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Chhattisgarh Assembly Election 2023 बसपा लगाएगी 90 सीटों पर बाजी : सिटिंग एमएलए के टिकट नहीं काटेगी बसपा, सर्व आदिवासी समाज से समझौता संभव

पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी राज्यसभा सांसद रामजी गौतम 14 जून को रायपुर आएंगे. इस दौरान कुछ उम्मीदवार तय किए जा सकते हैं.

Chhattisgarh Assembly Election 2023 बसपा लगाएगी 90 सीटों पर बाजी : सिटिंग एमएलए के टिकट नहीं काटेगी बसपा, सर्व आदिवासी समाज से समझौता संभव
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By Manoj Vyas

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के अलावा जिस पार्टी का कैडर वोट है, वह बसपा (बहुजन समाज पार्टी) है. राज्य गठन से पहले से या कहें कि बसपा के गठन के बाद से ही अविभाजित मध्यप्रदेश में वर्तमान छत्तीसगढ़ के हिस्से में बसपा का प्रभाव रहा है. तब से लेकर हर चुनाव में एक-दो सीटें बसपा लाती रही है. 2018 के चुनाव में बसपा और जोगी कांग्रेस के गठबंधन ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ी धमक पैदा की थी. इस बार बसपा अकेले 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इस संबंध में बैठक लेने के लिए 14 जून को छत्तीसगढ़ के प्रभारी राज्यसभा सांसद रामजी गौतम रायपुर आएंगे. इस दौरान कुछ सीटों के लिए प्रत्याशियों पर मुहर लग सकती है. वर्तमान में जैजैपुर के विधायक केशव चंद्रा और पामगढ़ की विधायक इंदु बंजारे की टिकट पक्की मानी जा रही है.

बहुजन समाज पार्टी का गठन 1984 में हुआ था. इसके बाद अविभाजित मध्यप्रदेश में 1985 में चुनाव हुए थे. हालांकि इस चुनाव में बसपा ने हिस्सा नहीं लिया था. इसके बाद 1990 में जो चुनाव हुए, उसमें बसपा ने अपना प्रत्याशी उतारा. इस चुनाव में बसपा दो सीटें जीती. इनमें देवतालाब में जयकरण साकेत और छत्तीसगढ़ के हिस्से की सीट पामगढ़ में दाऊराम रत्नाकर जीते थे. इसके बाद 1993 में भी दाऊराम की जीत हुई. छत्तीसगढ़ राज्य गठन से पहले जो चुनाव हुए थे, उसमें बसपा से तीन विधायक बने थे. इनमें सारंगढ़ से डॉ. छबिलाल रात्रे, सीपत से इंजीनियर रामेश्वर खरे और पामगढ़ से दाऊराम रत्नाकर थे.

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2003 में जब पहली बार चुनाव हुए तो पार्टी ने 54 प्रत्याशी उतारे. इनमें दो जीते और 46 की जमानत जब्त हो गई. जो दो विधायक जीते, उनमें सारंगढ़ से कामदा जोल्हे और मालखरौदा से लालसाय खूंटे थे. कामदा अब भाजपा में है और मालखरौदा सीट परिसीमन के बाद खत्म हो गई है.

2008 में बसपा ने फिर दो सीटों पर जीत दर्ज की. इनमें अकलतरा से सौरभ सिंह और पामगढ़ से दूजराम बौद्ध विधायक बने. 2013 के चुनाव में बसपा 90 सीटों पर उतरी लेकिन सिर्फ एक सीट ही जीत पाई और जैजैपुर से केशव चंद्रा विधायक बने. दूजराम बौद्ध हार गए. 2018 में बसपा फिर दो सीटें जीतीं. जैजैपुर से केशव चंद्रा अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. वहीं, पामगढ़ सीट फिर से बसपा की झोली में आ गई. इस बार इंदु बंजारे विधायक बनीं.

2018 का परफॉर्मेंस

बसपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की.

मस्तूरी, अकलतरा, चंद्रपुर और बिलासगढ़ में दूसरी नंबर पर रही.

सामरी, सारंगढ़, जांजगीर, सक्ती, रायपुर पश्चिम, भिलाईनगर, अहिवारा, नवागढ़ और पंडरिया में तीसरे नंबर पर रही.

बसपा जोगी कांग्रेस गठबंधन 7 सीटें जीतीं. 6 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही और 36 सीटों पर तीसरे नंबर पर रही.

गठबंधन पर अभी कोई निर्णय नहीं

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम के मुताबिक इस बार 90 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी है. फिलहाल गठबंधन को लेकर कहीं बात नहीं चल रही, लेकिन सर्व आदिवासी समाज की ओर से गठबंधन की पेशकश है. हालांकि इस पर फैसला पार्टी सुप्रीमो मायावती करेंगी. फिलहाल चुनावी तैयारियों के संबंध में 14 जून को बैठक होगी. इसमें राज्यसभा सांसद व छत्तीसगढ़ प्रभारी रामजी गौतम आएंगे. इसी बैठक में कुछ सीटों के प्रत्याशी तय किए जाएंगे या पैनल तैयार कर लिया जाएगा. बसपा में सिटिंग एमएलए के टिकट नहीं काटे जाते, इसलिए केशव चंद्रा और इंदु बंजारे प्रत्याशी रहेंगे. बैठक के बाद तय किया जाएगा किन नेताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती से मिलाना है.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

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