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Chhattisgarh Assembly Election 2023 Bilaspur Assembly Seat 30: न्‍यायधानी बिलासपुर विधानसभा सीट से सिर्फ 2 विधायक ऐसे जो रिपीट नहीं हो पाए, पढ़िए NPG की खास रिपोर्ट

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Bilaspur Assembly Seat 30:

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Bilaspur Assembly Seat 30: न्‍यायधानी बिलासपुर विधानसभा सीट से सिर्फ 2 विधायक ऐसे जो रिपीट नहीं हो पाए, पढ़िए NPG की खास रिपोर्ट
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By Sanjeet Kumar
  • साल 2018 में बिलासपुर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 217971 थी।
  • इन मतदाताओं में से कुल 134273 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
  • कुल 28 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जिनमें से 26 की जमानत जब्त हो गई।
  • अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस यहां तीसरे स्थान पर रही और उसे 3641 वोट मिले।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की पुरातन नगरी बिलासपुर को हाई कोर्ट की वजह से न्यायधानी कहा जाता है। रायपुर के बाद सूबे का यह दूसरा बड़ा शहर है। बिलासपुर में अब तक 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य गठन से पहले 11 और बाद में चार। इन चुनावों के जरिए बिलासपुर को अब तक कुल 7 विधायक मिले हैं। इनमें कांग्रेस के बीआर यादव और भाजपा के अमर अग्रवाल ने 4-4 चुनाव जीता। वहीं, कांग्रेस के शिवदुलारे रामाधीन और रामचरण राव ने 2-2 बार यहां के विधायक चुने गए। लेकिन कांग्रेस के श्रीधर मिश्रा और भाजपा के मूलचंद खंडेलवाल ऐसे विधायक रहे, जो रिपीट नहीं हो पाए। ऐसे में अब बिलासपुर के वर्तमान विधायक शैलेष पाण्डेय पर सबकी निगाहें रहेंगी। नजर इसलिए रहेगी कि क्या वे इस मिथक को तोड़ पाएंगे।

अब बात करते हैं बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में हुए अब तक के चुनावों की। साल 1951 में जब बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव हुआ तो कांग्रेस ने शिवदुलारे रामाधीन को अपना प्रत्याशी बनाया। वहीं उनके सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रामचरण राय थे। चुनाव के बाद जब परिणाम सामने आए तो शिवदुलारे को 13958 वोट मिले, जबकि रामचरण को महज 3681 वोट से संतुष्ट होना पड़ा। इस तरह शिवदुलारे ने यह चुनाव 10277 वोट के अंतर से जीतकर बिलासपुर के पहले विधायक बनें। 1957 में हुए दूसरे चुनाव में एक बार फिर से शिवदुलारे ने जीत दर्ज की, लेकिन इस बार जीत का मार्जिन 1022 रह गया।

यहां 15 चुनाव हुए, 10 कांग्रेस, 5 चुनाव भाजपा ने जीता

बिलासपुर विधानसभा में अब तक 15 चुनाव हुए हैं। साल 1951 से लेकर 1985 तक के चुनाव में यहां कांग्रेस कभी नहीं हारी, लेकिन 1990 के चुनाव में कांग्रेस के तीन बार के विधायक बीआर यादव के सामने भाजपा के मूलचंद खंडेलवाल को दोबारा उतारा गया। इस चुनाव में बीजेपी को 43043 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 35467 वोट। इस तरह भाजपा को पहली बार बिलासपुर से जीत मिली। हालांकि इसके ठीक 3 साल बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में खंडेलवाल चुनाव हार गए और बीआर यादव चौथी बार बिलासपुर से विधायक चुने गए। भाजपा के अमर अग्रवाल ने इस सीट से 1998 में पहली बार जीत दर्ज की। इसके बाद वे 2003, 2008 और 2013 में भी विधायक चुने गए। साल 2018 के चुनाव में अमर अग्रवाल को हार का सामना करना पड़ा।

अब डालते हैं साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर नजर...

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बिलासपुर सीट से कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की। कांग्रेस के शैलेष पाण्डेय ने भाजपा के चार बार के विधायक और मंत्री रहे अमर अग्रवाल को 11221 वोट के अंतर से हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे।


वर्ष

विधायक

पार्टी

1951

शिवदुलारे रामाधीन

कांग्रेस

1957

शिवदुलारे रामाधीन

कांग्रेस

1962

रामचरण राय

कांग्रेस

1967

रामचरण राय

कांग्रेस

1972

श्रीधर मिश्रा

कांग्रेस

1977

बीआर यादव

कांग्रेस

1980

बीआर यादव

कांग्रेस

1985

बीआर यादव

कांग्रेस

1990

मूलचंद खंडेलवाल

भाजपा

1993

बीआर यादव

कांग्रेसं

1998

अमर अग्रवाल

भाजपा

2003

अमर अग्रवाल

भाजपा

2008

अमर अग्रवाल

भाजपा

2013

अमर अग्रवाल

भाजपा

2018

शैलेष पाण्डेय

कांग्रेस


Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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