembly Seat 36.

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Chandrapur Assembly Seat 36. चंद्रपुर विधानसभा: जब कांग्रेस के पांच बार के विधायक भवानी लाल वर्मा के बेटे नोबेल वर्मा ने एनसीपी की टिकट पर लड़ा चुनाव और जीते भी, पढि़ए एनपीजी की स्पेशल रिपोर्ट..
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By Sanjeet Kumar

- इस सीट पर रहा भवानी का जलवा, राजा हारे, लखीराम को भी मिली शिकस्‍त, दिलचस्‍प है इसकी कहानी

- इस सीट पर कांग्रेस ने 8 बार मारी बाजी, भाजपा ने जीता 4 विधानसभा चुनाव, एक चुनाव एनसीपी के खाते में

- एनपीजी एक्सक्लूसिव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाल ही में गठित हुए सक्ती जिले की चंद्रपुर विधानसभा सीट काफी पुरानी है। अविभाजित मध्यप्रदेश, सेंट्रर प्राविंस और बरार क्षेत्र में जब 1951 में पहली बार चुनाव हुआ तो उसमें चंद्रपुर विधानसभा सीट भी शामिल थी। हालांकि उस दौरान चंद्रपुर विधानसभा सीट से दो विधायक चुने जाने की प्रणाली थी, जिसमें 1962 के पहले बदलाव हुआ। 1962 में यहां पहली बार एकल विधायक प्रणाली से चुनाव हुए और कांग्रेस के धनसाय यहां से विधायक चुने गए।

1962 के विधानसभा चुनाव से गणित की शुरुआत की जाए तो अब तक चंद्रपुर विधानसभा सीट से कुल 13 विधायक हुए हैं। इसमें 8 बार कांग्रेस के विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे। वहीं 4 बार भाजपा और एक बार एनसीपी ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इस क्षेत्र से सबसे सफल विधायक कांग्रेस के भवानी लाल वर्मा माने जाते हैं। उन्होंने इस क्षेत्र से पांच बार विधानसभा चुनाव जीता है। पांच बार के विधायक रहे भवानी लाल वर्मा के बेटे नोबेल कुमार वर्मा ने भी यहां से दो बार चुनाव जीता। नोबेल वर्मा ने पहला चुनाव कांग्रेस की टिकट पर साल 1996 में लड़ा और जीत दर्ज की। 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर से नोबेल वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन इस बार उन्हें भाजपा की रानी रत्नमाला देवी ने 11006 वोट के अंतर से हराया दिया। छत्तीसगढ़ गठन के बाद जब साल 2003 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने नोबेल वर्मा का टिकट काटते हुए रश्मि गबेल को प्रत्याशी बनाया। इससे नाराज होकर नोबेल वर्मा एनसीसी की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और 12431 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। हालांकि 2013 के चुनाव में नोबेल वर्मा को हार का सामना करना पड़ा।

भवानी लाल वर्मा ने 1967 में जीता पहला चुनाव

साल 1967 में चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में यह चौथा चुनाव था। कांग्रेस ने भवानी लाल वर्मा को बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारा। इस चुनाव में उन्हें रिकॉर्ड 18568 वोट मिले। वहीं दूसरे स्थान पर जन कांग्रेस के एस कुमार रहे, जिन्हें 7916 वोट मिले थे। इस तरह भवानी लाल ने पहली बार चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने 1971 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी लखीराम को 12423 वोट से हराया। 1977 के चुनाव में भवानी लाल ने जनता पार्टी के रामेश्वर प्रसाद को 24599 वोट से शिकस्त दी। 1980 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी मनिया राम को और 1985 में निर्दलीय प्रत्याशी दुष्यंत कुमार को हराया। हालांकि 1990 का विधानसभा चुनाव वे दुष्यंत कुमार से हार गए थे।

बीजेपी की पहली जीत 1990 में मिली

चंद्रपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी को पहली जीत वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में मिली। चुनाव में भाजपा ने दुष्यंत कुमार(बाबा साहब) को बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारा। उनके विपरीत कांग्रेस से 5 बार के विधायक भवानी प्रसाद वर्मा चुनावी मैदान में थे। इस चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को 10129 वोट से शिकस्त दी। इसके बाद भाजपा की ओर से 1998 की चुनाव में रानी रत्नमाला देवी ने भाजपा को जीत दिलाई। 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में चंद्रपुर सीट से भाजपा के युद्धवीर सिंह जुदेव चुनाव लड़े और जीत दर्ज की।

चंद्रपुर विधानसभा सीट से सबसे बड़ी और छोटी जीत कांग्रेस के नाम

चंद्रपुर विधानसभा सीट में अब तक हुए चुनानों की बात करें तो सर्वाधिक वोट से चुनाव जीतने और सबसे कम वोट से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड कांग्रेस के नाम है। सर्वाधिक वोट से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के भवानी लाल वर्मा हैं, जिन्होंने 1980 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार मनियाराम को 30342 वोट से हराया था। इसी तरह सबसे कम वोट से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी इस सीट से कांग्रेस के धनसाय के नाम पर हैं। 1962 के चुनाव में उन्होंने राम राज्य परिषद की उम्मीदवार ज्योतसना देवी को 2237 वोट से हराकर विधानसभा पहुंचे थे।

अब एक नजर साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर..

साल 2018 के चुनाव में यहां से मुकाबला दो या तीन नहीं बल्कि चार प्रमुख प्रत्याशियों और पार्टियों के बीच रहा। कांग्रेस ने यहां बसपा से कांग्रेस में आए रामकुमार यादव को प्रत्याशी बनाया। वहीं भाजपा ने दो बार के विधायक रहे कद्दावर नेता युद्धवीर सिंह जुदेव की पत्नी संयोगिता सिंह को मैदान में उतारा। बसपा से गीतांजली पटेल और एनसीपी से सुमन नोबेल वर्मा चुनावी मैदान में थीं। 2018 में चंद्रपुर से 162145 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें से कांग्रेस के रामकुमार यादव को 51717 वोट मिले। बसपा की गीतांजली पटेल के हिस्से 47299 वोट, भाजपा की संयोगिता सिंह के हिस्से 39638 वोट और एनसीपी की सुमन नोबेल वर्मा को 14429 वोट मिले। इस तरह साल 2018 में कांग्रेस के रामकुमार यादव ने जीत दर्ज की।

चंद्रपुर विधानसभा सीट में अब तक हुए चुनाव और विधायकों की जानकारी..


वर्ष

विधायक

पार्टी

1962

धनसाय

कांग्रेस

1967

भवानी लाल वर्मा

कांग्रेस

1972

भवानी लाल वर्मा

कांग्रेस

1977

भवानी लाल वर्मा

कांग्रेस

1980

भवानी लाल वर्मा

कांग्रेस

1985

भवानी लाल वर्मा

कांग्रेस

1990

दुष्यंत कुमार

बीजेपी

1993

नोबेल कुमार वर्मा

कांग्रेस

1998

रानी रत्नमाला देवी

बीजेपी

2003

नोबेल कुमार वर्मा

एनसीपी

2008

युद्धवीर सिंह जुदेव

बीजेपी

2013

युद्धवीर सिंह जुदेव

बीजेपी

2018

रामकुमार यादव

कांग्रेस

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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