Begin typing your search above and press return to search.

Chhattisgarh Assembly Election 2023 CG जोगी कांग्रेस अब BRS : पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी का होगा KCR की पार्टी में विलय, हैदराबाद में होगा ऐलान

21 जून 2016 को कांग्रेस से अलग होकर अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के नाम पर से पार्टी बनाई थी.

Chhattisgarh Assembly Election 2023 CG जोगी कांग्रेस अब BRS : पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी का होगा KCR की पार्टी में विलय, हैदराबाद में होगा ऐलान
X
By Manoj Vyas

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का तेलंगाना की सत्तारूढ़ पार्टी भारत राष्ट्र समिति में विलय होगा. इसी महीने हैदराबाद में विलय का ऐलान होगा. भारत राष्ट्र समिति के बैनर तले 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. चुनाव के लिए संसाधन भी भारत राष्ट्र समिति द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. हालांकि छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम जोगी ही चेहरा होंगे. आज देर रात या कल तक वह तारीख तय कर दी जाएगी, जिस दिन विलय का ऐलान होगा. वैसे कार्यकर्ताओं में यह चर्चा है कि 21 जून वह संभावित तारीख हो सकती है, क्योंकि 21 जून 2016 को जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था.

छत्तीसगढ़ से सभी विधानसभा के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ डॉ. रेणु जोगी, अमित जोगी, ऋचा जोगी और कोर ग्रुप के सदस्य हैदराबाद जाएंगे, जहां जोगी कांग्रेस के भारत राष्ट्र समिति में विलय की घोषणा होगी. इसके बाद तेलंगाना के सीएम केसीआर (के. चंद्रशेखर राव) की एक बड़ी सभा कराने की योजना है. छत्तीसगढ़ में अपने वजूद को बचाने के लिए जूझ रही जोगी कांग्रेस इसे संजीवनी बूटी की तरह देख रही है. बीआरएस में विलय को लेकर कार्यकर्ताओं में आशंका मिश्रित उत्साह है. सागौन बंगले में कोर ग्रुप की बैठकें चल रही हैं. हालांकि अमित जोगी या पार्टी के प्रमुख नेता छत्तीसगढ़ में तारीख पर चर्चा करने से बच रहे हैं.

क्या बस्तर में लीड दिलाएगी BRS

छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी एक प्रमुख चेहरा था. कांग्रेस छोड़कर भी उन्होंने 2018 के चुनाव में अपनी मौजूदगी दिखाई थी. बसपा के साथ गठबंधन कर जोगी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की. जोगी कांग्रेस के प्रत्याशियों की बात करें तो 5 विधायक हल चलाता किसान छाप से जीते. वहीं, एक प्रत्याशी दूसरे नंबर पर और 28 प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. चुनाव से पहले बनी पार्टी के लिए यह एक अच्छा आंकड़ा माना गया. हालांकि बाद में जोगी कांग्रेस का पतन शुरू हुआ. पहले सीएम जोगी के निधन के बाद मरवाही में जोगी परिवार की दावेदारी ही खत्म कर दी गई. इसी बीच खैरागढ़ और बलौदाबाजार के विधायक बागी हो गए. बाद में खैरागढ़ के विधायक देवव्रत सिंह का निधन हो गया. वहीं, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह को पार्टी ने निष्कासित कर दिया. इसी के साथ कार्यकर्ता भी धीरे-धीरे कांग्रेस की ओर जाने लगे. छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से बस्तर से तेलंगाना लगा हुआ है. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वहां से बीआरएस के बैनर तले जोगी कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है. बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग के लोग तेलंगाना में काम करने के लिए जाते हैं. इसे लेकर भी दोनों दल चुनावी एजेंडा ला सकते हैं.

छत्तीसगढ़ में फैसला जोगी के हाथ में

यहां सबसे अहम सवाल यह है कि जोगी कांग्रेस के विलय से बीआरएस या केसीआर को क्या फायदा होगा? तेलंगाना की मीडिया के मुताबिक केसीआर तीसरी बार सरकार बनाकर हैट्रिक लगाना चाहते हैं. इसके बाद वे अपने बेटे केटी रामाराव (केटीआर) को सत्ता सौंपकर राष्ट्रीय राजनीति में दांव आजमा सकते हैं. यही वजह है कि केसीआर तेलंगाना के बाहर दूसरे राज्यों में अपनी टीम बनाने में जुटे हैं. जोगी कांग्रेस के जरिए छत्तीसगढ़ से पहले महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में भी अपनी एंट्री की कोशिश में लगे हैं. एक दिन पहले ही केसीआर ने नागपुर में बीआरएस के कार्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान महाराष्ट्र में सभी सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. केसीआर छोटी पार्टियों को साथ लेकर देश में एक अलग फ्रंट बनाना चाहते हैं.

छत्तीसगढ़ में बीआरएस की पहुंच आसान

जोगी कांग्रेस के जरिए छत्तीसगढ़ में बीआरएस की एंट्री आसान होगी, क्योंकि उन्हें हर जिले में आसानी से टीम मिल जाएगी. इस तरह दूसरे राज्यों के मुकाबले यहां अपनी जड़ें जमाने में आसानी होगी. यही वजह है कि जोगी कांग्रेस और बीआरएस के बीच गठबंधन के बजाय केसीआर ने विलय पर जोर दिया. केसीआर और अमित जोगी के बीच कई दौर की चर्चा के बाद सहमति बनी है. इससे पहले अमित आंध्रप्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी, एनसीपी चीफ शरद पवार, टीएमसी चीफ ममता बैनर्जी, रामदास आठवले से भी मिल चुके हैं. चर्चा यह भी है कि जोगी और आम आदमी पार्टी के बीच भी चर्चा हुई, लेकिन संसाधन उपलब्ध कराने के मुद्दे पर बात नहीं बनी. वैसे भाजपा और कांग्रेस में विलय को लेकर भी सियासी गलियारे में चर्चा होती रही.

जोगी कांग्रेस का रिपोर्ट कार्ड

ये सीटें जीतीं – मरवाही, कोटा, लोरमी, बलौदाबाजार, खैरागढ़.

यहां दूसरे नंबर पर – रामपुर.

यहां तीसरे नंबर पर – मनेंद्रगढ़, लैलुंगा, कटघोरा, मुंगेली, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, खल्लारी, महासमुंद, कसडोल, भाठापारा, धरसीवां, रायपुर ग्रामीण, रायपुर उत्तर, आरंग, अभनपुर, राजिम, संजारी बालोद, गुंडरदेही, पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, वैशालीनगर, साजा, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव, खुज्जी, मोहला मानपुर.

बसपा का परफॉर्मेंस

बसपा ने जैजैपुर और पामगढ़ दो सीटों पर जीत दर्ज की.

मस्तूरी, अकलतरा, चंद्रपुर और बिलासगढ़ में दूसरी नंबर पर रही.

सामरी, सारंगढ़, जांजगीर, सक्ती, रायपुर पश्चिम, भिलाईनगर, अहिवारा, नवागढ़ और पंडरिया में तीसरे नंबर पर रही.

Manoj Vyas

मनोज व्यास : छत्तीसगढ़ में 18 साल से पत्रकारिता में सक्रिय, सभी प्रमुख संस्थाओं में दी सेवाएं, इसी दौरान हरिभूमि समाचार पत्र से जुड़े। इसके बाद दैनिक भास्कर में सिटी रिपोर्टर के रूप में जॉइन किया। नौकरी के साथ-साथ गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से एमएमसीजे की पढ़ाई पूरी की। न्यायधानी के बाद राजधानी का रुख किया। यहां फिर हरिभूमि से शुरुआत की और नेशनल लुक, पत्रिका, नवभारत, फिर दैनिक भास्कर होते हुए भविष्य की पत्रकारिता का हिस्सा बनने के लिए NPG.News में बतौर न्यूज एडिटर जॉइन किया। इस बीच नवभारत के भुवनेश्वर, ओडिशा एडिशन में एडिटोरियल इंचार्ज के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

Read MoreRead Less

Next Story